पंजाब में कैप्टन ही होंगे CM फेस! मंत्री-विधायक हुए लामबंद, इस नेता पर नजर

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चंडीगढ़: पंजाब कांग्रेस के बीच जारी अंतर्कलह के बीच मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह लगातार विधायकों, मंत्रियों और सांसदों की लॉबिंग करने में लगे हैं और इसका असर भी दिखने लगा है. पंजाब के खेल मंत्री राणा गुरमीत सोढ़ी, फूड सप्लाई मंत्री भारत भूषण आशू, सांसद रवनीत बिट्टू, सीनियर विधायक राजकुमार वेरका, राजकुमार चब्बेवाल जैसे कई सीनियर कांग्रेसी नेता खुलकर कैप्टन के समर्थन में उतर आए हैं.

कैप्टन समर्थक नेताओं ने साफ कर दिया कि पंजाब में सीएम चेहरे को लेकर ना तो कोई दुविधा है और ना ही विधायकों में किसी तरह की नाराजगी. इतना ही नहीं यह भी साफ कर दिया है कि पंजाब में अगला चुनाव भी कैप्टन अमरिंदर सिंह की अगुवाई में ही लड़ा जाएगा. पंजाब में कैप्टन के सिवा किसी का कोई नेतृत्व स्वीकार नहीं किया जाएगा.

वहीं, कैप्टन गुट के नेताओं ने नवजोत सिंह सिद्धू को धैर्य रखने की नसीहत दी और कहा कि पार्टी में कोई भी ओहदा हासिल करने के लिए सालों लग जाते हैं और नेताओं को काफी मेहनत करनी पड़ती है. साथ ही कहा कि अगर नवजोत सिंह सिद्धू को कोई बड़ी जिम्मेदारी आलाकमान की तरफ से दी जाएगी तो सभी उस ओहदे का स्वागत करेंगे और मिलकर 2022 विधानसभा चुनाव के लिए काम करेंगे

कैप्टन अमरिंदर सिंह के धुर-विरोधी माने जाने वाले राज्यसभा सांसद प्रताप सिंह बाजवा ने सिद्धू को रोकने के लिए कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ आने को लेकर यू-टर्न ले लिया और कैप्टन को सरकार का कामकाज दुरुस्त रखने और सिद्धू को ओहदा हासिल करने से पहले पंजाब कांग्रेस के पुराने नेताओं की तरह पहले मेहनत करके दिखाने की नसीहत दी. पार्टी आलाकमान को भी नसीहत देते हुए कहा कि सिद्धू को तवज्जो दें लेकिन पुराने टकसाली कांग्रेसी नेताओं और उनके परिवारों की पंजाब कांग्रेस के लिए दी गई कुर्बानी को भी याद रखें. इस तरह से कुल मिलाकर पंजाब कांग्रेस का आपसी झगड़ा सुलझने की बजाय और लगातार उलझता ही जा रहा है.

अमरिंदर के करीबी खेल मंत्री राणा गुरमीत सोढ़ी ने कहा कि राजनीति धैर्य का खेल है और नवजोत सिंह सिद्धू को भी धैर्य रखना चाहिए और पंजाब में सीएम के चेहरे को लेकर किसी भी तरह की कोई दुविधा नहीं है. कैप्टन की अगुवाई में ही अगला चुनाव लड़ा जाएगा. सोढ़ी ने नवजोत सिंह सिद्धू के कैप्टन अमरिंदर सिंह के नीचे काम करने से मना करने की खबरों को लेकर कहा कि पंजाब में अगर किसी भी मंत्री, विधायक या कांग्रेसी को सरकार या संगठन में काम करना है तो उसे कैप्टन अमरिंदर सिंह के नीचे रहकर ही काम करना होगा. वो अपने सुझाव दे सकते हैं, लेकिन नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह ही हैं.

