
शिमला | मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने शुक्रवार को राज्य विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए 53,413 करोड़ रुपये का अपना पहला बजट भविष्य की कई उम्मीदों के साथ पेश किया। 30,000 लोगों को सरकारी नौकरियां व निजी क्षेत्र में प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से 90,000 को रोजगार देने की घोषणा की गई। 40,000 नए लोगों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन के दायरे में लाने की बात भी की। मुख्यमंत्री ने बजट भाषण पेश करते हुए कहा कि राज्य में पहले चरण में 2.31 लाख महिलाओें को प्रतिमाह 1,500-1,500 रुपये दिए जाएंगे। इसमें प्रतिवर्ष 416 करोड़ रुपये खर्च होंगे। बजट में मुख्यमंत्री ने युवाओं, बेरोजगारों, महिलाओं, किसानों, पशुपालकों, कारोबारियों, जनप्रतिनिधियों, कर्मचारियों, अस्थायी कर्मियों आदि को कुछ न कुछ देने का प्रयास किया। मुख्यमंत्री ने बजट भाषण में 31 मार्च 2026 तक हिमाचल प्रदेश को ग्रीन एनर्जी स्टेट के रूप में विकसित करने का एलान किया। बजट में 25 हजार विभिन्न कार्यात्मक पदों को भरने की घोषणा है।
इनमें विशेषज्ञ डॉक्टर, नर्सें, रेडियोग्राफर, ओटी सहायक, लैब तकनीशियन, फार्मासिस्ट, एमआरआई तकनीशियन, ईसीजी तकनीशियन, मेडिकल कॉलेजों में फैकल्टी, तकनीकी शिक्षा विभाग में विभिन्न श्रेणियों के अध्यापक, इंस्ट्रक्टर, शिक्षा विभाग में विभिन्न वर्गों के शिक्षक, पुलिस आरक्षी, पंचायत सचिव, तकनीकी सहायक, ग्राम रोजगार सहायक, पैरा फिटर, पंप ऑपरेटर, मल्टी टास्क पार्ट टाइम वर्कर, बिजली बोर्ड में लाइनमैन, जूनियर टीमेट व लिपिकों के पद शामिल हैं। इसके अतिरिक्त पेयजल, सिंचाई व सीवरेज स्कीमों के रखरखाव व परिचालन के लिए विभिन्न श्रेणियों के पांच हजार पद भरे जाएंगे। बजट में विधायक ऐच्छिक निधि को 12 से बढ़ाकर 13 लाख रुपये करने की घोषणा की गई। विधायक क्षेत्र विकास निधि को दो करोड़ रुपये से बढ़ाकर 2.10 करोड़ रुपये किया।
निजी क्षेत्र में 90,000 प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रोजगार
2023-24 में 20 हजार करोड़ रुपये के निजी निवेश के साथ 90,000 प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर प्रदान किए जाएंगे। नई ओद्यौगिक नीति व निवेशकों की सुविधा के लिए ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टमेंट प्रोमोशन खोला जाएगा। बजट में घोषणा की गई कि सिंगल विंडो सिस्टम खत्म होगा। नई उद्योग नीति लाई जाएगी। बेरोजगार युवाओं को 500 रूटों पर इलेक्ट्रिक वाहन के परमिट दिए जाएंगे। हमीरपुर में बस पोर्ट बनाया जाएगा जिस पर 10 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
ग्रीन हाइड्रोजन नीति बनाई जाएगी, शराब पर प्रति बोतल 10 रुपये सेस
हिमाचल प्रदेश में हर उपमंडल की दो पंचायतें ग्रीन पंचायतें बनेंगी। प्रदेश में ग्रीन हाइड्रोजन नीति लाई जाएगी। कांगड़ा हवाई पट्टी का विस्तार मौजूदा 1372 मीटर से 3010 मीटर किया जाएगा। शराब पर प्रति बोतल 10 रुपये दूध सेस लगाया जाएगा। जिसका इस्तेमाल दूध उत्पादकों की आय में वृद्धि के लिए किया जाएगा। बिजली बनाने के लिए लगने वाले पानी पर वाटर सेस लगाया जाएगा।
