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Ayurvedic herbs to clean gut: दुनियाभर के करोड़ों लोग सुबह उठने पर पेट साफ न होने से परेशान रहते हैं. अधिकांश लोग पेट से संबंधित समस्याओं से जूझ रहे हैं, जिनमें से कब्ज सबसे आम समस्या है. कब्ज के कारण पूरे दिन मूड खराब रहता है और दिनभर सुस्ती व थकान महसूस होती है. पेट साफ न होने से कई अन्य बीमारियों का भी खतरा भी बढ़ जाता है. आयुर्वेद में पेट और आंत की सफाई के लिए कई जड़ी-बूटियां हैं. आज हम आपको उनमें से तीन जड़ी-बूटियों के बारे में बताएंगे जो पेट की गंदगी को प्राकृतिक तरीके से बाहर निकालने में मदद करती हैं.
त्रिफला आयुर्वेद में एक शक्तिशाली औषधि है जो आंत की गंदगी को साफ करने, कब्ज को दूर करने और पाचन क्रिया को सुधारने में मदद करती है. त्रिफला तीन जड़ी-बूटियों का मिश्रण है- विभीतकी, हरीतकी और आंवला. ये तीनों जड़ी-बूटियां एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी और रेचक गुणों से भरपूर होती हैं. त्रिफला का सेवन पानी या दूध के साथ किया जा सकता है.
एलोवेरा
एलोवेरा एक और प्रभावी जड़ी-बूटी है जो आंत की गंदगी को साफ करने में मदद करती है. एलोवेरा में फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं. एलोवेरा का रस पीने या एलोवेरा जेल का सेवन करने से मल त्याग आसान हो जाता है.
पुदीना
पुदीना एक ताजा और स्वादिष्ट जड़ी-बूटी है, जो आंत को स्वस्थ रखने में मदद करती है. पुदीने में फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं. पुदीने की चाय पीने या पुदीने के पत्तों का सेवन करने से पाचन क्रिया में सुधार होता है और कब्ज दूर होती है.
आंत की गंदगी साफ करने के कुछ अन्य टिप्स
– पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं. पानी आंत को साफ करने और मल त्याग को आसान बनाने में मदद करता है.
– स्वस्थ आहार लें. स्वस्थ आहार में फाइबर की मात्रा अधिक होनी चाहिए. फाइबर मल को नरम बनाने और मल त्याग को आसान बनाने में मदद करता है.
– नियमित रूप से व्यायाम करें. व्यायाम पाचन क्रिया को बेहतर बनाने में मदद करता है और मल त्याग को आसान बनाता है.
– तनाव कम करें. तनाव पाचन क्रिया को प्रभावित कर सकता है और कब्ज का कारण बन सकता है. तनाव कम करने के लिए योग, ध्यान या अन्य विश्राम तकनीकों का अभ्यास करें.