कैप्टन अमरिंदर सिंह और प्रताप सिंह बाजवा के मीटिंग को लेकर गुरमीत सोढ़ी ने कहा कि उनका ओपिनियन अलग हो सकता है, लेकिन कांग्रेस के सीनियर नेताओं में मुलाकात हुई है तो इसमें कुछ भी गलत नहीं है. पार्टी के हित में सभी को एक प्लेटफार्म पर आना ही होगा. प्रताप सिंह बाजवा और कैप्टन अमरिंदर सिंह की मुलाकात को लेकर सीनियर कांग्रेस विधायक राजकुमार वेरका ने कहा कि एक ही पार्टी कांग्रेस के दो नेता अगर मिलते हैं तो इसमें गलत क्या है.

राजकुमार वेरका ने कहा कि पार्टी में पहले भी विधायकों के नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह ही थे और आगे भी रहेंगे और विधायकों में किसी भी तरह की नाराजगी कैप्टन को लेकर नहीं है. फूड सप्लाई मंत्री भारत भूषण आशू ने कहा कि बाजवा कांग्रेस के सीनियर नेता हैं. प्रताप सिंह बाजवा को भी वरिष्ठता के हिसाब से पार्टी में उचित पद मिलना चाहिए और नवजोत सिंह सिद्धू का भी अपना अलग ओहदा है. ऐसे में उनको भी उसी हिसाब से पार्टी में सम्मान दिया जाएगा और कांग्रेस पार्टी सभी नेताओं को साथ लेकर चलेगी, लेकिन पंजाब में सीएम सिर्फ कैप्टन अमरिंदर सिंह ही हैं.

कांग्रेस सांसद रवनीत सिंह बिट्टू ने कहा कि भविष्य में पार्टी के सभी नेता एक मंच पर आएंगे. विधानसभा चुनावों से पहले इस तरह के मनमुटाव पार्टियों में आते रहते हैं, लेकिन हमें उम्मीद है कि आलाकमान जल्द ही इन मनमुटावों को दूर कर देगा. राजनीति धैर्य का खेल है और नवजोत सिंह सिद्धू को भी इस बात का ख्याल रखना चाहिए. पार्टी में ऊपर आने के लिए हमेशा नीचे से शुरू होना पड़ता है और नीचे के लेवल से काम करके दिखाना पड़ता है तभी पार्टी में आप को ऊंचा ओहदा और सम्मान दिया जाता है. हम सभी पुराने कांग्रेसियों ने ऐसा ही किया है.

उन्होंने कहा कि पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह को आलाकमान ने मुख्यमंत्री नियुक्त किया है और उनके साथ ही मिलकर सबको काम करना होगा. ऐसा नहीं है कि हम में से कोई भी कैप्टन अमरिंदर सिंह से ऊपर है. विधायक राजकुमार चब्बेवाल ने कहा कि विधायकों में किसी तरह की नाराजगी भी कैप्टन अमरिंदर सिंह को लेकर नहीं है जो थोड़े बहुत मनमुटाव हैं उन्हें दूर कर लिया जाएगा. लेकिन, पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह के अलावा दूसरा कोई भी चेहरा 2022 के लिए नहीं है. नवजोत सिंह सिद्धू ने भी अपनी बात आलाकमान के सामने रख दी है और हमें उम्मीद है कि आलाकमान सोच समझकर उचित फैसला लेगा.

वहीं, प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ उनके मतभेद अभी भी हैं लेकिन फिर भी अगर वो उनसे मिलने के लिए आना चाहते हैं तो उनका स्वागत है. वो उनके साथ मतभेद जरूर रखते हैं, पर ये डिफरेंस ऑफ ओपिनियन है नाकि कोई मनभेद है जिसे सुलझाया नहीं जा सकता. कांग्रेस आलाकमान पंजाब को लेकर जो भी फैसला करेगा वो पार्टी के सभी नेताओं को मंजूर होगा.

अब सभी की निगाहें 20 जून को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ पंजाब कांग्रेस के नेताओं की बैठक पर लगी है. उससे पहले तमाम पंजाब कांग्रेस के नेता अपने-अपने अड़ियल रवैए पर अड़े हुए हैं. ऐसे में देखना ये होगा कि कांग्रेस आलाकमान आखिरकार ऐसा क्या फॉर्मूला लेकर आता है जोकि इन सब अड़ियल नेताओं को मंजूर होगा.