मध्यप्रदेश में 400 साल पुरानी किले की दीवार गिरी, सात लोगों की मौत

400 year old fort wall collapsed in Madhya Pradesh, seven people died
400 year old fort wall collapsed in Madhya Pradesh, seven people died
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दतिया ; मध्य प्रदेश के दतिया जिले में आज गुरुवार सुबह रियासत कालीन राजगढ़ किले के नीचे के हिस्से वाली 400 साल पुरानी दीवार अचानक ढहकर कच्चे मकान और झोपड़ियों पर गिर गई। मलबे के नीचे नौ लोग दब गए, जिसमें सात लोगों की मौत हो गई जबकि दो लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है। मृतकों में पांच लोग एक ही परिवार के 5 सदस्य थे, जबकि दो-दो लोग परिवार के मुखिया की बहन और बहनोई हैं। अंदेशा जताया जा रहा है कि बीते 30 घंटे से लगातार हो रही बारिश के चलते किले की दीवार कमजोर हो गई थी, जिसके चलते यह हादसा हुआ।

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक गुरुवार करीब साढ़े तीन बजे तेज आवाज आई। लोग बाहर निकले तो देखा कि किले की दीवार गिर गई है। मलबे में दबे दो लोगों को तत्काल बाहर निकालकर अस्पताल भेजा गया। पड़ोसियों ने पुलिस को सूचना दी। जिस पर करीब साढे़ पांच बजे कलेक्टर संदीप मकीन, एसपी वीरेंद्र कुमार मिश्रा, कोतवाली टीआई धीरेंद्र मिश्रा और एसडीईआरएफ की टीम मौके पर पहुंचे। हादसे के बाद करीब नौ घंटे तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन में मलबे से सात शव निकाले गए। कलेक्टर संदीप मकीन ने घटना पर दुख जताते हुए बताया कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है।

कलेक्टर ने बताया कि करीब नौ घंटे चले रेस्क्यू के बाद आखिरी शव निकाला जा सका। हादसे में निरंजन वंशकार (55), उनकी पत्नी ममता, बेटी राधा, दो बेटे सूरज (19) और शिवम (22) समेत निरंजन की बहन प्रभा और बहनोई किशन पुत्र पन्ना लाल की मौत हो गई। किशन ग्वालियर का रहने वाला था और करीब 15 साल पहले ससुराल में ही बस गया था। हादसे में निरंजन के दूसरे बहनोई मुन्ना पुत्र खित्ते वंशकार और उनका बेटा आकाश घायल हुए हैं। दोनों के सिर और पैरों में चोट है। उन्हें इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

सूचना मिलने के बाद ग्वालियर चंबल जोन के आईजी सुशांत सक्सेना मौके पर पहुंचे और मामले की जानकारी ली। बताया जा रहा है कि दीवार लगभग 400 साल पुरानी है। इसे सन 1629 में तत्कालीन राजा इंद्रजीत ने बनवाया था। इसे दीवार शहर पन्हा के नाम से जानते हैं। दतिया एक छोटी रियासत थी। इसलिए डर बना रहता था कि आसपास के राज्य आक्रमण ना कर दें। सुरक्षा के लिहाज से दीवार का निर्माण कराया गया था। इसमें चार गेट और सात खिड़कियां थीं। लोगों ने दीवार पर अतिक्रमण कर लिया था।

जानकारी मिलते ही दतिया विधायक राजेंद्र भारती भी मौके पर पहुंचे और मामले की जानकारी ली। उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि ऐसी घटनाएं न हों, इसकी तैयारी जिला प्रशासन को पहले से करके रखना चाहिए।