अभी-अभी: यूपी में एक बार फिर लागू होंगी पाबंदियां! नई गाइडलाइन तैयार, अस्पतालों में…

Abhi Abhi: Restrictions will be implemented once again in UP, new guidelines prepared, hospitals...
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लखनऊ। प्रदेश में एच3एन2 इंफ्लूएंजा से बचाव के लिए सभी अस्पतालों को अलर्ट कर दिया गया है। अस्पतालों में जरूरत के अनुसार इमरजेंसी में बेड बढ़ाने के साथ-साथ जरूरी दवाओं की उपलब्धता बनाए रखने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं लोगों से अपील की गई है कि वह मास्क लगाएं। इंफ्लूएंजा से घबराने की जरूरत नहीं है। सोमवार तक प्रदेश में विस्तृत गाइडलाइन अस्पतालों को जारी कर दी जाएंगी। स्टेट सर्विलांस आफिसर डा. विकासेन्दु अग्रवाल कहते हैं कि इसे लेकर ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं है। यह सामान्य फ्लू की तरह होता है।

अगर किसी को खांसी, बुखार, उल्टी, गले में खराश व मांसपेशियों में दर्द पांच दिन से लेकर हफ्ते भर तक है तो तत्काल जांच कराएं। उन्होंने बताया कि इससे निपटने के लिए अस्पतालों में पर्याप्त इंतजाम हैं। देश में मरीजों की बढ़ रही संख्या को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से सभी राज्यों को दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। फिलहाल अस्पतालों में सांस के इलाज के जुड़े उपकरणों की उपलब्धता व आइसीयू में बेड की पर्याप्त व्यवस्था की जा रही है। देश भर में एच3एन2 इंफ्लूएंजा के मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी को देखते हुए बचाव के सभी जरूरी उपाय किए जा रहे हैं।

लखनऊ में भी एच3एन2 वायरस के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं। केजीएमयू और लोहिया संस्थान की ओपीडी में सामान्य की तुलना में करीब 40 प्रतिशत मरीजों की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। पिछले 15 दिनों में कुल मरीजों के करीब 40 प्रतिशत सैंपल पाजिटिव पाए गए हैं। अन्य अस्पतालों में भी लगभग यही स्थिति है। यह इंफ्लुएंजा ए के एच1एन1 का म्यूटेट हुआ वैरिएंट है, जो कि किसी भी उम्र के व्यक्ति को शिकार बना सकता है। हालांकि, विशेषज्ञों का दावा है कि यह कोई नया संक्रमण नहीं है। पहले भी एच3एन2 संक्रमण की पुष्टि हुई है। इससे डरने नहीं, बल्कि सतर्क रहने की जरूरत है।

अस्पतालों को अलर्ट जारी
केजीएमयू में पल्मोनरी एंड क्रिटिकल केयर मेडिसिन के विभागाध्यक्ष डा. वेद प्रकाश ने बताया कि पिछले ढाई महीने से भारत के कई हिस्सों में इन्फ्लूएंजा के मामले बढ़ रहे हैं। कोरोना महामारी के बाद फ्लू के बढ़ते मामलों से लोगों में डर है, क्योंकि इससे जूझ रहे मरीजों में कोरोना जैसे ही लक्षण देखने को मिल रहे हैं। बीते कुछ दिनों में लखनऊ और आसपास के इलाकों से कई ऐसे मरीज अस्पताल पहुंचे हैं, जो 10-15 दिनों से तेज बुखार के साथ खांसी से परेशान हैं। उन्होंने कहा, यह कोई खतरनाक फ्लू नहीं है। अस्पताल या भीड़ में जाने से पहले मास्क पहनें और संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाए रखें। हालात को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी किया है। मरीजों की पहचान करने और सैंपलिंग बढ़ाने के निर्देश भी दिए गए हैं।

केजीएमयू 40 प्रतिशत से ज्यादा मरीज बढ़े
डा. वेद प्रकाश के मुताबिक, यदि आपको भी बुखार आ रहा है और रेस्पिरेटरी संक्रमण जैसे बुखार, सर्दी, खांसी और गले में खरखराट के अलावा नाक बहने की दिक्कत है तो आप इस वायरस की चपेट में हैं। इस तरह के लक्षण वाले मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। वहीं जांच के दौरान इन मरीजों में से ज्यादातर में एच3एन2 एंफ्लूएंजा की पुष्टि हो रही है। उन्होंने कहा, केजीएमयू में रेस्पिरेटरी और पल्मोनरी विभाग की ओपीडी में पहुंचने वाले कुल मरीजों में 40 प्रतिशत एंफ्लूएंजा से पीड़ित पाए गए हैं। डा. वेद प्रकाश का कहना है कि इस तरह के लक्षण वाले रोगियों को खुद से दवा नहीं लेना चाहिए। तत्काल डाक्टर से संपर्क करें और अच्छी इलाज कराएं। ऐसा ना करने पर स्थिति गंभीर हो सकती है।

लोहिया की ओपीडी में पहुंच रहे एंफ्लूएंजा के रोगी
लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में मेडिसिन के विभागाध्यक्ष डा. विक्रम सिंह कहते हैं, एक बार इस संक्रमण के गिरफ्त में आने के बाद कम से कम 15 दिनों छुटकारा नहीं मिल रहा है। संस्थान में 50 से 60 मरीज रोज ऐसे आ रहे हैं, जिनमें फ्लू के लक्षण हैं। उन्होंने कहा, दरअसल, मौसम में बदलाव के साथ ऐसे संक्रमण कमजरो रोग-प्रतिरोधक क्षमता वाले व्यक्तियों पर हावी हो जाते हैं। यह ज्यादा दिनों तक परेशान नहीं करेगा। 15 अप्रैल के बाद धीरे-धीरे इसका असर खत्म हो जाएगा। उन्होंने कहा, एच3एन2 वायरस से बच्चे और बुजुर्गों के अलावा गंभीर बीमारियों से पीड़ितों को अधिक सतर्कता बरतने की जरूरत है।

इन अस्पतालों में भी बढ़े मरीज
बलरामपुर और लोकबंधु अस्पताल में भी सर्दी-खांसी के मरीजों की संख्या बढ़ी है। इन अस्पतालों में भी इस तरह के मरीजों की वजह से ओपीडी में करीब 20 फीसदी का इजाफा हुआ है। लोकबंधु के चिकित्सा अधीक्षक डा. अजय शंकर त्रिपाठी बताते हैं कि इस बीमारी में मरीजों को खांसी, गले में खुजली, शरीर में दर्द और बुखार जैसे लक्षण सामान्य तौर पर नजर आ रहे हैं। लोगों को इससे घबराने की जरूरत नहीं है।