छतीसगढ मे एक साल पहले रहस्यमयी ढंग बच्ची हुई थी लापता! अब तालाब से मिला कंकाल

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जशपुर: जशपुर जिले के पत्थलगांव में रहस्यमयी ढंग से लापता साढ़े चार साल की रुचिका का पूरे एक साल बाद पता चल पाया है. पत्थलगांव थाना क्षेत्र के पतरापाली गांव के एक तालाब में कंकाल मिला है, जिसमें कपड़ों की पहचान कर रुचिका के माता पिता ने अपनी लापता बेटी की पहचान की है. मामला हत्या से जुड़ा बताया जा रहा है. जिसके बाद शव फेंके जाने की बात सामने आ रही है. दरअसल पिछले 24 जून 2020 को साढ़े चार की रुचिका भारद्वाज रहस्यमयी ढंग से लापता हो गई थी. जिसकी जांच करते वक्त पुलिस को 1 साल बीत गए. इसके बावजूद लापता मासूम का पता नहीं चल पाया.

चॉकलेट लेने गई थी
जानकारी के मुताबिक लापता बच्ची रुचिका भारद्वाज पिता श्यामसुंदर भारद्वाज, माता संतोषी भारद्वाज ने बताया कि उनकी बच्ची के पास 10 रुपये थे. 24 जून 2020 को वो शाम 4:30 बजे के आसपास संपत भारद्वाज की दुकान से 5 रुपये का सेंटर फ्रेश चॉकलेट खरीदा. दुकानदार बच्ची को वहीं दुकान के पास रखे बालू के ढेर में तकरीबन 15 से 20 मिनट उसे खेलते हुए देखा. उसी समय उनके रिश्तेदार का फोन आया और वह दुकान बंद करके घर के अंदर चले गए. जब वापस दुकान खोलकर देखा तो बच्ची वहां नहीं थी.

दोस्त के लिए लेने गई फिर नहीं लौटी
बच्ची की एक सहेली ने बताया कि रुचिका ने जो चॉकलेट खरीदा उसे भी दिया था. उसका कहना था कि जो रुचिका के पास 5 रुपये बचे थे. उसका चॉकलेट लेने के लिए वहीं पास में और एक दुकान है, वहां वह चली गई. उसके बाद से उसे नहीं देखा.

कई इनाम रखे गए थे
बता दें कि परिवार वालों ने बच्ची का पता बताने वालों को 50,000 रुपए, प्रगतिशील छत्तीसगढ़ सतनामी समाज द्वारा 11 हजार रुपये, थाना प्रभारी संतलाल आयाम की तरफ से 10,000 रुपये, सरगुजा आईजी की तरफ से 5000 रुपये, मोहल्ला महादेव टिकरा की ओर से 5000 रुपये इनाम की घोषणा की थी. परिजनों ने बच्ची को खोजने के लिए मुख्यमंत्री से भी गुहार लगा चुके थे लेकिन कोई भी गुहार काम नहीं आया.

पोस्टमार्टम के बाद स्पष्ट होगा
पुलिस ने बताया कि बच्ची का शव पड़ोस के गांव में मिला है. इसके कारण आशंका है कि किसी ने अगवा करने के बाद उसकी हत्या की हो. पुरानी रंजिश या फिर बच्ची से दुष्कर्म के बाद जैसी आशंका जताई जा रही है. हांलाकि पुलिस द्वारा डीएनए टेस्ट कराए जाने की बात कही जा रही है.