उत्तराखंडः कैलाश मानसरोवर यात्रा में अब मिलेगा दोगुना अनुदान – सतपाल महाराज 

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देहरादून: कैलाश मानसरोवर यात्रा पर जाने वाले प्रदेश के तीर्थयात्रियों को अब दोगुुना अनुदान मिलेगा। अलावा पर्यटन और संस्कृति विभाग में खाली पड़े पदों को जल्द भरा जाएगा। मंगलवार को पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने विभाग की समीक्षा बैठक में यह निर्देश दिए। उन्होंने चमोली स्थित घेर ट्रेक को भी खोलने की बात कही।

प्रदेश के पर्यटन एवं सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद, गढ़ी कैंट स्थित सभागार में पर्यटन एवं संस्कृति विभाग की समीक्षा बैठक ली। उन्होंने रिक्त पदों को भरने के साथ ही शत प्रतिशत बजट खर्च करने की हिदायत देने के अलावा कार्यों में लापरवाही बरतने पर कार्रवाई की चेतावनी दी।

बैठक के दौरान मंत्री सतपाल महाराज ने उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद मुख्यालय एवं जनपदीय कार्यालयों में छह खेल अधिकारी, 11 फील्ड सहायक, नौ वैयक्तिक सहायक-।।, चार प्रशासनिक अधिकारी, नौ मुख्य सहायक, दो वैयक्तिक सहायक-।, 25 एडवेंचर विंग के पदों सहित सभी 126 पदों पर शीघ्र भर्ती के निर्देश दिए हैं।

मंत्री महाराज ने संस्कृति विभाग में भी रिक्त पड़े सहायक लेखाकार, कनिष्ठ सहायक, मानचित्रकार, रसायनविद्, कनिष्ठ प्राविधिक सहायक, कनिष्ठ प्रवक्ता एवं संगीतकर्ता के सभी 31 पदों को भरने के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं।

महाराज ने बताया कि राज्य सरकार कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर जाने वाले प्रदेश के तीर्थयात्रियों को अब दोगुना अनुदान राशि देगी। सरकार की ओर से अभी तक प्रति यात्री 25 हजार रुपये की अनुदान राशि दी जाती थी, जिसे बढ़ाकर 50 हजार रुपये करने का फैसला लिया है।

केदारनाथ-बद्रीनाथ धाम के लिए योजनाएं
मंत्री महाराज ने कहा कि प्रदेश में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रसाद योजना के तहत केदारनाथ के रूट पर अवस्थापना सुविधाओं के विकास के लिए 34.78 करोड़ की स्वीकृति प्रदान करते हुए पर्यटन मंत्रालय से अब तक 27.83 करोड़ रुपये की धनराशि जारी हो चुकी है। योजना के तहत धाम में होने वाले सभी विकास कार्य पूरे किए जा चुके हैं।

जबकि बद्रीनाथ धाम के लिए योजना के तहत मंत्रालय की ओर से 39.23 करोड़ की धनराशि स्वीकृत करते हुए 11.77 करोड़ रुपये की धनराशि जारी हो चुकी है। इसके साथ ही प्रसाद योजना के तहत गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में तीर्थयात्रियों की सुविधाओं के लिए होने वाले विकास कार्यों की 54.35 करोड़ रुपये की डीपीआर को प्रशासनिक स्वीकृति मिल गई है।

135 पर्यटन सर्किट हुए विकसित
प्रदेश में 135 पर्यटन सर्किटों को विकसित किया गया है। जिसमें गढ़वाल मंडल में 77 और कुमाऊं मंडल में 58 सर्किटों को विकसित किया गया है। बैठक में पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने कहा कि कोरोना के तेजी से कम होते मामलों के बीच पर्यटन को पटरी पर लाने के लिए काम किया जा रहा है।

बैठक में पर्यटन अपर सचिव युगल किशोर पंत, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी (साहसिक पर्यटन) कर्नल अश्विन पुंडीर, जीएमवीएन प्रबंध निदेशक डॉ. आशीष चौहान, पर्यटन निदेशक प्रशांत कुमार आर्य, वित्त निदेशक जगत सिंह चौहान, संस्कृति विभाग निदेशक बीना भट्ट, अपर निदेशक विवेक चौहान, अपर निदेशक पूनम चंद आदि अधिकारी मौजूद रहे।

स्वदेश दर्शन में संवर रहा पर्यटन
स्वदेश दर्शन योजना से पर्यटन नए कलेवर में निखरकर सामने आ रहा है। योजना के तहत टिहरी में ईको एवं एडवेंचर डेस्टिनेशन के लिए 69.71 करोड़ की धनराशि जारी की जा चुकी है, जबकि योजना के तहत होने वाले सभी विकास कार्यों को पूरा कर लिया गया है। वहीं, कुमाऊं हैरिटेज सर्किट के लिए 76.32 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान करते हुए पर्यटन मंत्रालय की ओर से 67.62 करोड़ रुपये की धनराशि जारी की जा चुकी है।

टिहरी बनेगा पर्यटन हब
टिहरी झील के समग्र विकास के लिए शासन की ओर से चिन्हित किए गए कार्यों की डीपीआर तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। जिसके तहत टिहरी झील में विभिन्न विकास कार्य कर टिहरी को पर्यटन हब बनाया जाएगा।