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मुजफ्फरनगर: यूपी के मुजफ्फरनगर जिला समाज कल्याण विभाग में हुए करोड़ों के घोटाले को लेकर योगी सरकार सख्त हो गई है। जिला समाज कल्याण विभाग से जुड़े इस बैंक जालसाजी मामले में एक क्लर्क को बर्खास्त कर दिया गया था। अब राज्य सरकार ने उससे 7.86 करोड़ रुपये वसूलने का निर्देश दिया है। जिला समाज कल्याण अधिकारी जीआर प्रजापति ने बताया कि बर्खास्त लिपिक अनिल वर्मा से राशि वसूल करने को लेकर जिलाधिकारी को पत्र भेजा है गया है।
लिपिक अनिल वर्मा ने 2004-05 से 2008-09 तक एक वरिष्ठ अधिकारी के नाम से फर्जी बैंक खाता खोलकर अपने विभाग से धन का फर्जीवाड़ा किया। इन मामलों को लेकर वर्ष 2012 में तीन मुकदमे दर्ज हुए थे। राज्य सरकार ने मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया था। पुलिस अधीक्षक देव रंजन वर्मा के नेतृत्व में एसआईटी हाल में मामले की जांच के लिए लखनऊ से मुजफ्फरनगर पहुंची थी।
36 बैंक खातों की हुई जांच
एसआईटी टीम ने जिला समाज कल्याण विभाग और चार बैंकों में पहुंचकर करीब 36 बैंक खातों की जांच की। टीम ने बैंक, ट्रेजरी और जिला समाज कल्याण विभाग में पुराना रिकार्ड खंगाला था। टीम यहां से कुछ दस्तावेज भी अपने साथ लेकर गई है। एसपी देव रंजन वर्मा ने बताया कि पुराने रिकार्ड से कुछ अहम दस्तावेज नहीं मिल पाए हैं।