मेरी कहानी: जब मैंने अपने पति को दूसरी औरत के साथ रंगे हाथ पकड़ा, तो वे बोले- बच्चा पैदा करना मेरी…

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सवाल: मैं एक विवाहित महिला हूं। मैंने हाल ही में एक बच्चे को जन्म दिया है। फिलहाल मैं और मेरा बच्चा दोनों ही स्वस्थ हैं। लेकिन मेरी समस्या यह है कि जब मैं गर्भवती थी, तो उस समय मुझे पता चला कि मेरा पति अपनी एक्स गर्लफ्रेंड के संपर्क में आ गया। गर्भावस्था के दौरान एक तरफ जहां मैं अपने चिड़चिड़े मिजाज और दर्द से निपट रही थी, तो वहीं मेरा पति अपने काम में व्यस्त होने का बहाना बनाता था। जब मुझे उसकी जरूरत थी, तो वो वहां नहीं था। शायद ऐसा इसलिए क्योंकि वह मुझसे ज्यादा अपनी एक्स को समय दे रहा था। वह जब भी फ्री होता था, तो चैट या कॉल पर उसके साथ बात करता रहता था।इस बारे में जब मुझे पता चला, तो मैंने उससे बात की। हालांकि, इस दौरान उसने अपनी एक्स से तो बात करना बंद कर दिया, लेकिन वह सोशल मीडिया पर दूसरी महिलाओं के साथ संपर्क में आ गया। जब मैंने उसे रंगे हाथों पकड़ा तो उसने मुझे दोषी ठहराते हुए कहा कि ‘तुम्हारे पास मेरे लिए समय नहीं है’ तुम मुझे अनदेखा कर रही हो’ इसलिए मैंने दूसरी महिलाओं से बात करना शुरू कर दिया।

हालांकि, इस दौरान मैंने उसे समझाते हुए कहा ‘मैं मातृत्व की नई जिम्मेदरियों में शामिल हो रही हूं। इसलिए मेरा समय बंट गया है।’ जिस पर उसने मुझे तपाक से जवाब देते हुए कहा कि मैं क्या करूं? इसमें मेरी गलती है क्या?’ उसकी इन बातों ने मेरा दिल तोड़ दिया। मैंने उसे दो बार माफ किया। लेकिन एक बार भी उसने मेरी नहीं सोची।उसका व्यवहार अभी भी बिल्कुल वैसा ही है। यह बात मेरे दिल से नहीं निकल रही। हम दोनों ही पैरेंट्स बनना चाहते थे। लेकिन मैं नहीं जानती थी कि मुझे यूं अपने पति का असली चेहरा देखने को मिलेगा। शादी के बाद मैंने अपने पिता को भी खो दिया था। मैं आर्थिक रूप से अपनी मां की टेंशन नहीं बढ़ा सकती, इसलिए भी चुपचाप इस रिश्ते को निभा रही हूं। लेकिन अब समझ नहीं आ रहा क्या करूं?

एक्सपर्ट का जवाब
जयपुर में मनोवैज्ञानिक परामर्श केंद्र की संस्थापक और ऑल इंडिया जैन डॉक्टर्स फोरम की कार्यकारी सदस्य काउंसलिंग साइकोलॉजिस्ट एवं साइकोथैरेपिस्ट डॉ अनामिका पापड़ीवाल कहती हैं कि पति-पत्नी का रिश्ता बहुत ही नाजुक डोर से बंधा होता है। इस रिश्ते को संभालने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी यह है कि आप दोनों एक-दूसरे पर विश्वास करें। एक-दूसरे के साथ न केवल खूब सारा वक्त बिताएं बल्कि आप दोनों के बीच जो समस्याएं आ रही हैं, उन्हें भी बात करके सही करने की कोशिश करें।ऐसा इसलिए क्योंकि कभी-कभार हम परिस्थितियों के आगे इतने विवश हो जाते हैं कि अगर हमारा पार्टनर गलत रास्ते पर भटक गया है, तो भी हम उसे सही करने की कोशिश नहीं करते। आपके केस में भी मुझे कुछ ऐसा ही देखने को मिल रहा है।