राजस्व प्राप्तियां 37,999 करोड़ रहने का अनुमान
वर्ष 2023-24 में राजस्व प्राप्तियां 37, 999 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है तथा कुल राजस्व व्यय 42, 704 करोड़ रुपये अनुमानित है। इस प्रकार कुल राजस्व घाटा 4,704 करोड़ रुपये अनुमानित है। राजकोषीय घाटा 9, 900 करोड़ रुपये अनुमानित है जोकि प्रदेश के सकल घरेलू उत्पाद का 4.61 प्रतिशत है। बजट के अनुसार प्रति 100 रुपये व्यय में से वेतन पर 26 रुपये, पेंशन पर 16 रुपये, ब्याज अदायगी पर 10 रुपये, ऋण अदायगी पर 10 रुपये, स्वायत्त संस्थानों के लिए ग्रांट पर 9 रुपये, जबकि शेष 29 रुपये पूंजीगत कार्यों सहित अन्य गतिविधियों पर खर्च किए जाएंगे। 2023-24 के लिए राज्य विकास बजट के लिए 9,524 करोड़ रुपये व्यय किए जाने का प्रस्ताव है। अनुसूचित जाति विकास कार्यक्रम के लिए 2,399 करोड़, जनजातीय विकास कार्यक्रम के लिए 857 करोड़ तथा पिछड़ा क्षेत्र विकास कार्यक्रम के लिए 104 करोड़ रुपये के व्यय किए जाने प्रस्तावित हैं। इसके अतिरिक्त केंद्रीय योजनाओं के लिए 3,397 करोड़ रुपये के व्यय प्रस्तावित किए गए हैं
पैरा वर्करों सहित एसएमसी व आईटी शिक्षकों शिक्षकों का मानदेय बढ़ाया
बढ़े हुए मानदेय के साथ आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को अब 9,500 रुपये मासिक, मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को 6,600, आंगनबाड़ी सहायिका को 5,200, आशा वर्कर को 5,200, मिड डे मील वर्करों को 4,000, जल वाहकों (शिक्षा विभाग) को 4,400, जल रक्षक को 5,000, जल शक्ति विभाग के बहुउद्देश्यीय कार्यकर्ताओं को 4,400, पैरा फिटर तथा पंप-ऑपरेटरों को 6,000 रुपये, दिहाड़ीदारों को 25 रुपये बढ़ोतरी के साथ 375 रुपये प्रतिदिन दिहाड़ी मिलेगी। आउटसोर्स कर्मी को अब न्यूनतम 11,250 रुपये प्रति माह मिलेंगे। एसएमसी अध्यापकों के मानदेय में 500 रुपये, आईटी शिक्षकों को 2,000 ,एसपीओ को 500 रुपये प्रतिमाह बढ़ोतरी की घोषणा की गई।
नगर निगम महापौर का मानदेय पांच हजार बढ़ाया, 1.36 लाख एनपीएस कर्मचारियों को देंगे ओपीएस
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने नगर निकाय के प्रतिनिधियों का मानदेय बढ़ाने की भी घोषणा की। स्थानीय नगर निकायों में महापौर एवं उप महापौर नगर निगम के मानदेय में 5,000 रुपये, पार्षद नगर निगम, अध्यक्ष, उपाध्यक्ष व पार्षद नगर परिषद तथा प्रधान, उप प्रधान व सदस्य नगर पंचायत के मानदेय में 500 रुपये की वृद्धि की घोषणा की गई है। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने सत्ता संभालते ही पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की घोषणा की है। इसका लाभ 1लाख 36 हजार एनपीएस कर्मचारियों को मिलेगा। 8000 करोड़ रुपये की एनपीएस राशि जो भारत सरकार के पास पड़ी है। उसे प्रदेश को लौटाने के लिए राज्य मंत्रिमंडल ने प्रस्ताव पारित किया है। इस राशि को केंद्र सरकार से जारी करवाने के लिए वह विपक्ष के सदस्यों से अनुरोध करते हैं कि वे भी इसमें मदद करें।
पंचायत प्रतिनिधियों का मानदेय बढ़ाया
