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भुवनेश्वर: ओडिशा के बालासोर ट्रेन हादसे ने पूरे देश को हिला दिया। लोगों को रूह कांप गई। हजारों लोगों की आंखों में लाशों के ढेर और कटे शव देखकर आंसू आ गए। वहीं कुछ लोग ऐसे हैं जो मुआवजे के लिए अपनों को मारने पर तुले हैं। ऐसी ही एक महिला का मामला सामने आया है। महिला ने मुआवजे के लिए पति के मरने का फर्जी दावा किया। हालांकि पोल खुलने के बाद से आरोपी महिला फरार है। महिला के पति ने इस मामले को लेकर अपनी पत्नी के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई है। पुलिस मामले की जांच कर ही है।
कटक जिले के मणियाबांदा निवासी गीतांजलि दत्ता ने दावा किया था कि उनके पति बिजय दत्ता की दो जून को रेल हादसे में मौत हो गई थी। उन्होंने एक शव की पहचान अपने पति के रूप में भी की थी। हालांकि, दस्तावेजों की जांच के बाद पता चला कि महिला का दावा झूठा था।
पति ने पत्नी के खिलाफ दर्ज किया केस
पुलिस ने बताया कि उस वक्त महिला को चेतावनी देकर छोड़ दिया गया। लेकिन महिला की मुश्किलें तब शुरू हुईं, जब उनके पति बिजय दत्ता ने मणियाबांदा थाने में इस मामले को लेकर शिकायत दर्ज करवाई। उन्होंने बताया कि महिला गिरफ्तारी की डर से फरार है। वह बीते 13 साल से अपने पति से अलग रह रही थी। पुलिस ने बताया कि बिजय ने गीतांजलि के खिलाफ सरकारी पैसे हड़पने की कोशिश करने और उनकी मौत का झूठा दावा करने को लेकर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
फर्जी दावा पेश करने वालों पर होगी कड़ी कार्रवाई
मणियाबंदा थाने के प्रभारी बसंत कुमार सत्पथी ने बताया कि पुलिस ने बिजय को बालासोर जिले के बहानागा थाने में शिकायत दर्ज कराने को कहा है, क्योंकि हादसा वहीं हुआ था। इस बीच मुख्य सचिव पी के जेना ने रेलवे और ओडिशा पुलिस से शवों पर फर्जी दावा करने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने को कहा है।
मृतकों को मिलना है 17 लाख रुपये का मुआवजा
रेल हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों के लिए ओडिशा के मुख्यमंत्री ने पांच लाख रुपये, पीएम मोदी ने दो लाख रुपये और रेल मंत्रालय ने दस लाख रुपये की अनुग्रह राशि का ऐलान किया था। ओडिशा के बालासोर में दो जून को दो यात्री ट्रेन और एक मालगाड़ी के दुर्घटनाग्रस्त होने से कुल 288 लोगों की जान चली गई थी और 1,200 से अधिक लोग घायल हो गए थे।