यूपी में भारत गठबंधन की कमान संभालने की कोशिश कर रहे अखिलेश यादव पहले ही संकेत दे चुके हैं

इस खबर को शेयर करें

लखनऊ। सपा प्रमुख अखिलेश यादव यूपी में इंडिया गठबंधन की कमान अपने हाथ में लेने की कोशिश में हैं। अखिलेश यादव पहले ही संकेत दे चुके है। इंडिया गठबंधन की पूर्ण बैठक अब 17 दिसंबर को होगी तब उसमें इस बात पर भी सहमति बनाई जाएगी कि राज्यों में सबसे मजबूत पार्टी की गठबंधन का नेतृत्व करें और इसी के साथ ही सीट शेयरिंग फार्मूला वही दल तय करें। इसी बात पर कांग्रेस के अब तैयार न होने के कारण ममता बनर्जी, नीतीश कुमार, एमके स्टालिन व अखिलेश यादव व कई अन्य नेताओं ने बुधवार को प्रस्तावित बैठक में अलग-अलग वजहों से आने से इंकार कर दिया। हालांकि छह दिसंबर की बैठक अनौपचारिक रूप से ही होनी है। गठबंधन की पटना, बंगलुरू व मुंबई के बाद चौथी बैठक दिल्ली में 17 दिसंबर को होगी।

चूंकि विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद कांग्रेस अब इंडिया गठबंधन के घटक दलों के निशाने पर हैं और उसे नसीहत दी जा रही है कि अहंकार छोड़कर क्षेत्रीय दलों को सम्मान करें। माना जा रहा है कि बदले हालात में कांग्रेस अपने रुख में कुछ परिवर्तन करें। यूपी, बिहार, पश्चिम बंगाल ही नहीं तमिलनाडु व दक्षिण के राज्यों में भी कांग्रेस का क्षेत्रीय दलों को कमान सौंपने पर सहमति होने का दबाव बढ़ रहा है जबकि मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक समेत कई राज्यों में क्षेत्रीय दल कांग्रेस को मुख्य भूमिका देने को तैयार दिखते हैं। पर सबसे ज्यादा पेंच तो यूपी को लेकर है, जहां कांग्रेस व सपा के बीच तल्खी मध्य प्रदेश चुनाव के चलते काफी बढ़ चुकी है। वहां अखिलेश यादव पहले ही कह चुके हैं, वह सीट मांगेंगे नहीं बल्कि बाटेंगे। चूंकि हालिया चुनाव नतीजों से कांग्रेस को भी समझ में आ गया कि उसे अब लचीला रुख अपनाना पड़ेगा।

‘इंडिया’ गठबंधन की जरूरत कांग्रेस ही नहीं अन्य क्षेत्रीय दलों को भी है। इसलिए बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव पूरा जोर लगा रहे हैं कि विवाद के बीच गठबंधन की एका बनी रहे। माना जा रहा है कि गठबंधन में लालू प्रसाद यादव ही ऐसे वरिष्ठ नेता हैं जो कांग्रेस को थोड़ा मुलायम होने के लिए मना सकते हैं।