पंचायती राज संस्थाओं में जिला परिषद के अध्यक्षों व उपाध्यक्षों के मानदेय में 5,000 रुपये की बढ़ोतरी की गई है। सदस्य जिला परिषद, अध्यक्ष, पंचायत समिति, उपाध्यक्ष पंचायत समिति, सदस्य पंचायत समिति, प्रधान व उप प्रधान ग्राम पंचायत के मानदेय में 500 रुपये प्रतिमाह की वृद्धि के साथ सदस्य ग्राम पंचायत को प्रति बैठक मिलने वाले मानदेय में 200 रुपये की वृद्धि की गई है। पंचायत चैकीदार को 7,000, राजस्व चैकीदार को 5,500, राजस्व लंबरदार को 3,700 प्रतिमाह मिलेंगे। इसके साथ ही सिलाई अध्यापिकाओं के मानदेय में 500 रुपये बढ़ोतरी की घोषणा की गई।
मनरेगा दिहाड़ी बढ़ाई, हिम गंगा योजना शुरू होगी
प्रदेश के मनरेगा दिहाड़ी को 212 रुपये से बढ़ाकर 240 रुपये की है। जनजातीय क्षेत्रों में मिलने वाली दिहाड़ी को 266 बढ़ाकर लगभग 294 रुपये होगी। नौ लाख मनरेगा मज़दूर हैं और इनमें 65 प्रतिशत महिलाएं हैं। इससे 100 करोड़ रुपये का अतिरिक्त व्यय राज्य सरकार वहन करेगी। मुख्यमंत्री लघु दुकानदार कल्याण योजना आरंभ होगी। मनरेगा के तहत विभिन्न कार्य किए जा रहे हैं। इन कार्यों के निरीक्षण के लिए एक सहायक की सेवाएं ली जाएंगी। इससे 30 हज़ार व्यक्ति लाभान्वित होंगे। ये सभी विभागों की योजनाओं में समन्वय स्थापित करेंगे ताकि मनरेगा और योजनाओं का लाभ सभी वर्गों तक पहुंचे। अन्य प्रदेश के 26 विकास खंडों में 132 केंद्र बनाए जाएंगे। इन केंद्रों को स्वयं सहायता समूह संचालित करेंगे। इनके माध्यम से खेती के उपकरणों को किराए पर दिया जाएगा। प्रदेश में 50 हिम ईरा आदर्श दुकानें स्थापित की जाएंगी। ये दुकानें प्रदेश के स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों की बिक्री के लिए एक मंच प्रदान करेंगी। प्रदेश में इन समूहों की सुविधा के लिए आजीविका भवनों का प्रावधान किया जाएगा। किसानों, पशुपालकों के लिए हिम गंगा योजना शुरू होगी। इस योजना के लिए 500 करोड़ की घोषणा की गई। नए मिल्क प्रोसेसिंग प्लांट स्थापित किए जाएंगे और मौजूदा प्लांट्स को अपग्रेड किया जाएगा।
2.31 लाख महिलाओं को 1,500 रुपये प्रतिमाह, छात्राओं को इलेक्ट्रिक स्कूटी के लिए 25 हजार सब्सिडी
गारंटी को कार्यान्वित करने के लिए 2.31 लाख महिलाओं को 416 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष के व्यय से 1,500 रुपये प्रतिमाह की दर से मासिक पेंशन दी जाएगी। अनाथ, अर्ध अनाथ और विशेष रूप से दिव्यांग बच्चों, निराश्रित महिलाओं और बुजुर्ग व्यक्तियों के लिए मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना के जरिये लाभ मिलेगा। बजट में सभी विधवाओं व दिव्यांगजनों को पेंशन पाने के लिए आय सीमा को खत्म करने की घोषणा की गई है। इनके लिए ग्राम सभा से अनुमति की शर्त में छूट देने की भी घोषणा की गई। इससे दोनों वर्गों को लाभ मिलेगा। दिव्यांगजन राहत भत्ता योजना के तहत 9,000 नए लाभार्थियों को लाभ मिलेगा, जिस पर सरकार 12 करोड़ रुपये अतिरिक्त व्यय करेगी। नए वित्त वर्ष में 40 हजार नए पात्र व्यक्तियों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन देने की घोषणा की गई। विधवा और एकल नारी आवास योजना शुरू होगी। इसके तहत 7 हजार महिलाओं को डेढ़ लाख की राशि आवास के लिए दी जाएगी। बिजली पानी भी निशुल्क दिया जाएगा। सरकारी संस्थानों में पढ़ रही 18 वर्ष या उससे अधिक आयु की 20 हजार मेधावी छात्राओं को ई-स्कूटी खरीदने के लिए अधिकतम 25 हजार रुपये तक का उपदान दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे प्रदेश को ग्रीन स्टेट बनाने में सहायता मिलेगी। लड़कियों को उच्च शिक्षा के लिए प्रोत्साहन भी मिलेगा।
