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नई दिल्ली: देश में 18 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए कोराना वैक्सीन मुफ्त दिए जाने के पहले दिन रिकॉर्ड 86.16 लाख टीका लगाया गया. कोरोना वायरस के खिलाफ सरकार ने टीकाकरण कार्यक्रम को तेज कर दिया है. हालांकि इस बीच लोगों को वैक्सीन लगाने के बाद नपुंसकता और बांझपन का डर सता रहा है, जिस पर सरकार ने जवाब दिया है.
क्या पुरुष हो जाएंगे नपुंसक और महिलाएं बांझ?
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने दोहराया है कि कोविड-19 रोधी टीका लगवाने से पुरुषों और महिलाओं के बांझपन का शिकार होने का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है और टीके सुरक्षित व प्रभावी हैं. मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि मीडिया में आई खबरों में कोविड-19 टीकाकरण के चलते प्रजनन आयु के लोगों के बीच बांझपन को लेकर चिंता जताई गई है.
‘पहले भी फैलाई जा चुकी है इस तरह की अफवाह’
मंत्रालय ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में मीडिया में आईं कुछ खबरों में नर्सों सहित स्वास्थ्य कर्मियों और अग्रिम मोर्चे के कर्मियों के एक वर्ग में विभिन्न अंधविश्वासों और मिथकों की व्यापकता को उजागर किया गया है. पोलियो और खसरा-रूबेला के खिलाफ टीकाकरण अभियान के दौरान भी इस तरह की गलत सूचना और अफवाहें फैलाई गईं थीं.
‘प्रजनन क्षमता को प्रभावित नहीं करती वैक्सीन’
मंत्रालय ने कहा कि उसने वेबसाइट पर पोस्ट किए गए एफएक्यू (FAQ) (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल) में स्पष्ट किया है कि उपलब्ध टीकों में से कोई भी प्रजनन क्षमता को प्रभावित नहीं करता है, क्योंकि सभी टीकों और उनके घटकों का परीक्षण पहले जानवरों और बाद में मनुष्यों पर किया जाता है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि इनका कोई दुष्प्रभाव तो नहीं.
टीके सुरक्षित और प्रभावी: स्वास्थ्य मंत्रालय
बयान में कहा गया है कि टीकों को उनकी सुरक्षा और प्रभावशीलता सुनिश्चित होने के बाद ही उपयोग के लिए अनुमति दी जाती है. बयान के अनुसार, ‘इसके अलावा, भारत सरकार ने कोविड-19 टीकाकरण के कारण बांझपन के बारे में मिथक को रोकने के लिए स्पष्ट किया है कि इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है कि कोविड-19 टीकाकरण पुरुषों और महिलाओं में बांझपन का कारण बन सकता है. टीके सुरक्षित और प्रभावी पाए गए हैं.’
‘स्तनपान कराने वाली महिलाएं लगा सकती हैं टीका’
कोविड -19 टीकाकरण को लेकर विशेषज्ञों के राष्ट्रीय समूह (NEGVAC) ने स्तनपान कराने वाली सभी महिलाओं के लिए कोविड -19 टीकाकरण की सिफारिश की है. समूह ने इसे सुरक्षित बताते हुए कहा है कि टीकाकरण से पहले या बाद में स्तनपान को रोकने की कोई आवश्यकता नहीं है.