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जयपुर। राजस्थान में करीब पांच महीने बाद होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए अशोक गहलोत सरकार हर वर्ग को खुश करने में जुटी है। इसी कड़ी में अब सरकारी कर्मचारियों के वोट बैंक को साधने के लिए गहलोत सरकार ने 25 साल का सेवाकाल पूरा कर स्वेच्छा से सेवानिवृत्ति लेने वाले कर्मचारियों को पूरी पेंशन का लाभ देने का निर्णय लिया है।
राज्य सिविल सेवा नियमों में संशोधन
यह पेंशन की राशि वही होगी जो कर्मचारी के सेवानिवृत्त होने पर मिलती। इसके लिए राज्य सिविल सेवा नियमों में संशोधन किया गया है। सीएम गहलोत की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में 75 वर्ष की उम्र से ज्यादा के सेवानिवृत्त कर्मचारियों को 10 प्रतिशत अतिरिक्त पेंशन भत्ता देने का निर्णय भी लिया गया है। यह निर्णय इस साल जुलाई महीने से लागू होगा।
पुत्र और पुत्री को पारिवारिक पेंशन का लाभ
साथ ही सरकार ने तय किया है कि किसी कर्मचारी अथवा पेंशन लेने वाले सेवानिवृत्त कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है तो उसके निशक्त विवाहित पुत्र और पुत्री को पारिवारिक पेंशन का लाभ मिलेगा, लेकिन नि:शक्त पुत्र और पुत्री की स्वयं की मासिक आय 12,500 से अधिक नहीं होनी चाहिए। इसके लिए उन्हें हलफनामा देना होगा।
वेतन में भी वृद्धि करने का निर्णय
यह नियम इस साल अप्रैल महीने से लागू होंगे। कर्मचारियों को समय-समय पर दिए जाने वाले विशेष वेतन में भी वृद्धि करने का निर्णय लिया गया है। वृद्धि कितनी होगी, यह संबंधित अधिकारी निर्णय कर सकेंगे।