उत्तर भारत में मानसून के लिए करना होगा अभी और इंतजार, IMD ने बताई वजह

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नई दिल्ली. मानसून के राजस्थान, गुजरात के शेष हिस्से, पंजाब, हरियाणा और दिल्ली तक पहुंचने के लिए वायुमंडल संबंधी स्थितियां अब भी अनुकूल नहीं हैं. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा कि चक्रवातीय सर्कुलेशन पूर्वी उत्तर प्रदेश और आसपास के इलाकों में बना हुआ है और वहां पश्चिमी विक्षोभ की भी स्थिति है.

आईएमडी के महानिदेशक एम. महापात्र ने कहा कि ये स्थितियां मानसून के आगे बढ़ने के लिए अनुकूल नहीं हैं. आईएमडी ने कहा, ‘मानसून के राजस्थान, गुजरात के शेष हिस्से, पंजाब, हरियाणा और दिल्ली पहुंचने के लिए वायुमंडलीय स्थिति अनुकूल नहीं है.’ बहरहाल, आईएमडी ने कहा कि पूर्वी उत्तर प्रदेश में वर्तमान चक्रवातीय स्थिति के कारण मानसून उत्तर प्रदेश के कुछ और हिस्सों में अगले पांच दिनों में धीरे-धीरे पहुंच सकता है.

पश्चिमी उत्तर प्रदेश तक पहुंच गया मानसून
मानसून पश्चिम उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में पहुंच गया है. मानसून की उत्तरी सीमा दीव, सूरत, नंदरबार, भोपाल, नौगोंग, हमीरपुर, बाराबंकी, बरेली, सहारनपुर, अंबाला और अमृतसर से गुजर रही है. केरल में समय से दो दिन के विलंब के बाद तीन जून को पहुंचे दक्षिण पश्चिम मानसून ने तेजी से बड़े हिस्से को कवर किया.

ड्रैगन ने जताई आपत्ति
आईएमडी ने कहा, ”अनुकूल मौसमी परिस्थितियों की वजह से दक्षिण पश्चिमी मानसून के अगले 5 से 6 दिन के दौरान दक्षिण राजस्थान और गुजरात के कच्छ क्षेत्र को छोड़कर पूरे देश में छा जाने की उम्मीद है.’

मौसम विभाग के क्षेत्रीय प्रमुख कुलदीप श्रीवास्तव ने कहा कि किसी इलाके में मानसून के आने की घोषणा करने के लिए मोटे तौर पर तीन तथ्यों पर विचार किया जाता है, जिसमें पहला विस्तृत क्षेत्र में बारिश, दूसरा अगले तीन -चार दिन बारिश की संभावना और तीसरा, पूर्वी हवाएं.