फोल्डेबल स्मार्टफोन स्क्रीन स्मार्टफोन में एक लेटेस्ट फीचर बन गई है। इसे स्मार्टफोन्स का फ्यूचर कहा जा सकता है। हम पहले कहां ही जानते थे कि फोन की स्क्रीन को मोड़ा भी जा सकता है। ये फोन काफी कॉम्पैक्ट भी होते हैं। कई लोगों का मानना है कि यह इस्तेमाल करने के हिसाब से काफी कंफर्टेबल होते हैं। बता दें कि दुनिया का पहला कमर्शियली उपलब्ध फोल्डेबल स्मार्टफोन Royole FlexPai था, जिसे 2018 में जारी किया गया था। इसके बाद Samsung और Oppo ने भी फोल्डेबल फोन लॉन्च किए। अब कई और कंपनियां फोल्डेबल फोन की तरफ अग्रसर हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि फोल्डेबल स्मार्टफोन स्क्रीन कैसे काम करती है? फोल्डेबल स्मार्टफोन की स्क्रीन क्यों नहीं टूटती? चलिे जानते हैं इन सवालों का जवाब।
फोल्डेबल स्मार्टफोन स्क्रीन क्या है?
फोल्डेबल स्मार्टफोन स्क्रीन एक नई और लेटेस्ट तकनीक है जो फोन की पोर्टेबिलिटी को बिना हटाए फोन की स्क्रीन को एक्सपेंड करने की अनुमति देती है। जब फोन को फोल्ड कर दिया जाता है यानी कि मोड दिया जाता है तो वो एक ट्रेडिशनल फोन के मुकाबले थोड़े बड़े लगते हैं। लेकिन इन्हें ऑपरेट करना आसान होतैा है।
फोल्डेबल स्मार्टफोन स्क्रीन कैसे काम करती हैं?
फोल्डेबल स्क्रीन को देखकर यह लगता है कि आखिर ये काम कैसे करती होगी। तो आपको बता दें कि किसी भी स्मार्टफोन की स्क्रीन आमतौर पर कांच की कई परतों से बनी होती हैं जिनमें ज्यादातर इनफ्लैक्सिबल होती हैं। लेकिन फोल्डेबल फोन में नई तकनीक होती है। इसे फ्लैक्सिबल डिस्प्ले टेक्नोलॉजी कहा जाता है। इसे ऑर्गेनिक लाइट एमिटिंग डियॉड (OLED) स्क्रीन के आस-पास बनाया जाता है।
OLED स्क्रीन ऑर्गेनिक मैटिरियल से बनी होती है जो बिजली के जरिए जाने वाली लाइट को उत्सर्जित करती है। इन्हें काम करने के लिए बैकलाइट्स की आवश्यकता नहीं होती है। ऐसे में उन्हें उस प्वाइंट तक पतला बनाया जाता है जिससे वो फ्लैक्सिबल पोजिशन तक पहुंच जाएं।
फ्लैक्सिबल OLED डिस्प्ले कुछ समय तक देख गए हैं। फुराने फ्लैगशिप फोन्स की बात करें तो जैसे iPhone X और Samsung Galaxy Edge सीरीज में फ्लैक्सिबल डिस्प्ले दिए गए थे। लेकिन इनमें केवल कर्व्ड एजेज डिस्प्ले ही उपलब्ध कराए गए थे। अब फ्लैक्सिबल डिस्प्ले टेक्नोलॉजी को बेहतर किया गया है। अब फोन्स की स्क्रीन पूरी तरह से मुड़ जाती है।