उत्तराखंड में अंडरग्राउंड बिजली के तारों का बिछेगा जाल, आप भी जान ले फायदे

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देहरादून: उत्तराखंड में अंडरग्राउंड बिजली की तारों का जाल बिछाया जाएगा। ऊर्जा निगम हरिद्वार कुंभ क्षेत्र की तर्ज पर काम होगा। देहरादून में एडीबी के बजट से तो बाकि शहरों के लिए केंद्र से बजट की मांग की जाएगी। राज्य में पूर्व घंटाघर देहरादून, मसूरी में कुछ जगहों पर लाइनों को अंडरग्राउंड किए जाने का काम किया गया। इसके बाद हरिद्वार कुंभ क्षेत्र और कुछ आवासीय क्षेत्रों को भी अंडरग्राउंड किया गया। इसमें 11 केवी और 33 केवी लाइनों को अंडरग्राउंड किया गया। बिजली के तारों के जाल से निजात दिलाने को बाकि शहरों में भी काम होगा। देहरादून की मुख्य सड़कों, हल्द्वानी, नैनीताल, यूएसनगर में लाइनों को अंडरग्राउंड किया जाएगा। इससे सड़कों पर बिजली के तारों के जाल से निजात मिलेगी। लाइनें अंडरग्राउंड होने से सड़कें चौड़ी नजर आएंगी। शहरों का कोर एरिया होगा शामिलअंडरग्राउंड प्रोजेक्ट में पहले चरण में शहर का कोर एरिया शामिल होगा। इसमें मुख्य बाजार की सड़कों के क्षेत्रों को शामिल किया जाएगा। ताकि शहर के सौंदर्यकरण पर काम किया जा सके।

लाइन लॉस में आएगी कमी
बिजली की लाइनें अंडरग्राउंड होने से लाइन लॉस में कमी आएगी। बिजली चोरी की समस्या दूर होगी। बंच लाइन डालने से भी बिजली चोरी की घटनाओं में कमी आई है। बिजली चोरी के मामले में हरिद्वार जिले में रुड़की और यूएसनगर में काशीपुर सर्किल सबसे अधिक संवेदनशील क्षेत्र हैं।

लाइनों को अंडरग्राउंड किया जाएगा। इसके लिए बजट का इंतजाम किया जाएगा। लाइनें अंडरग्राउंड होने से बिजली चोरी की संभावनाएं समाप्त होगी। बिजली की लीकेज बचेगी। लाइन लॉस कम होगा।
हरक सिंह रावत, ऊर्जा मंत्री