कांगड़ा-मंडी हवाई अड्डों के लिए 1,400 करोड़
हिमाचल के मंडी और कांगड़ा हवाई अड्डे के लिए कुल 1,400 करोड़ रुपये की अनुशंसा की गई है। मंडी हवाई अड्डे के निर्माण के लिए 1,000 करोड़ रुपये और कांगड़ा हवाई अड्डे के विस्तार के लिए 400 करोड़ रुपये की अनुशंसा की गई है। दोनों हवाई अड्डों की सामाजिक प्रभाव रिपोर्ट जल्द तैयार की जाएगी। कांगड़ा हवाई अड्डे का विस्तार 3010 मीटर तक होगा। इसके लिए भूमि अधिग्रहण का कार्य शीघ्र पूरा कर लिया जाएगा। मनाली में हेलीपोर्ट विकसित होगा। 320 करोड़ रुपये से हमीरपुर, कांगड़ा, चंबा, कुल्लू, लाहौल-स्पीति, किन्नौर और ऊना में नए हेलीपोर्ट बनाए जाएंगे।
500 मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित करने का लक्ष्य
वर्ष 2023-24 में 500 मेगावाट सौर ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित करने का लक्ष्य है प्रदेश के युवाओं को उनकी अपनी अथवा लीज पर ली गई भूमि पर 250 किलोवाट से 2 मैगावाट तक की 54 सौर ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित करने के लिए 40 प्रतिशत अनुदान मिलेगा।
इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए आदर्श राज्य बनेगा हिमाचल
हिमाचल प्रदेश को इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए आदर्श राज्य के रूप में विकसित किया जाएगा। निजी व सरकारी क्षेत्र के सहयोग से चरणबद्ध तरीके से इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहन दिया जाएगा। प्रथम चरण में 6 राष्ट्रीय व राज्य उच्च मार्गों का इलेक्ट्रिक वाहनों के माध्यम से ग्रीन कॉरिडोर के रूप में विकास किया जाएगा। प्राइवेट बस ऑपरेटरों को ई-बस व प्राइवेट ट्रक ऑपरेटरों को ई-ट्रक की खरीद के लिए 50 प्रतिशत की दर से अधिकतम 50 लाख रुपये तक का उपदान दिया जाएगा। हिमाचल पथ परिवहन निगम की 1,500 डीजल बसों को इलेक्ट्रिक बसों से चरणबद्ध ढंग से बदलने के लिए 1,000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
कांगड़ा बनेगी पर्यटन राजधानी, ये सुविधाएं मिलेगी
कांगड़ा जिला को हिमाचल प्रदेश की पर्यटन राजधानी के रूप में विकसित किया जाएगा। इसके तहत अंतरराष्ट्रीय मानकों पर गोल्फ कोर्स का निर्माण किया जाएगा। स्थानीय कला एवं संस्कृति को प्रोत्साहित करने के लिए पर्यटक ग्राम की स्थापना की जाएगी। वरिष्ठ नागरिकों के लिए ओल्ड एज होम विकसित किए जाएंगे। आइस स्केटिंग व रोलर स्केटिंग रिंक का निर्माण होगा। पौंग डैम में जल क्रीड़ा, शिकारा, क्रूज, यॉट इत्यादि की व्यवस्था की जाएगी। बनखंडी में 300 करोड़ रुपये की लागत से चिड़ियाघर का निर्माण होगा। प्रदेश के युवाओं को पर्यटन व आतिथ्य क्षेत्र में कौशल विकास के लिए वाकनाघाट में 68 करोड़ रुपये से उत्कृष्ट केंद्र के निर्माण कार्य को पूरा किया जाएगा।
