अभी अभीः पूरे यूपी में आज से शुरु होने जा रहा बडा अभियान, एकसाथ पूरे प्रदेश में…

Abhi Abhi: A big campaign is going to start in the entire UP from today, simultaneously in the entire state...
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लखनऊ। पान मसाला और तंबाकू पर सेस दोगुना होने के बावजूद कीमतें न बढ़ने की खबरों को सीधे शासन ने संज्ञान लिया है। राज्य कर आयुक्त मिनिस्ती एस. ने टैक्स चोरी की संभावना जताते हुए पूरे प्रदेश में मसाला-तंबाकू और उससे जुड़े कच्चे माल के कारोबारियों की विशेष जांच अभियान के निर्देश दिए हैं। गौरतलब है कि ”अमर उजाला” में 9, 10 और 11 मई को प्रकाशित खबरों में टैक्स चोरी के खेल का खुलासा किया था जिसपर शासन ने मुहर लगा दी और 22 मई से प्रदेश भर में जांच अभियान चलाने का पत्र सभी अपर आयुक्तों को जारी कर दिया।

राज्य कर आयुक्त मिनिस्ती एस. ने सभी अपर आयुक्तों को दिए निर्देश में कहा है कि एक अप्रैल से पान मसाला और तंबाकू पर सेस अधिकतम खुदर मूल्य (एमआरपी) पर लगा दिया गया है। टैक्स चोरी के नजरिये से दोनों ही अत्यंत संवेदनशील वस्तुएं हैं। आयुक्त ने कहा कि सेस बढ़ने के बावजूद कीमतों में वृद्धि न होने से टैक्स चोरी की संभावना बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि सुपाड़ी और पैकिंग मैटेरियल की आपूर्ति के लिए बोगस पंजीकरण जारी है और अपंजीकृत व्यापारियों के जरिए जमकर सप्लाई की जा रही है। इन सभी के खिलाफ विशेष जांच अभियान चलाया जाएगा।

डाटा एनालिसिस से पान मसाला-तंबाकू फर्मों की एनालिसिस
पूरे प्रदेश में पान मसाला और तंबाकू की आपूर्ति करने वाले व्यापारियों की पहले डाटा एनालिसिस होगी। इसमें जांच की जाएगी कि किस कारोबारी ने कितने ई वे बिल जनरेट किए। ई वे बिल का समय और संख्या क्या थी। वास्तविक रूप से किस फर्म को कितनी आपूर्ति की गई, इनकी जांच के बाद अभियान चलेगा। इतना ही नही मसाला, सुपाड़ी, तंबाकू और इससे जुड़ी अन्य वस्तुओं को लाने व ले जाने वाले वाहनों को भी जांच अभियान के दायरे में रखा गया है।

”अमर उजाला” में प्रकाशित खबरों को इंगित करते हुए निर्देशों में कहा गया है कि नकली माल बनाने वाले और चोरी छिपे मशीनें चलाने वाले असली कारोबारियों पर भी सख्त कार्यवाही की जाए। नकली पान मसाले के मामले संबंधित जिले के डीएम को भी सूचित करने के लिए अधिकारियों से कहा गया है। इस अभियान की प्रतिदिन की रिपोर्ट मुख्यालय ने मांगी है। इस रिपोर्ट में प्रत्येक अपर आयुक्त को व्यापारी का नाम, जीएसटीएन, माल का नाम, ब्रांड, मूल्य, सत्यापित ई वे बिलों की संख्या, दोषी मामलों की संख्या, टैक्स चोरी का तरीका, सीज माल की कीमत और पेनाल्टी की सूचना देना होगी।