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उन्नाव : कानपुर-लखनऊ हाईवे पर तेज रफ्तार डंपर पैदल जा रहीं मां-बेटी व वहां खड़े युवक को रौंदने के बाद किनारे खड़ी कार को टक्कर मारने के बाद उसे घसीटते हुए गहरी खंती में जा घुसा। कार में पिता-पुत्र समेत तीन लोग सवार थे। हादसा रविवार शाम करीब सात बजे अचलगंज क्षेत्र में आजाद मार्ग चौराहे पर हुआ। डंपर की चपेट में आए सभी छह लोगों की मौके पर मौत हो गई। क्रेन व एंबुलेंस की व्यवस्था न होने से आक्रोशित लोगों ने हंगामा किया तो पुलिस ने लाठियां फटकारीं।
नशे में था ड्राईवर
डंपर चालक अंकित हरदोई संडीला से गिट्टी उताकर वापस कबरई जा रहा था। स्थानीय लोगों की माने तो हादसे के समय चालक काफी नशे में था। भीड़ उसे पकड़ने दौड़ी, लेकिन अंधेरे का फायदा उठा वह भाग निकला। वहीं हादसे के बाद उत्तेजित भीड़ ने चौराहा पर पिकेट ड्यूटी पर तैनात अचलगंज थाना का पीआरडी जवान दर्शनलाल को खींच लिया और बीच सड़क पर लाकर बेरहमी से पीटा।
शादी की खुशियां गम में बदलीं
अचलगंज के झउहा गांव निवासी सुरेंद्र ने अपनी बेटी शिवानी की शादी कानपुर के श्यामनगर निवासी दधिबल शुक्ल के बेटे अखिलेश से तय की थी। रविवार को तिलक समारोह था। सुबह से ही घर में मंगलगान के साथ तैयारियां जोरों पर चल रहीं थी परिवार व रिश्तेदारों के साथ गांव के कुछ लोग भी तिलकचढ़ाने के लिए शाम चार बजे तैयार होकर दरवाजे पहुंच गए। सुरेंद्र के चचेरे भाई 60 वर्षीय विमलेश शाम करीब 6 बजे अपने बेटे शिवांग उर्फ विक्की व दामाद पूरन दीक्षित के साथ कार से कानपुर के लिए निकले। आजाद मार्ग चौराहा के पास घर के अन्य लोगों के आ जाने की बात कह कार रुकवाई। किसी को यह नहीं पता था कि डंपर उनके जीवन का काल बन जाएगा। तीनों के मौत की खबर जैसे ही घर पहुंची मंगलगीत चीत्कार में बदल गए।
तीन बेटियों के बाद हुआ था बेटा, पिता के साथ छोड़ी दुनिया :
कार में दबकर जान गवांने वाला शिवांग तीन बहनों में सबसे छोटा था। मन्नतों के बाद विमलेश को बेटा नसीब हुआ था। लेकिन भगवान को कुछ और ही मंजूर था। हादसे में बेटे व दामाद के साथ विमलेश ने भी जान गवां दी। एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत से स्वजनों के आंसू थम नहीं रहे हैं। विमलेश की सबसे छोटी बेटी आरती दिवंगत दामाद पूरन को ब्याही थी। हादसे ने पिता-पुत्र के साथ बेटी का सुहाग भी उजाड़ दिया। पति के साथ पिता व इकलौते भाई को खोने के गम में आरती बेसुध हो गई।
फसल की रखवाली को जा रहीं थी मां-बेटी
हादसे के वक्त दिवंगत शकुंतला अपनी बेटी शिवानी के साथ फसल की रखवाली के लिए खेत जा रही थी। अभी वह मुख्य मार्ग से खेत की ओर मुड़ी ही थी कि काल बनकर पहुंचे डंपर ने दोनों को रौंद दिया। मां और बहन की मौत की सूचना पर पहुंचे बेटे अमित व सुमित समेत अन्य स्वजन बेहाल हो गए। बताया कि तीन साल पहले शकुंतला के सबसे छोटे पांच वर्षीय बेटे पोला की भी इसी जगह दुर्घटना में मौत हो गई थी।
बीमार मां को देखकर लौट रहा था छोटेलाल
हादसे में जान गवांने वाला छोटेलाल अपनी बीमार मां मुन्नी को देखने कानपुर के पनकी स्थित अस्पताल गया था। रात में वहां से बाइक से लौटा और आजाद मार्ग चौराहा पर लघुशंका करने लगा। इसी बीच डंपर ने उसे भी रौंद दिया। उसकी मौत से पत्नी वंदना बेहाल हो गई। दो बच्चे आर्यन व लाडो की परवरिश की चिंता उसे सता रही थी। मजदूरी कर छोटेलाल परिवार का गुजारा चलाता था।