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नई दिल्ली: इस वक्त भारत कोरोना वायरस की दूसरी लहर का सामना कर रहा है। दूसरी लहर के दौरान मामलों में तेजी से उछाल आने के बाद अब नए केसेस में लगातार गिरावट आ रही है। हालांकि इस बीच तीसरी लहर की भी लगातार वैज्ञानिक चेतावनी दे रहे हैं। जिसे लेकर राज्य से लेकर केंद्र सरकार सतर्क है और अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। लेकिन इस बीच एक चिंताजनक बात सामने आई है।
दरअसल, विशेषज्ञों का कहना है कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली (Delhi) में भविष्य में कोरोना वायरस स्थानीय महामारी में बदल जाएगा। दूसरी लहर का प्रकोप शांत होने के बाद राजधानी में नए मामलों में तो गिरावट आई है, लेकिन वायरस का स्वरूप चेंज होने के साथ ही, यहां पर कोरोना के शून्य के जादूई आंकड़े पर पहुंचने की संभावना नहीं है। बता दें कि बीते साल केजरीवाल सरकार में स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने भी कहा था कि लोगों को कोरोना वायरस के साथ रहना सीखना होगा। जैन ने कहा था कि लोगों को कोरोना के संक्रमण के रोकथाम के उपायों को अपनी जिंदगी का हिस्सा बनाना होगा।
कोरोना के मामले आते रहेंगे
एक मीडिया रिपोर्ट में दिल्ली के एलएनजेपी अस्पताल के चिकित्सा निदेशक डॉ. सुरेश कुमार के हवाले से लिखा गया है कि कोरोना के कुछ मामले आते रहेंगे। वायरस का स्वरूप बदल रहा है और भविष्य में भी इसके व्यवहार का अनुमान लगाना मुश्किल है। ऐसे में शून्य एक असंभव आंकड़ा है। इसके अलावा अन्य डॉक्टर्स का भी यही मानना है। उनका कहना है कि कोरोना की मौजूदगी बनी रहेगी। शून्य के आंकड़े पर आना असंभव होगा। अब अस्पतालों में हेपेटाइटिस और एचआईवी की तरह कोविड-19 की भी जांच की जाएगी।
दूसरी लहर में दिल्ली में हालात हो गए थे बदतर
जाहिर है कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान दिल्ली में स्वास्थ्य व्यवस्थाएं पूरी तरह चरमरा गई थीं। बड़ी तादाद में रोजाना मरीजों की संख्या बढ़ने से अस्पतालों में संक्रमितों की भीड़ बढ़ती गई और इससे अस्पतालों में बेड और ऑक्सीजन की भारी कमी पैदा हो गई थी। यही नहीं, बेड की कमी और ऑक्सीजन की किल्लत के चलते मरीजों ने अपना दम तोड़ दिया। वहीं, अब इस बीच लगातार तीसरी लहर के दस्तक की चेतावनी दी जा रही है। जो कि अन्य लहरों के मुकाबले और घातक बताई जा रही है।