मोबाइल छीना तो बेकाबू हो गई 14 साल की लड़की, स्कूल में लगाई आग! 20 की मौत, मचा हाहाकार

14-year-old girl became uncontrollable after snatching mobile, set fire to school! 20 died, there was an outcry
14-year-old girl became uncontrollable after snatching mobile, set fire to school! 20 died, there was an outcry
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नई दिल्ली। 14 साल की एक छात्रा पर अपने स्कूल में आग लगाने का आरोप लगा है. उसकी इस हरकत के चलते 20 लोगों की जान चली गई. बताया गया कि वो टीचर द्वारा फोन जब्त किए जाने से नाराज थी. वारदात से पहले उसने आगजनी की धमकी भी दी थी. मामला साउथ अमेरिकी देश गुयाना (Guyana) का है.

डेली स्टार की रिपोर्ट के मुताबिक, सोमवार रात को महदिया सेकेंडरी स्कूल (Mahdia Secondary School) के गर्ल्स हॉस्टल में आग लग गई थी. देखते ही देखते इसने स्कूल के एक बड़े हिस्से को अपने चपेट में ले लिया. कई छात्राएं और स्टाफ इसमें फंस गए. फौरन फायर ब्रिगेड की टीम बुलाई गई. लेकिन जब तक आग बुझती तब तक 20 लोगों की मौत हो चुकी थी.

ये घटना राजधानी जॉर्ज टाउन से लगभग 200 मील की दूरी पर सेंट्रल गुयाना माइनिंग टाउन में हुई थी. अब इस मामले में पुलिस ने खुलासा किया है कि आग लगाने वाला कोई और नहीं बल्कि स्कूल की ही एक छात्रा थी. छात्रा का मोबाइल उसके टीचर ने जब्त कर लिया था. वो इस बात से खफा हो गई थी. गुस्से में उसने खौफनाक कदम उठा लिया. छात्रा खुद भी आग में झुलस गई थी.

पुलिस ने किया चौंकाने वाला खुलासा

पुलिस का कहना है कि आरोपी छात्रा ने आग सिर्फ इसलिए लगाई, क्योंकि स्कूल प्रशासन ने उसके मोबाइल फोन को छीनकर जब्त कर लिया था. दरअसल, स्कूल प्रशासन को पता चल गया था कि छात्रा एक उम्रदराज व्यक्ति के संपर्क में है. इसी के बाद ये एक्शन लिया गया. गुयाना के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेराल्ड गौविया ने बताया कि आरोपी लड़की कि उम्र करीब 14 साल है. जब उसका फोन छीन लिया गया था, तब उसने गर्ल्स हॉस्टल को आग लगाने की धमकी दी थी.

स्कूल में लगी आग
हालांकि, आग लगने के कारण वो लड़की भी जख्मी हो गई, फिलहाल हॉस्पिटल में उसका इलाज चल रहा है. अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद उसे हिरासत में लिया जाएगा और पूछताछ की जाएगी. वहीं, अस्पताल में भर्ती 9 अन्य लोगों में से कई की हालत गंभीर बनी हुई है.

फिलहाल, इस दिल दहला देने वाली घटना को लेकर अमेरिका जैसे देशों ने गुयाना को मदद की पेशकश की है. इन देशों ने DNA पहचान में सहायता के लिए फोरेंसिक एक्सपर्ट को भेजने की बात कही है. क्योंकि, आग में जलने के कारण शवों की पहचान बड़ा संकट है.

मृतकों में अधिकांश गांवों से आने वाली 12 से 18 साल की लड़कियां थीं. स्कूल में काम करने वाली एक महिला कर्मचारी का पांच साल का बेटा भी इस हादसे का शिकार हुआ. दमकलकर्मियों ने दीवार में छेद कर कुछ लोगों को बचाने में कामयाबी हासिल की.