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पटना: एआईएमआईएम के चीफ असदुद्दीन ओवैसी आज से सीमांचल के दो दिवसीय बिहार आ रहे हैं। इस दौरे को सीमांचल अधिकार यात्रा का नाम दिया गया है। आगामी लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव को देखते हुए ओवैसी के इस दौरे को बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है। औवेसी के दौरे से विरोधियों में बेचैनी बढ़ गई है। शुक्रवार शाम ओवैसी बिहार पहुंचेंगे। 2 दिनों के कार्यक्रम में वह रोड शो करेंगे और जनसभा करके लोगों को संबोधित करेंगे। सीमांचल के इस दो दिवसीय अभियान में ओवैसी की नजर मुसलमान वोटरों पर टिकी है। दरअसल उनकी पार्टी एआईएमआई एम का पूरा वजूद ही मुसलमानों पर आधारित है। ओवैसी अपन समर्थकों पर पकड़ मजबूत करने और राजनीतिक विरोधियों को शिकस्त देने का मकसद लेकर सीमांचल आ रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक असदुद्दीन ओवैसी 18 मार्च से अपना अभियान शुरू करेंगे। अमौर में वह एक सभा को संबोधित करेंगे। 18 मार्च को ही दूसरी सभा कोचाधामन में आयोजित की जाएगी। अगले दिन 19 मार्च को ओवैसी दिन भर लोगों से मुलाकात करेंगे। रोड शो का आयोजन किया जाएगा । 19 मार्च को लोहागारा और खरखरी के इलाके में ओवैसी के रोड शो का कार्यक्रम हैं। यह समझना जरूरी है कि असदुद्दीन ओवैसी के इस दो दिवसीय दौरे के मायने और मकसद क्या हैं। दरअसल बीजेपी के अमित शाह ने रंगभूमि मैदान से पिछले साल सितंबर महीने में अपने चुनावी अभियान की शुरुआत सीमांचल इलाके से की। इसे देखते हुए महागठबंधन के सभी 7 दलों के नेताओं ने पूर्णिया के उसी रंगभूमि मैदान से बीजेपी को जवाब देते हुए हुंकार भरी। उसके बाद असदुद्दीन ओवैसी ने इस इलाके में अपने कार्यक्रम का ऐलान किया। इसकी वजह यह है कि सीमांचल मुस्लिम बहुल इलाका है जहां ओवैसी विशेष रूप से फोकस कर रहे हैं।
2020 के विधानसभा चुनाव में इसी इलाके से ओवैसी को 5 सीटों पर जीत मिली। हालांकि उनके 4 विधायकों को बाद में राजद ने तोड़कर अपनी पार्टी में मिला लिया। इस मसले पर ओवैसी अपने समर्थकों को संदेश देने के मकसद से सीमांचल आ रहे हैं। वह एक बार फिर अपनी जमीन मजबूत मजबूत करने और खोई हुई सीट वापस लेने की रणनीति बना रहे हैं।
सीमांचल के इलाके में अलग-अलग विधानसभा क्षेत्र में मुस्लिम वोटरों की तादाद 40 से लेकर 70 प्रतिशत तक है। सीमांचल में लोकसभा के चार और विधानसभा की 24 सीटें हैं। पारंपरिक रूप से आरजेडी मुस्लिम मतदाताओं को अपना वोट बैंक मानता आ रहा है। जेडीयू की भी मुस्लिम वोटों पर पकड़ ठीक-ठाक है। बीते दिनों आरजेडी ने ओवैसी की पार्टी के चार विधायकों को तोड़ दिया था। इन तमाम हालातों में असदुद्दीन ओवैसी का सीमांचल दौड़ा हो रहा है। राजनीति के जानकारों के मुताबिक ओवैसी के इस दौरे से महागठबंधन के राजद और जदयू दोनों में बेचैनी है। इसकी वजह भी बताई जा रही है कि गोपालगंज और कुढ़नी के उपचुनाव में ओवैसी ने अपना कैंडिडेट उतार दिया। दोनों ही जगह राजद प्रत्याशियों की हार और भाजपा की जीत हुई। कहा गया कि असदुद्दीन ओवैसी ने इन दोनों सीटों पर महागठबंधन का खेल बिगाड़ दिया। महागठबंधन द्वारा इस वजह से ओवैसी पर बीजेपी की बी टीम चलाने का आरोप लगाया जाता है।