ओमिक्रोन होने के बाद इन अंगों पर पड़ रहा है बुरा असर, स्टडी में सामने आई ये बात

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नई दिल्ली। अभी तक यही माना जा रहा है कि ओमिक्रोन शरीर के अंगों को कोविड-19 या डेल्टा (Delta) की तरह नुकसान नहीं पहुंचाता. हालांकि इस बारे में कुछ ताजा रिसर्च सामने आई हैं, जो इस बात का बिल्कुल समर्थन नहीं करती हैं कि ओमिक्रोन शरीर पर किसी तरह के आफ्टर इफेक्ट्स नहीं छोड़ रहा है. रिसर्च में साफतौर पर कहा गया है कि ओमिक्रोन (Omicron) भले ही कोरोना (Corona) के अन्य वेरिऐंट्स की तुलना में कम डेडली है लेकिन यह शरीर के महत्वपूर्ण अंगों को भारी नुकसान पहुंचा रहा है.

यह रिसर्च यूरोपियन हार्ट जर्नल में प्रकाशित हुई है. जर्नल में प्रकाशित रिपोर्ट के आधार पर कोरोना वायरस का लेटेस्ट वर्जन यानी ओमिक्रोन भले ही माइल्ड लक्षणों वाला हो. लेकिन यह शरीर पर कई गंभीर असर छोड़ रहा है. स्टडी में उन लोगों को शामिल किया गया जिनमें SARS-CoV-2 इंफेक्शन के बहुत हल्के लक्षण थे या बिल्कुल लक्षण नहीं थे. इन लोगों की संख्या 443 बताई गई है.

स्टडी का रिजल्ट बताता है कि ओमिक्रोन संक्रमित लोगों में ऑर्गन डैमेज उसी तरह से हो रहा है, जैसे कोविड-19 के बाद होता था लेकिन ये अंगों पर उतना अधिक बुरा प्रभाव नहीं डाल पा रहा है. जैसे, जिन लोगों को ओमिक्रोन हुआ, उन लोगों के फेफड़ों की तुलना जब ऐसे लोगों से की गई, जिन्हें ओमिक्रोन नहीं हुआ तो रिपोर्ट में सामने आया कि संक्रमित हो चुके लोगों के फेफड़ों का वॉल्यूम संक्रमण से बचे रहे लोगों की तुलना में 3 प्रतिशत तक घट गया है.

यानी इस स्टडी के आधार पर यह कहना मुश्किल है कि ओमिक्रोन लंग्स (Lungs) पर इफेक्ट नहीं डाल रहा है. यह लंग्स को डैमेज कर रहा है लेकिन कम घातक साबित हो रहा है. फेफड़ों के बाद हार्ट की पम्पिंग पॉपर (Heart Pumping) को चेक किया गया तो सामने आया कि संक्रमित लोगों के हृदय की पंप करने की गति अन्य लोगों की तुलना में 1 से 2 प्रतिशत कम हो गई है.

स्टडी से जुड़े हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि रिसर्च में शामिल किए गए मरीजों के ब्लड में प्रोटीन का स्तर 41 प्रतिशत तक बढ़ा हुआ पाया गया है. जो इस बात को बताने के लिए काफी है कि हार्ट पर कितना अधिक तनाव बढ़ गया है. बात करें किडनी की तो संक्रमित लोगों की किडनी के फंक्शन में सामान्य लोगों की तुलना में दो प्रतिशत तक की गिरावट सामने आई है.

कुल मिलाकर देखें तो इस स्टडी के अनुसार, यह बिल्कुल नहीं माना जा सकता कि ओमिक्रोन (Omicron) कम घातक है और किसी भी तरह के साइड इफेक्ट्स नहीं छोड़ रहा है. बात करें विश्व स्वास्थ्य संगठन की तो इसकी तरफ से एक बार भी यह नहीं कहा गया है कि ओमिक्रोन के कोई आफ्टर इफेक्ट्स (After Effects) नहीं हैं और ना ही यह दावा किया गया है कि ये वायरस कम खतरनाक है. हालांकि WHO लोगों को लगातार इस बात की चेतावनी दे रहा है कि ओमिक्रोन के संक्रमण से बचने के लिए जरूरी गाइडलाइन्स को फॉलो करें.