Adani Group Share : अडानी के 2 शेयरों पर BSE-NSE ने लिया बड़ा फैसला, पैसा लगाने से पहले जान लें निवेशक

Adani Group Share: BSE-NSE took a big decision on 2 shares of Adani, investors should know before investing money
Adani Group Share: BSE-NSE took a big decision on 2 shares of Adani, investors should know before investing money
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नई दिल्ली : अडानी ग्रुप (Adani Group) के दो शेयरों को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही हैं। स्टॉक एक्सचेंज बीएसई और एनएसई ने अडानी ग्रीन एनर्जी और एनडीटीवी को लॉन्ग टर्म ASM फ्रेमवर्क के पहले स्टेज में डालने की बात कही है। सोमवार से ये दोनों शेयर लॉन्ग टर्म एएसएम के पहले स्टेज में चले जाएंगे। अभी ये दोनों शेयर लॉन्ग टर्म एएसएम फ्रेमवर्क के दूसरे स्टेज में थे। अब ये 20 मार्च से पहले स्टेज में चले जाएंगे। बीते हफ्ते दोनों स्टॉक एक्सचेजों ने कहा था कि उन्होंने अडानी ग्रीन (Adani Green) और एनडीटीवी (NDTV) को लॉन्ग टर्म ASM फ्रेमवर्क स्टेज II से स्टेज I में डाल दिया है। वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ने अडानी पावर, अडानी विल्मर और अडानी एंटरप्राइजेज को शॉर्ट टर्म एएसएम फ्रेमवर्क से हटा दिया है।

क्या हैं पैरामीटर्स?

एएसएम फ्रेमवर्क के तहत शेयरों को शॉर्टलिस्ट करने के पैरामीटर्स में हाई-लो वेरिएशन, क्लांइट कंसनट्रेशन, प्राइस बैंड हिट्स की संख्या, क्लोज टू क्लोज प्राइस वेरिएशन और पीई रेश्यो शामिल हैं। एनएसई और बीएसई ने कहा कि इन कंपनियों ने लॉन्ग टर्म अतिरिक्त निगरानी उपायों के तहत शामिल किये जाने वाले मानदंडों को पूरा किया है। एक्सचेंज ने कहा, ’22 मार्च, 2023 से 21 मार्च 2023 तक सभी ओपन पोजीशंस पर मार्जिन की दर 100 फीसदी लागू होगी। नई पोजीशंस 22 मार्च 2023 से बनाई जाएंगी। साथ ही 20 मार्च 2023 से लोअर प्राइस बैंड लागू होगा। ‘

अडानी की 10 में से 7 कंपनियां हरे निशान पर

इस हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन अडानी ग्रुप के 10 लिस्टेड शेयरों में से 7 कंपनियों के शेयर बढ़त के साथ बंद हुए। अडानी एंटरप्राइजेज (Adani Enterprises) में 2 फीसदी का उछाल आया। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद अडानी ग्रुप के शेयरों (Adani Group Shares) में भारी गिरावट आई थी। लेकिन अब ग्रुप के शयरों ने काफी हद तक रिकवर कर लिया है। हालांकि, सुस्त व्यापक बाजार के कारण पिछले कुछ कारोबारी सत्रों में शेयरों में थोड़ी गिरावट भी आई। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में कहा गया था कि अडानी ग्रुप की कंपनियां 85 फीसदी ओवरवैल्यूड हैं। साथी ही ग्रुप पर शेयरों में हेर-फेर के भी आरोप लगाए गए थे। ग्रुप ने इन सभी आरोपों को सिरे से नकार दिया था। ग्रुप ने कहा था कि वह सभी कानूनों और प्रकटीकरण आवश्कताओं का अनुपालन करता है।

क्या होता है ASM फ्रेमवर्क?

एएसएम सेबी और एक्सचेंजों की एक पहल है, जिसमें निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए शेयरों को या तो अल्पकालिक या दीर्घकालिक फ्रेमवर्क में ले जाया जाता है। एएसएम की फुल फॉर्म Additional Surveillance Measures (अतिरिक्त निगरानी उपाय) हैं। एएसएम की पहली स्टेज में 100 फीसदी मार्जिन नियम लागू किया जाता है और डेली प्राइस बैंड को 5 फीसदी या कम कर दिया जाता है। वहीं, दूसरी स्टेज में शेयर को ट्रेड टू ट्रेड सेटलमेंट में भेज दिया जाता है। यहां सेटलमेंट ग्रॉस बेसिस (डिलीवरी बेस्ड) होता है।