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जयपुर : चार राज्यों में चुनाव के बाद मध्यप्रदेश , छत्तीसगढ़ और राजस्थान ेमं बीजेपी को मिली प्रचंड जीत के बाद सीएम फेस को लेकर सियासी हलचलें बढ़ी हुई थी। इसी बीच दो दिनों के भीतर बीजेपी ने छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में सीएम का नाम जाहिर कर सभी को हैरान कर दिया है। पार्टी की ओर से छत्तसीगढ़ में विष्णु देव साय और मध्यप्रदेश में मोहन यादव को सीएम बनाया है। मध्यप्रदेश में ऐसा चेहरा सीएम बना है, जिसका नाम चर्चा में नहीं था। ऐसे में अब राजस्थान में कौन सीएम होगा, जिसे लेकर सियासी बवंडर उठ गया है। दोनों राज्यों में चुने गए सीएम को लेकर यही कहा जा रहा है कि पार्टी जातीय समीकरण को ध्यान में रखते हुए पार्टी ने उन्हें सियासत की सबसे ऊंची कुर्सी पर बैठाया है। छत्तसीगढ़ में आदिवासी और मध्यप्रदेश में ओबीसी वर्ग के नेता को सीएम चुना है। ऐसे में राजस्थान को लेकर भी यही माना जा रहा है कि यहां भी जातीय समीकरण को ध्यान में पार्टी सीएम चेहरे को रिवील कर सकती है।
नए चेहरा होगा सीएम
मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में सामने आए ट्रेंड के बाद यह साफतौर पर कयास लगाए जा रहे हैं कि राजस्थान में भी पार्टीनए चेहरों को ही सीएम की गद्दी पर बैठाएगी। इस बात की तस्दीक विधानससभा चुनाव 2023 में निर्वाचित हुए विधायक और पार्टी के बड़े नेता भी सामन रहे हैं। किरोड़ी लाल मीणा और राजेंद्र राठौड़ ने भी इस बात के संकेत मीडिया के बीच साफ कर दिए हैं कि पार्टी नए चेहरों को भी सीएम बनाएगी। लेकिन यह चेहरा कौन होगा, यह मंगलवार को होने वाली मीटिंग के बाद तय होग जाएगा।
राजस्थान में जनरल कैटेगिरी के नेता के सीएम बनने के चांस ज्यादा
सियासी जानकारों का कहना है कि राजस्थान में दो बड़े फैक्टर को ध्यान में रखते हुए पार्टी फैसला ले सकती है। पहला फैक्टर जाट और दूसरा जनरल कैटेगिरी। माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव 2024 को ध्यान में रखते हुए यहां पार्टी बड़ी रणनीति अपनाते हुए जनरल कैटेगिरी के नेता का चुनाव कर सकती है। ऐसे में दीया कुमारी, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव , बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी, गजेंद्र सिंह शेखावत , सिद्धी कुमारी, राज्यवर्धन सिंह राठौड़ जैसे कई नेताओं के नाम आगे हैं। संगठन की बात करे तो ओम माथुर और सुनील बंसल को लेकर भी खूब चर्चा हो रही है। जाट नेता के तौर पर सांसद सुमेधानंद सरस्वती , सतीश पूनिया , अटल बिहारी सरकार में मंत्री रहे सुभाष मेहरिया भी बड़ा नाम है।