विद्युत
2,000 करोड़ से शुरू होगा हिमाचल प्रदेश विद्युत क्षेत्र विकास कार्यक्रम
विश्व बैंक की सहायता से 2,000 करोड़ रुपये की लागत से हिमाचल प्रदेश विद्युत क्षेत्र विकास कार्यक्रम आरंभ किया जाएगा। एचपीटीएल की ओर से 464 करोड़ रुपये की लागत से 6 ईएचवी सब स्टेशनों, 5 ट्रांसमिशन लाइनों व एक संयुक्त नियंत्रण केंद्र के निर्माण कार्य को पूर्ण किया जाएगा। ऊर्जा के क्रय-विक्रय के दक्ष प्रबंधन के लिए केंद्रीकृत प्रकोष्ठ स्थापित किया जाएगा।
चिकित्सा सेवाएं निगम की स्थापना होगी
स्वास्थ्य संस्थानों के लिए उचित मूल्य पर अच्छी गुणवत्ता की दवाइयां, मशीनरी व उपकरण की खरीद व आपूर्ति के लिए चिकित्सा सेवाएं निगम की स्थापना की जाएगी। 100 करोड़ रुपये की लागत से मेडिकल कॉलेज हमीरपुर, नाहन व चंबा के भवनों के कार्य पूरा करके उनका लोकार्पण किया जाएगा। प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों में आपात विभाग को अपग्रेड करके आपातकालीन चिकित्सा विभाग स्थापित किया जाएगा। प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में एक स्वास्थ्य संस्थान को आदर्श स्वास्थ्य संस्थान के रूप में विकसित किया जाएगा। टाइप-1 शुगर से पीड़ित गर्भवती महिलाओं व बच्चों को संक्रमण से बचाने के लिए इंसुलिन पंप उपलब्ध करवाए जाएंगे।
10 हजार मेधावी विद्यार्थियों को टैबलेट, 762 स्कूलों में आईसीटी योजना
महाविद्यालयों में वर्ष में दो बार रोजगार मेलों व विशेष प्लेसमेंट ड्राइव का आयोजन होगा। शिक्षा में गुणवत्ता सुधारने तथा सूचना और संचार प्रौद्योगिकी उपयोग करने के लिए प्रत्येक वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल में लाइब्रेरी की स्थापना की जाएगी। 10 हजार मेधावी विद्यार्थियों को टैबलेट, 762 स्कूलों में आईसीटी योजना के तहत डिजिटल हार्डवेयर व सॉफ्टवेयर, 17 हजार 510 प्राइमरी नियमित अध्यापकों के लिए टैबलेट तथा 40 हजार बच्चों के लिए डेस्क की व्यवस्था की जाएगी। प्रदेश के 11 सरकारी आईटीआई में ड्रोन सर्विस टेक्निशियनकोर्स चरणबद्ध तरीके से शुरू किए जाएंगे। कौशल विकास निगम की ओर से ड्रोन, इलेक्ट्रिक वाहनों
व सौर ऊर्जा क्षेत्रों में 500-500 युवाओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा।
नई सड़कें व पुल बनेंगे
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना एक व दो के अंतर्गत 150 किलोमीटर नई सड़कों का निर्माण, 650 किलोमीटर सड़कों का उन्नयन, 200 किलोमीटर सड़कों पर क्रॉस ड्रेनेज कार्य व 9 पुलों का निर्माण किया जाएगा। पीएमजीएसवाई चरण तीन अंतर्गत 422 करोड़ रुपये की लागत से 440 किलोमीटर लंबी 45 सड़कें स्वीकृत हुई हैं। 178 किलोमीटर लंबाई के पांच राष्ट्रीय उच्च मार्गों को दो लेन से चार लेन में स्तरोन्नत करने के लिए 4 हजार 700 करोड़ रुपये का प्रस्ताव केंद्र सरकार को प्रेषित किया गया है। नाबार्ड के तहत 250 किलोमीटर नई सड़कों, 350 किलोमीटर क्रॉस ड्रेनेज, 425 किलोमीटर पक्की सड़कों व 27 पुलों का निर्माण किया जाएगा। सीआरआईएफ के तहत 500 करोड़ रुपये की पांच सड़कें, पुल परियोजनाएं केंद्र सरकार को वित्त पोषण के लिए भेजी गई हैं। बजट में मुख्यमंत्री सड़क एवं रखरखाव योजना का आरंभ किया गया है।
