Aadhaar update: अब फ्री सेवा नहीं, तो ग्राहक क्या करें.., क्या लगेगी पेनाल्टी? आइए जानें

Aadhaar update: Now there is no free service, what should the customer do…, what will be the penalty? Let's find out
Aadhaar update: Now there is no free service, what should the customer do…, what will be the penalty? Let's find out
इस खबर को शेयर करें

Aadhaar Card update: आधार कार्ड को केंद्र सरकार द्वारा जारी किए हुए 10 साल से ज्यादा का समय हो गया है और अभी भी जिसने अपडेट नहीं करवाया है, वो उचित पहचान पत्र और एड्रेस प्रूफ के जरिए ऐसा कर अपनी जानकारी की पुष्टि कर लें।

हालांकि, अब मुफ्त में मिलने वाली सुविधा आगामी 14 सितंबर तक समाप्त होने जा रही है। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) की डेडलाइन समाप्त होने के बाद अपडेट कराने के लिए आपको हर छोटे अपडेट पर 50 रुपए देने होंगे।

आधार में क्या कुछ खास..
आधार प्रमाणीकरण यानी असली है या नहीं, इसके लिए आपको वेरिफिकेशन कराने के लिए UIDAI में जनसांख्यिकीय (डेमोग्राफी) या बायोमेट्रिक जानकारी के साथ आधार संख्या जमा करना शामिल है। आधार प्रमाणीकरण में वेरिफिकेशन के लिए यूआईडीएआई की केंद्रीय पहचान डेटा रिपोजिटरी (सीआईडीआर) में जनसांख्यिकीय या बायोमेट्रिक जानकारी के साथ आधार संख्या जमा करना शामिल है।

UIDAI में भरी हुई जानकारी को कंफर्म करता है कि आपके द्वारा दी हुई जानकारी सही है या नहीं, स्टेप बाय स्टेप समझें-

-पहले आपको ऑनलाइन वेबसाइट myaadhaar.uidai.gov.in में लॉग-इन करना होगा और फिर आधार नंबर के जरिए लॉग इन करें और आपके रजिस्टर्ड नंबर पर ओटीपी आएगा, इसे आपको वेरिफाई करके अगले स्टेप की ओर बढ़ना होगा।

-अपनी प्रोफाइल में प्रदर्शित पहचान और दिए हुए एड्रेस की जानकारी को समीक्षा करें

-अगर आपके द्वारा दी गई जानकारी उचित रहती है तो फिर आप ‘I verify that the above details are correct’ वाले ऑप्शन में जाकर इसे ओके अगले स्टेप की ओर बढ़ें

-ड्रॉप-डाउन मेन्यू से पहचान और पते के सत्यापन के लिए उन दस्तावेजों का चयन करें, जिन्हें आप सबमिट करना चाहते हैं

-चुने गए दस्तावेज अपलोड करें, आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि आपके द्वारा सबमिट यानी कि अपलोड की हुई प्रत्येक फाइल 2 एमबी से कम आकार की हो और वो जेपीईजी, पीएनजी या पीडीएफ फॉर्मेट में हो

-फिर दी हुई जानकारी को रिव्यू करके और आधार में दी जानकारी को सबमिट करें।

साल 2024 में लोकसभा चुनाव से पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आरोप लगाया था कि पूर्वी बर्धमान जिले के जमालपुर में 50 नागरिकों और बीरभूम, उत्तर और दक्षिण 24 परगना के साथ-साथ उत्तर बंगाल में कई अन्य नागरिकों के आधार कार्ड बनाए गए थे, जिन्हें फिर डीलिंक कर दिया गया।

बंगाल की मुख्यमंत्री के आरोपों के जवाब में यूआईडीएआई (UIDAI) ने दोहराया कि कोई भी आधार संख्या रद्द नहीं किया गया है। प्राधिकरण ने शिकायतों को दूर करने और आधार डेटाबेस की सीक्रेसी को बनाए रखने की अपनी प्रतिबद्धता पर भी जोर दिया।

गौरतलब है कि भारत में आधार कार्ड 28 जनवरी 2009 को पेश किया गया था। यह पैन कार्ड और मतदाता पहचान पत्र जैसे कई अन्य दस्तावेजों के अलावा एक पहचान पत्र के रूप में काम करता है।