यूपी में बिजली हड़ताल पर इलाहाबाद हाईकोर्ट का बडा ऐक्शन, कर्मचारियों के खिलाफ वारंट जारी, मचा हडकंप

Allahabad High Court's big action on electricity strike in UP, warrant issued against employees, stir
Allahabad High Court's big action on electricity strike in UP, warrant issued against employees, stir
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प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश के बिजली कर्मचारियों की हड़ताल पर सख्त रुख अख्तियार करते हुए कर्मचारी नेताओं को जमानती वारंट जारी किया है। कोर्ट ने प्रदेश भर में जहां भी बिजली गड़बड़ है, वहां तत्काल व्यवस्था बहाल करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने 6 दिसंबर 2022 को जारी आदेश में बिजली विभाग के कर्मचारी नेताओं को नोटिस जारी कर तलब किया था लेकिन इस आदेश के अनुपालन में कोई भी हाजिर नहीं हुआ। इसे कोर्ट ने अवमानना मानते हुए सभी कर्मचारी नेताओं को नोटिस जारी किया है और सोमवार को हड़ताली कर्मचारी नेताओं और विभाग के अधिकारियों को तलब किया है।

हाईकोर्ट के अधिवक्ता विभू राय ने न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र एवं न्यायमूर्ति विनोद दिवाकर की खंडपीठ के समक्ष शुक्रवार सुबह बिजली कर्मचारियों की हड़ताल का मुद्दा उठाते हुए कहा कि गत वर्ष 6 दिसंबर 2022 को हाईकोर्ट ने बिजली कर्मचारियों की हड़ताल पर सुओमोटो संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका कायम की थी।

इस याचिका पर कोर्ट ने हड़ताल खत्म करने का आदेश देते हुए हड़ताली कर्मचारियों को अपना पक्ष रखने के लिए तलब किया था लेकिन नोटिस तामील होने के बावजूद कोई भी कर्मचारी नेता अब तक उपस्थित नहीं हुआ बल्कि कर्मचारियों ने अपनी मांग को लेकर एक बार फिर से 72 घंटे की हड़ताल कर दी है। उन्होंने यह चेतावनी भी दी है कि यदि किसी कर्मचारी पर कार्रवाई की जाती है तो अनिश्चितकालीन हड़ताल की जाएगी।

अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने कहा कि सरकार हड़ताली कर्मचारियों के विरुद्ध एस्मा के तहत कार्रवाई कर रही है। इसके अलावा बिजली व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाए रखने के लिए एनटीपीसी व अन्य केंद्रीय एजेंसियों की मदद से वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है। कोर्ट ने कहा कि जो कुछ भी हमारे सामने लाया गया, वह गंभीर स्थिति की ओर इशारा करता है। इस पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है।

हम इस बात पर नहीं जाना चाहते कि कर्मचारियों ने अपनी शिकायत इस याचिका में उठाने की बजाय हड़ताल पर जाने का निर्णय क्यों लिया। यदि कर्मचारियों की मांग में कुछ तथ्य हैं, तब भी पूरे राज्य को पंगु बनाकर मुश्किल में डालने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। कर्मचारियों की हड़ताल से न सिर्फ न्यायालय के आदेश का उल्लंघन हुआ है बल्कि राज्य के विद्युत उत्पादन केंद्रों में बिजली का उत्पादन न होने से राष्ट्रीय क्षति हुई है।

प्रथमदृष्टया कोर्ट के छह दिसंबर 2022 के आदेश की अवहेलना का मामला है। पूर्व में दिए गए आदेश के बावजूद कर्मचारी संघ का कोई नेता उपस्थित नहीं हुआ इसलिए कर्मचारी संघ के सभी सदस्यों व पदाधिकारियों के खिलाफ अवमानना का नोटिस जारी किया जाता है। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे और यूनियन के पदाधिकारियों राजीव सिंह, जीतेंद्र सिंह गुर्जर, जयप्रकाश सहित अन्य तमाम लोगों के खिलाफ अवमानना का नोटिस जारी करने के साथ ही जमानती वारंट भी जारी किया गया है।

कोर्ट ने हड़ताली कर्मचारियों को सोमवार सुबह दस बजे तलब किया है। इस दौरान राज्य सरकार से कहा है कि वह कानून के तहत कर्मचारियों के विरुद्ध कार्रवाई करें और अगली सुनवाई पर विभाग के अपर मुख्य सचिव का हलफनामा प्रस्तुत करें।