- बदलेगा यूपी का मौसम, गरज-चमक के साथ कई हिस्सों में होगी बारिश, IMD ने जारी किया अलर्ट - March 28, 2024
- पश्चिमी यूपी के 14 में से 6 सांसदों के टिकट कटे, उतरे नए चेहरे, कौन कहां से प्रत्याशी - March 28, 2024
- लोकसभा चुनाव 2024: राजस्थान में पहले चरण की 12 लोकसभा सीटों पर ये दिग्गज हैं आमने सामने - March 28, 2024
नई दिल्ली। अगले वित्त वर्ष 2023-24 के लिए बजट पेश करने से पहले केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ी संस्थाओं के कई नेताओं से मुलाकात की है। इस दौरान कई नेताओं ने उन्हें पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल करने का सुझाव दिया है। 21 से 28 नवंबर के बीच आयोजित इन बैठकों में संघ से जुड़े नेताओं ने अगले बजट में 51 गौ केन्द्रित विश्वविद्यालयों की स्थापना का भी सुझाव दिया है।
2024 के चुनाव से पहले के पूर्ण बजट को लोक लुभावन बनाने के लिए सुझाव दिया गया है कि पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन आय में बढ़ोत्तरी मुद्रास्फीति से जोड़कर किया जाय। इनके अलावा चीनी आयात को हतोत्साहित करने और अधिक रोजगार सृजित करने के उपाय उठाने की भी सलाह दी गई है।
केंद्र की सत्ता पर काबिज भारतीय जनता पार्टी का वैचारिक स्रोत रहे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और उससे जुड़े संगठन हमेशा से ही सरकार की राजकोषीय नीतियों के समर्थन में नहीं रहे हैं और उन्हें बदलने की सलाह देते रहे हैं। उदाहरण के लिए पिछले साल आरएसएस ने बेरोजगारी से निपटने के लिए एक प्रस्ताव पास कर भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए ‘आत्मनिर्रता’ बढ़ाने का सुझाव दिया था, ताकि देश के अंदर निर्माण उद्योगों का विकास हो सके और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश पर जोर घटाया जा सके।
इस बार भी संघ से जुड़े संगठनों भारतीय मजदूर संघ, भारतीय किसान संघ और स्वदेशी जागरण मंच ने देशी अर्थवय्वस्था को आत्मनिर्भर बनाने का सुझाव वित्तमंत्री को दिया है। 22 नवंबर को अपनी मुलाकात में भारतीय किसान संघ के नेताओं ने वित्त मंत्री से किसानों की आय बढ़ाने और उनके तनाव कम करने के उपायों पर चर्चा की है और उन्हें महंगाई दर से जोड़कर पीएम किसान सम्मान निधि का राशि बढ़ाने की सलाह दी है।
भारतीय किसान संघ के नेताओं ने केंद्रीय वित्त मंत्री सीतारमण से देशभर में 51 गौ विश्वविद्यालयों की स्थापना का सुझाव दिया है, ताकि देशभर में ऑर्गेनिक फार्मिंग को बढ़ावा मिल सके और उस दिशा में सार्थक शोध हो सके। बीकेएस ने देशभर में 22000 हाट भी विकसित करने का सुझाव दिया है, ताकि ग्रामीण स्तर पर कृषि उपज को बाजार मिल सके। 2018-19 के बजट में अरुण जेटली ने इसके लिए 2000 करोड़ रुपये का प्रावधान भी किया था।
‘द प्रिंट’ के मुताबिक संघ के श्रमिक संगठन भारतीय मजदूर संघ के नेताओं ने 28 नवंबर को केंद्रीय वित्त मंत्री से मुलाकात में केंद्रीय कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल करने का सुझाव दिया है। यह मुद्दा हिमाचल प्रदेश और गुजरात विधान सभा चुनाव में छाया रहा क्योंकि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने इसे लागू करने का वादा किया है। पुरानी पेंशन व्यवस्था साल 2004 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में हटा दी गई थी और उसकी जगह नई पेंशन व्यवस्था लागू की गई थी।
‘द प्रिंट’ से बात करते हुए, बीएमएस के महासचिव रवींद्र हिमते ने कहा कि संगठन ने नीतिगत ढांचे के माध्यम से सभी श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा, न्यूनतम स्वास्थ्य कवर और पेंशन लाभ की भी मांग वित्त मंत्री से की है।