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महाराष्ट्र में एक शादी सभी के लिए चर्चा का विषय बन गई है. क्योंकि इस शादी में दूल्हा एक नौजवान और दुल्हन एक ट्रांसजेंडर है. जी हां ये कमाल की लव स्टोरी मनमाड जैसे छोटे से शहर में रहने वाली महंत शिवलक्ष्मी और येवले के संजय झाल्टे की है. दोनों की शादी 1 जून 2021 को मनमाड के पास नागपुर में एक प्राचीन नागेश्वर महादेव मंदिर में हुई.
टिक-टॉक से शुरू हुआ प्यार का सिलसिला
शिवलक्ष्मी और संजय दोनों पढ़े लिखे हैं. शिवलक्ष्मी ने एमए बीएड की पढ़ाई पूरी की है. तो वहीं संजय 12वीं में पढ़ रहे हैं. दो साल पहले सोशल मीडिया के जरिये दोनों की जान पहचान हुई.
शिवलक्ष्मी टिक टॉक पर वीडियो बनाती हैं. संजय शिवलक्ष्मी के विडीयोज को फॉलो करता था. दोनों की दोस्ती हुई और मेलजोल बढ़ने लगा. जल्द ही ये दोस्ती प्यार में बदल गई. प्यार का ये सिलिसिला बढ़ता गया और दोनों अपने रिलेशनशिप को लेकर गंभीरता से विचार करने लगे.
वैलेंटाइन डे के मौके पर संजय ने शिवलक्ष्मी को प्रपोज किया. शिवलक्ष्मी ने भी तुरंत उसे स्वीकार किया. लेकिन शर्त रखी कि उसे सबके सामने शिवलक्ष्मी को अपनाना होगा. इसीलिए दोनों ने शादी करने का फैसला कर लिया.
रिश्ते के लिए कैसे माना दोनों का परिवार?
अब उनके सामने बड़ा सवाल था कि क्या समाज और घर परिवार उनकी शादी को मंजूरी देगा. लेकिन दोनों ने अपने घरवालों के साथ बैठकर इस विषय पर चर्चा की. उन्हें दुनियाभर में हो रहे बदलाव और इस रिश्ते की अहमियत को समझाया. घरवालों ने भी उनकी भावनाओं का आदर किया. शादी के लिए राजी हो गए. सबसे अहम बात ये है कि दोनों की शादी परंपरागत रीति रिवाजों ले साथ की गई. हालांकि लॉकडाउन के नियमों के चलते काफी कम लोग इस शादी में शरीक हो पाए. शादी के बाद शिवलक्ष्मी बताती है कि,
“भारतीय संस्कृति में लड़की शादी के बाद अपने पति के घर ससुराल जाती है. मुझे कभी नहीं लगा था कि मुझे एक बहू के रूप में स्वीकार किया जाएगा. लेकिन हम दोनों के परिवार ने समाज के सभी रूढ़ी परंपराओं से ज्यादा हमारे रिश्ते को अहमियत दी. मुझे अपने नाम की तरह सही मायने में एक लक्ष्मी के रूप के स्वीकारा. ये सब एक सपने की तरह है. जाहिर है में बहुत खुश हूं.”
बता दें कि संजय के परिवार ने शिवलक्ष्मी के घर जाकर शिवलक्ष्मी का अपने बेटे के लिए हाथ मांगा. शिवलक्ष्मी के भाई ने भी तुरंत मंजूरी दी और दोनों की शादी तय हुई.
संजय का कहना है कि,”हमने काफी सोच समझ कर ये कदम उठाया है. हमारी शादी के बाद 10 लोग समर्थन करेंगे, तो 10 लोग विरोध करेंगे. लेकिन हम किसी भी विरोध पर ध्यान नहीं देते क्योंकि हमें पता है कि हमें एक दूसरे के साथ रहने का, शादी करने का अधिकार है.”