उत्तराखंड विधानसभा चुनाव को लेकर राहुल गांधी ने वरिष्ठ नेताओं के साथ की बैठक

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देहरादून: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने उत्तराखंड विधानसभा चुनाव से जुड़ी तैयारियों को लेकर मंगलवार को भी राज्य से जुड़े पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं के साथ चर्चा की।
सूत्रों के मुताबिक, राहुल गांधी ने पहले पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष प्रीतम सिंह के साथ बैठक की। इसके बाद उन्होंने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय, पार्टी के राष्ट्रीय सचिव मुहम्मद निजामुद्दीन और प्रकाश जोशी के साथ अलग-अलग मुलाकात की। इससे पहले, सोमवार को भी राहुल गांधी ने कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव, हरीश रावत, प्रीतम सिंह, गणेश गोदियाल, नवप्रभात और भुवन कापड़ी से मुलाकात की थी। गणेश गोदियाल, नवप्रभात, भुवन कापड़ी और किशोर उपाध्याय का नाम उन नेताओं में शामिल है, जिन्हें प्रदेश कांग्रेस कमेटी के नये अध्यक्ष का दावेदार माना जा रहा है।

कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘ राहुल गांधी की ओर से की जा रही इस कवायद का मकसद चुनाव तैयारियों की समीक्षा करना और रणनीति बनाना है। उन्होंने सभी नेताओं से उनकी राय जानी है कि आगामी चुनाव में भाजपा को मात देने के लिए कांग्रेस को क्या कदम उठाने चाहिए।’’ सूत्रों की मानें तो अभी भी प्रदेश अध्यक्ष को लेकर पेंच फंसा हुआ है क्योंकि हरीश रावत और प्रीतम सिंह दोनों इस प्रयास में है कि उनके किसी करीबी नेता को उत्तराखंड कांग्रेस की कमान मिले। कांग्रेस की वरिष्ठ नेता इंदिरा हृद्येश का हाल ही में निधन हो गया था, जिससे विधायक दल के नेता का पद खाली है। सूत्रों का कहना है कि अगर प्रीतम सिंह को विधायक दल के नेता की कमान सौंपी जाती है तो फिर किसी ब्राह्मण नेता को प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनाया जा सकता है।

सूत्रों के मुताबिक, उत्तराखंड कांग्रेस के सबसे बड़े चेहरे और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को पार्टी की चुनाव अभियान समिति का प्रमुख बनाए जाने पर विचार चल रहा है। हालांकि, उनके समर्थक उन्हें मुख्यमंत्री के चेहरे के तौर पेश करने की पैरवी कर रहे हैं। मुख्यमंत्री के चेहरे के बारे में पूछे जाने पर देवेंद्र यादव ने सोमवार को कहा था, ‘‘मुख्यमंत्री के चेहरे का फैसला समय पर होगा। हम भाजपा की तरह उत्तराखंड को मुख्यमंत्रियों को बदलने की प्रयोगशाला नहीं बनाना चाहते। हम एक ऐसा समाधान पेश करेंगे जिससे राज्य के लिए एक दृष्टिकोण मिले।’’ उत्तराखंड में अगले साल फरवरी-मार्च में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित है।