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Azam Khan: रामपुर विधानसभा उपचुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है यहां राजनेताओं का आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला तेज हो गया है। रविवार को सपा नेता आजम खान ने केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला। रामपुर में एक चुनाव रैली को संबोधित करते हुए वह बोलते-बोलते रोड पड़े। रुआसे गले से आजम खान ने लोगों से कहा-मैं आज तक नहीं जान पाया मेरा कसूर क्या है? क्यों ये सरकार मेरी जान की दुश्मन बनी हुई है? क्यों मुझे सीतापुर की जेल में जहर दिया गया?
दरअसल, रविवार रात यहां से सपा प्रत्याशी आसिम राजा के समर्थन में मोहल्ला चाह खजान में एक रैली का आयोजन किया गया था। यहां अपने भाषण में आजम खां ने लोगाें से अपील करते हुए कहा- अब मेरे साथ धोखा मत करना। मेरे पास धोखा खाने का वक्त नहीं है। आसिम राजा को जीत दिलाकर मेरी जगह पर विधानसभा भेज दो।
अखिलेश-जयंत के रामपुर दौरे पर आजम का तंज, बोले-सवाल ये है कि ये लोग किसलिए आ रहे हैं, यहां तो चुनाव है ही नहीं
सपा नेता मोहम्मद आजम खां ने तंज भरे लहजे में कहा है कि अखिलेश जी आने वाले हैं ऐसी सूचना है और जयंत चौधरी साहब भी आने वाले हैं ऐसी भी सूचना है, चंद्रशेखर आने वाले हैं ऐसी भी सूचना है, लेकिन सवाल यह है कि ये लोग किस बात के लिए आ रहे हैं क्योंकि चुनाव तो यहां है ही नहीं।
बता दें कि 5 दिसम्बर 2022 को होने वाले उपचुनाव में सपा ने आजम के करीबी आसिम रजा को अपना उम्मीदवार बनाया है। जबकि मैनपुरी से सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव चुनाव लड़ रही हैं। अखिलेश यादव और यादव परिवार पूरी ताकत से वहां चुनाव प्रचार में जुटा है। एक दिसम्बर को अखिलेश रामपुर आ रहे हैं। यहां उनकी सभा होगी। शनिवार की आधी रात को रामपुर सपा कार्यालय पर मीडिया से रूबरू हुए आजम खां ने पुलिस-प्रशासन पर आरोप लगाया कि आज ही तकरीबन 50 घरों के दरवाजे तोड़े हैं, सड़कों से बेगुनाहों को उठाकर ले गए हैं और जिस भाषा का इस्तेमाल किया है उसमें हमारी पत्नी और इस शहर की पूर्व सांसद और पूर्व विधायक को भी उन्होंने नहीं बख्शा है।मेरी पत्नी और मेरे अजीज एक बीमार की अयादत के लिए गए थे, वह बहुत बड़ा अपराधी है जिसकी इन्हें बड़ी भयानक तलाश है, उसका नाम है तालिब, उसका नाम दर्शाया गया है यूनिवर्सिटी में चोरी की मशीन की बरामदगी में, जिसकी रपट नगरपालिका की तरफ से है और नगर पालिका की तरफ से इस बात का इनकार है कि यह मशीन उनकी नहीं है, उसके घर के दरवाजे तोड़ दिए गए।
उन्होंने कहा यह एक मखसूस आबादी का शहर है इसलिए इसके साथ जो भी बर्ताव हो रहा है वो हमें बर्दाश्त करना है और मेरे जैसे को इसलिए कि वोट देने का अधिकार ही खत्म हो गया तो मुझे इस शिकायत में बल नहीं लगता, लेकिन अपने कैंडिडेट के लिए, अपनी पार्टी के कैंडिडेट के लिए वोट मांगने का अधिकार मेरा अभी बाकी है।
कहा कि हम इस बात पर विचार कर रहे हैं और हमारे पास वीडियो फुटेज है। हम विचार कर रहे हैं कि जब अखिलेश यादव जी तशरीफ लाएंगे तो हम यह आग्रह करेंगे उनसे कि वह इलेक्शन कमीशन से यह निवेदन करें कि बीजेपी के कैंडिडेट को जीता हुआ घोषित कर दिया जाए, चुनाव की क्या जरूरत है। जब चुनाव हो ही नहीं रहा है।