नई दिल्ली. पृथ्वी से जुड़े ऐसे कई रहस्य और कई सवाल हैं जिनके जवाब आज भी वैज्ञानिक तलाश रहे हैं. एक्सपर्ट्स का कहना है कि पृथ्वी का अंदरूनी हिस्सा गर्म और ठोस लोहे से बना है. इसी की वजह से धरती का मैग्नेटिक फील्ड और गुरुत्वाकर्षण बल बनता है. ऐसा पृथ्वी के केंद्र में एक ही दिशा में घूमने की वजह से होता है. अब अगर पृथ्वी का घुमाव कुछ देर के लिए रुक जाए या फिर उल्टी दिशा में घूमने लगे तो क्या होगा. क्या धरती पर भयंकर भूकंप आएगा? क्या इसका गुरुत्वाकर्षण बल खत्म हो जाएगा? इसके मैग्नेटिक फील्ड पर क्या असर होगा?
वैज्ञानिकों के एक टीम ने दावा किया है कि धरती का कोर अपने घूमने की दिशा में बदलाव कर सकता है. उससे पहले घूमाव रुक जाएगा. इसे लेकर Nature Geoscience में एक रिपोर्ट भी प्रकाशित की गई है. बता दें कि धरती के केंद्र का घूमाव उसके ऊपर के सर्फेस को स्टेबल करता है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि धरती के घुमाव में करीब 70 साल बाद बदलाव आता है. हालांकि वैज्ञानिकों का मानना है कि घुमाव के कुछ सेकेंड रुकने या दिश बदलने से पृथ्वी पर कुछ खास असर नहीं पड़ेगा.
कब हुई थी धरती के केंद्र की खोज
बता दें कि साल 1936 में डच वैज्ञानिक इंगे लेहमैन ने खोजा था कि एक मेटल बॉल के चारों तरफ धरती का लिक्विड कोर लिपटा हुआ है. पृथ्वी के केंद्र को पढ़ना काफी कठिन है. वहां से सैंपल भी नहीं लिया जा सकता. लेकिन भूकंप और परमाणु टेस्ट पृथ्वी के केंद्र को काफी प्रभावित करती हैं. इससे पृथ्वी के कोर के बारे में स्टडी करने में मदद मिलती है.