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करनाल। उत्तर प्रदेश और हरियाणा के किसानों के बीच वर्षों से चला आ रहा सीमा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा। शनिवार को उत्तर प्रदेश और हरियाणा की सीमा में पिलर नंबर 72 से 74 तक उत्तर प्रदेश प्रशासन की ओर से की तीन-चार एकड़ अंदर की तरफ आकर जबरदस्ती निशान लगा दिए गए। इसके साथ ही हरियाणा के किसानों को हिदायत दी गई कि वे यहां फसल न लगाएं। यह जमीन हरियाणा की सीमा में नहीं बल्कि यूपी में आ गई है। इससे चंद्राव गांव के किसानों में हड़कंप मच गया। उन्होंने इंद्री के एसडीएम से इसकी शिकायत करते हुए स्थानीय प्रशासन से मदद की मांग की।
किसान धर्मवीर, राजेंद्र, दर्शन सिंह, सरवन सिंह ,सुरेंद्र ,महेंद्र सिंह ,लक्ष्मण और अजीत आदि का कहना है कि 2010 में भी इससे पहले उत्तर प्रदेश के लोगों द्वारा ऐसा किया गया था। उस समय भी दोनों प्रशासन द्वारा मामले का निपटारा कर दिया गया था। अब दोबारा इसके निश्चित समाधान की आवश्यकता है। चंद्राव गांव के किसानों ने बताया कि गांव की 1024 एकड़ भूमि दीक्षित अवार्ड के तहत उत्तर प्रदेश में गई थी, जिसका पूरा रिकार्ड उत्तर प्रदेश सरकार को भेज दिया गया है। इस पर उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गई। अब वहां के अधिकारी हरियाणा सीमा में आकर किसानों की जमीनों पर निशान लगाकर अपना होने की बात कर रहे हैं।
चंद्राव के किसानों ने कहा कि वे यहां पहले से खेती करते आ रहे हैं। उनके पास जमाबंदी भी है। अब फसल लगाने का समय आ चुका है। प्रशासन जल्द फसल लगाने में मदद करे। उधर इंद्री के एसडीएम सुमित सिहाग ने बताया कि किसान लिखित शिकायत देकर गए हैं। इस आधार पर नायाब तहसीलदार को आगामी कार्रवाई के लिए कहा गया है। जांच के आदेश भी दिए हैं।
यूपी के अधिकारियों से संपर्क
नायब तहसीलदार बलिंद्र सिंह ने बताया कि चंद्राव गांव के लोग शिकायत देकर गए हैं। इस विषय में यूपी के हल्का कानूनगो से संपर्क करके कहा गया था कि बिना परमिशन और लोकल अथारिटी को जानकारी दिए बगैर किसी भी तरह का एक्शन न लिया जाए। अधिकारी नियमानुसार और पूरे दस्तावेजों के साथ ही आएं। कुछ जगह यमुना की बाउंड्री के पिलर बाढ़ में बह गए हैं। इस वजह से असमंजस रहता है। सर्वे के तहत दोबारा पिलर लगेंगे।