नई दिल्ली: मोदी सरनेम केस में 2 साल की सजा के बाद राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द हो गई है। इसके साथ ही अब बड़ा सवाल खड़ा हो गया है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में पीएम नरेंद्र मोदी के सामने मुकाबले में कौन खड़ा होगा। गौरतलब है कि राहुल की भारत जोड़ो यात्रा के बाद कांग्रेस नेता मिशन 2024 के लिए राहुल को पीएम कैंडिडेट घोषित करने लगे थे। पर राहुल की सदस्यता जाने के बाद अब वह मौजूदा स्थिति में तो 8 साल तक चुनाव ही नहीं लड़ पाएंगे। ऐसे में लोकसभा चुनाव में विपक्ष की तरफ से पीएम मोदी को कौन देगा चुनौती?
8 साल तक चुनाव नहीं लड़ पाएंगे राहुल
राहुल गांधी को मोदी सरनेम मानहानि केस में 2 साल की सजा सुनाई गई है। गौरतलब है कि जनप्रतिनिधित्व कानून के तहत अगर 2 या उससे अधिक साल की सजा मिलती है तो संसद या विधानसभा की सदस्यता रद्द हो जाती है। इसके अलावा सजा पूरी होने 6 साल बाद तक कोई शख्स चुनाव नहीं लड़ सकता है। यानी मौजूदा स्थिति में तो राहुल गांधी 8 साल तक चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। हालांकि, सूरत की कोर्ट ने राहुल की सजा को 30 दिन के लिए सस्पेंड कर दिया है ताकि राहुल ऊपरी अदालत का रुख कर सके। राहुल को तभी कोई राहत मिल सकती है जब ऊपरी अदालत निचली अदालत के दोषी ठहराने के फैसले को ही निलंबित कर दे।
मानहानि केस में राहुल को कोर्ट से दो साल की सजा मिली है। आगे वह 6 साल तक चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। अब कांग्रेस पार्टी को शीर्ष अदालत से ही उम्मीदें हैं।
2024-
कांग्रेस ने भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। अध्यक्ष खरगे ने कहा कि सच बोलने की सजा दी जा रही है। 2019 में कर्नाटक के कोलार में रैली के दौरान राहुल गांधी ने कहा था, ‘कैसे सभी चोरों का उपनाम मोदी है?’
–
कांग्रेस ने कहा कि वह कानूनी और राजनीतिक लड़ाई लड़ेगी। उसने अडानी मुद्दे पर जेपीसी गठित करने की मांग और तेज करने को कहा है। शाम में बैठक बुलाई गई है। खरगे ने कहा कि यह सब इसलिए किया गया ताकि राहुल गांधी संसद में सवाल नहीं कर सकें। जयराम रमेश ने ट्वीट किया, ‘भारतीय लोकतंत्र ओम शांति।’
विपक्ष की तरफ से कौन बनेगा चेहरा?
राहुल की सदस्यता जाने के बाद बड़ा सवाल ये है कि अब पीएम मोदी को 2024 में कौन नेता चुनौती देगा। इस रेस में पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी (Mamata Banerjee), बिहार के सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) और तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव (K Chandrasekhar Rao) के नाम उछल सकते हैं। राहुल की सजा और सदस्यता रद्द होने के बाद हो सकता है कि तीसरे मोर्चे की मांग जो पिछले कुछ वक्त से जोर पकड़ रहा था, उसमें और तेजी आए।
थर्ड फ्रंट देगा पीएम मोदी को चुनौती!
उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने कुछ दिन पहले पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी से मुलाकात करके थर्ड फ्रंट की वकालत की थी। इस फ्रंट की स्वभाविक नेता ममता हैं। ऐसे में सवाल ये उठ रहा है कि क्या 2024 के पीएम कैंडिडेट के जो बाकी दावेदार हैं वो ममता के नाम पर सहमत होंगे? नीतीश कुमार और के चंद्रशेखर राव लगातार पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ मोर्चा खोल रखे थे। ममता ने हाल ही में केंद्र सरकार के खिलाफ हल्ला बोलते हुए कहा था कि वो दो दिन का धरना देंगी।
नीतीश, ममता या के सी राव?
अब एक सवाल ये भी है कि अगर कांग्रेस विपक्ष के किसी एक कैंडिडेट पर राजी भी हो जाती है तो किसपर लगेगी मुहर। नीतीश, ममता और के सी राव में से कौन देगा पीएम मोदी को चुनौती? हालांकि, अभी ये सवाल भविष्य के गर्त में हैं। लेकिन जिस तरह से विपक्ष में मतभेद हैं उसमें यह कहना जल्दबाजी होगी कि मोदी के सामने 2024 में कौन उम्मीदवार होगा।