कहीं इस सब में आपकी भी तो गलती नहीं
जैसा कि आपने बताया कि जब आप गर्भवती थीं, तो आपके पति ने दूसरी महिलाओं से बात करना शुरू कर दिया था। ऐसे में मैं आपको बता दूं कि आपकी गर्भावस्था के समय होने वाले हार्मोनल चेंजस के कारण आपके व्यवहार में जो परिवर्तन आए उसके लिए आपके पति पहले से तैयार नहीं थे। यही एक वजह भी है कि उन्होंने जब आपका बदला हुआ व्यवहार देखा, तो वह दूसरी तरफ आकर्षित हो गए।

इस दौरान एक गलती आपने भी की है। दरअसल, जब आपने पहली बार अपने पति को उनकी एक्स से बात करते हुए पकड़ा, तभी आपको सतर्क हो जाना चाहिए था। ऐसा इसलिए क्योंकि जब आप मदरहुड फेज एन्जॉय कर रही थीं, तब आपकी परिस्थितियों ने आपके पति को अकेलेपन का एहसास कराया। इसका सबसे बड़ा कारण जो मुझे समझ आ रहा है, वो जिम्मेदारियों का एहसास न होना है।दरअसल, आज के समय में यह बहुत ज्यादा जरूरी हो गया कि लड़कों को भी शादी के बाद की उनकी जिम्मेदारियों का एहसास कराया जाए। मां बनना केवल पत्नी की ही जिम्मेदारी नहीं है बल्कि उसमें पति की भी बराबर की भूमिका होती है। ऐसे समय में यह बहुत जरूरी है कि पत्नी को समय-समय पर अपने पति से जो भी मदद मिल सकती है, वो उसे अवश्य लें।

पति के साथ बिताएं वक्त
यह बात किसी से छिपी नहीं है कि वापस पीछे जाकर हम परिस्थितियों को बदल नहीं सकते हैं। इसीलिए सबसे ज्यादा जरूरी है कि आप अपने पति के साथ अपनी जिंदगी में आगे बढ़ें। बच्चे और पति के साथ अपनी जिंदगी को सुचारू रूप से चलाने के लिए आप घर के बड़ों से भी विचार विमर्श कर सकती हैं। बच्चे की जिम्मेदारियों में पति का भी बराबर सहयोग लेकर कुछ समय उनके साथ बिताएं। हर समय बच्चे का ख्याल रखकर अपने बीच दूरियां न बनने दें। कोशिश करें कि खुशहालपूर्वक आप दोनों इस जिम्मेदारी को आसानी से निभा सकें।

मदद लेना गलत नहीं
सबसे ज्यादा जरूरी बात आपके पति ने जो भी गलतियां की हैं, उनको बार-बार दोहराने की जगह उन पर अपना विश्वास बनाएं। दोनों आपस में बैठकर बात करें। परिस्थितियों को समझाने की कोशिश करें। जहां भी जिस से जो भी गलती हुई है, उसे स्वीकार कर आगे बढ़ें। दोनों लोग अपने रिश्ते को अच्छे से चलाने का वादा लें। ऐसा करने से बहुत हद तक परिस्थितियां आपके नियंत्रण में होंगीं। हां, अगर इतना सब करने के बाद भी आपके पति का रवैया पहले जैसा है, तो किसी प्रोफेशनल साइकोलॉजिस्ट से संपर्क करें।

मैं आपको यहां यह स्पष्ट कर दूं कि कई बार ऐसी परिस्थितियों में पति या पत्नी परामर्श के लिए तैयार नहीं होते हैं, तो ऐसे में एक तरफा काउंसलिंग भी शुरू की जा सकती है। इसे ‘इनडायरेक्ट काउंसलिंग’ कहा जाता है। खुश रहना सबका अधिकार है। यही एक वजह भी है कि कभी-कभी जिंदगी में सेल्फिश होकर अपनी खुशी के लिए भी हमें अकेले ही बहुत कुछ करना पड़ता है।