सात जिलों में लागू होगी 1,292 करोड़ रुपये की हिमाचल प्रदेश शिवा परियोजन
1,292 करोड़ रुपये से हिमाचल प्रदेश शिवा परियोजन के अंतर्गत प्रदेश के 7 जिलों में बागवानी का विकास किया जाएगा। एफपीओ के सहयोग से सहयोग से ग्रेडिंग,पैकिंग हाऊस व कोल्ड स्टोर स्थापित किए जाएंगे। राजीव गांधी स्वरोजगार योजना के तहत स्वरोजगार के लिए डेंटल क्लीनिकों में मशीनरी व औजार, मत्स्य इकाइयों, ई-टैक्सी तथा एक मैगावाट तक के सोलर पावर प्रोजेक्टस सम्मिलित शामिल होंगे। ई-टैक्सी पर मिलने वाला उपदान सभी वर्गों के लिए 50 प्रतिशत होगा।
नादौन और शिमला में बनेंगे ई-बस डिपो
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने भगवान कृष्ण को प्रणाम कर बजट भाषण शुरू किया। बजट स्पीच के बीच माइक बंद हो गया। विपक्ष ने कहा यह व्यवस्था परिवर्तन है। सीएम सुक्खू ने कर्ज पर पूर्व भाजपा सरकार को घेरा। कहा कि हर हिमाचली पर आज 92,833 रुपए का कर्ज है। समय के साथ-साथ बदलाव की जरूरत है। नादौन और शिमला में ई-बस डिपो बनाया जाएगा। एनपीएस कर्मचारियों के 8 हजार करोड़ रुपये केंद्र से वापस लाने के लिए भी सदन में विपक्ष से सहयोग मांगा गया।
1,311 करोड़ रुपये की लागत पर्यटन विकास योजना
एडीबी के सहयोग से 1,311 करोड़ रुपये की लागत से पर्यटन विकास योजना शुरू की जाएगी। इसके तहत कांगड़ा में 390 करोड़, हमीरपुर 257 करोड़, कुल्लू 229 करोड़, शिमला में 123 करोड़, मंडी में 138 करोड़ और अन्य स्थानों में पर्यटन क्षेत्रों के विकास पर 174 करोड़ रुपये की राशि खर्च की जाएगी। सोलन के वाकनाघाट में 68 करोड़ रुपये की लागत से उत्कृष्ट केंद्र बनाया जाएगा। साल 2023 के अंत तक इस केंद्र का कार्य पूरा कर लिया जाएगा।इसमें मंडी स्थित शिव धाम का विकास, ग्रीष्म व शीतकालीन खेलों को वर्ष भर सुचारु रूप से आयोजित करने के मकसद से शिमाला आइस स्केटिंग रिंक का उन्नयन, मनाली में आइस स्केटिंग व रोलर स्केटिंग रिंक का निर्माण शामिल हैं।
जाठिया देवी में बसेगा नया शहर
प्रदेश की सुक्खू सरकार ने पहले आम बजट में जिला शिमला को कई सौगात दी हैं। इनमें सबसे अहम जाठिया देवी में नया शहर बनाने से जुड़ी है। पहले भी बजट में इसकी घोषणा हो चुकी है, लेकिन इस बार सरकार ने इसे धरातल पर उतारने का दावा किया है। बजट के दौरान मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि जाठिया देवी में हिमुडा की मदद से नया शहर बसाया जाएगा। इसके लिए डीपीआर तैयार कर ली है। इसके लिए 1373 करोड़ रुपये की डीपीआर केंद्र सरकार के आवासीय एवं शहरी मामले मंत्रालय को भेज दी है। यह शहर कैसा बनेगा, यातायात सुविधा क्या रहेगी, इन सबको लेकर हिमुडा ने अब विस्तृत योजना तैयार की है। उम्मीद है कि इस बार यह घोषणा धरातल पर उतरेगी। शहर में भूमिगत डक्ट का निर्माण किया जाएगा। बजट में इसके लिए 25 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। इसका इस्तेमाल विभिन्न यूटिलिटी लाइनों जैसे बिजली की तारें, दूरसंचार तारें, पेयजल लाइनों आदि को एक कॉमन यूटिलिटी डक्ट में बिछाने के लिए किया जाएगा।