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लखनऊ। यूपी में निवेशकों को अब निजी प्राइवेट इंडस्ट्रियल पार्क में उद्योग लगाने के लिए आसानी से जमीन उपलब्ध होगी। कम से कम 10 एकड़ जमीन को निजी पार्क के रूप में विकसित करने के लिए सरकार केवल एक प्रतिशत ब्याज दर पर कर्ज देगी।
ग्लोबल समिट के जरिए राज्य में आ रहे निवेशकों को इसी तरह उनकी पसंद की जगह पर उद्योग लगाने के लिए जमीन दिलाई जाएगी। एमएसएमई विभाग ने इसके लिए एक ‘प्लेज’ योजना बनाई है। इसके तहत राज्य में कोई भी व्यक्ति अपनी निजी जमीन पर प्राइवेट इंडस्ट्रियल पार्क विकसित कर उसके भूखंड निवेशक को बेच सकता है। प्रदेश सरकार की उस जमीन को विकसित करने के संकल्प को आगे बढ़ाते हुए उसे आसान कर्ज देगी।
कर्ज की अवधि तक जमीन सरकार के पास गिरवी रहेगी। केवल एक प्रतिशत ब्याज पर निश्चित रकम दी कर्ज के तौर पर दी जाएगी। इस रकम से जमीन मालिक अपनी जमीन पर इंफ्रास्ट्रक्चर के काम करा सकता है। मसलन वहां पानी, बिजली की उपलब्धता के साथ-साथ जमीन समतलीकरण, सीवर के साथ इंडस्ट्री के लिए जरूरी अन्य निर्माण कार्य करा सकता है। इसके बिना उस जमीन पर औद्योगिकु भूखंड विकसित करना संभव नहीं है। विभागीय सूत्रों के मुताबिक राज्य में तमाम जिलों में बड़े क्षेत्रफल की जमीन रखने वाले तमाम लोगों ने सरकार से संपर्क किया है और अपनी जमीन पर निवेशकों को उद्योग लगाने के लिए उचित दर पर देना चाहते हैं।
जमीन मालिकों और सरकार दोनों को लाभ
सरकार ग्लोबल समिट के जरिए हो रहे हजारों एमओयू को जमीन पर उतारने के लिए विभिन्न प्राधिकरणों के जरिए जमीन का इंतजाम कर रही है लेकिन जमीन की किल्लत को देखते हुए अब निजी जमीन धारकों को प्रोत्साहित करने की योजना बनाई गई है ताकि निवेशक जिस जगह चाहें अपने जरूरत के हिसाब से जमीन लें। सरकार को इससे फायदा यह है कि उसे जमीन का अधिग्रहण नहीं करना पड़ेगा न ही बाजार रेट से चार गुना ज्यादा का रेट देना पड़ेगा।