बिहार में अजब प्रेम की गजब कहानी, चाय वाली ने चार से किया प्यार; पांचवें की एंट्री से मचा बवाल

Amazing story of strange love in Bihar, tea seller fell in love with four; The entry of the fifth created ruckus
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बिहारशरीफ। यह अजब प्रेम की गजब कहानी एक 30 साल की विधवा चाय वाली और उसके चार बुजुर्ग दीवानों की है। सामंजस्य ऐसा कि एक-दूसरे की खातिर प्रतिद्वंद्विता समाप्त कर ली थी। अच्छे से पांचों की प्रेम कहानी आगे बढ़ रही थी, बिल्कुल ठहरे हुए पानी की तरह, इतने में लगभग दो माह पहले 75 साल के पांचवें बुजुर्ग की एंट्री हुई।

प्रपोज करना पड़ गया भारी
चाय दुकान पर चार बुजुर्गों की लगातार बैठकी और चाय वाली की उनके साथ की जाने वाली चूहल देख उन्हें भी जवानी के दिन याद आ गए। पत्नी का देहांत हो चुका था, सो इसी चायवाली के सहारे खालीपन भरने की ठानी। एक दिन उसे मन की बात कह डाली, चारों दीवानों से आगे बढ़कर कह दिया, अब शेष जीवन उसी के साथ बिताना चाहते हैं। चायवाली को भी पांचवें दीवाने से आपत्ति नहीं हुई, शह मिली तो वे उसके घर आने-जाने लगे।

पांचवें आशिक के मर्डर की रची साजिश
यही बात चारों दीवानों को खलने लगी, चायवाली उन पर थोड़ा कम ध्यान देने लगी। एक दिन चारों ने मिलकर उससे कहा कि हम पांचों में इस छठे की दखल ठीक नहीं, इसे सबक सिखाना होगा, दीवानों का बहुमत एक दीवाने के खिलाफ देख चायवाली भी सहमत हो गई, कहा ठीक है, तुम्हीं लोग उनसे निबटो। बीते 19 अक्टूबर को चायवाली ने पांचवें दीवाने तृपित शर्मा को सुनसान में मिलने बुलाया। वे भी मन में सुनहरे सपने बुनते बताई गई जगह पर जा पहुंचे, वहां पहले से उनके चारों प्रतिद्वंद्वी मौजूद थे। पहले उनके बीच कहासुनी हुई, कोई किसी से दबने को तैयार नहीं था, इतने में किसी ने तृपित के सिर पर ईंट दे मारी, वे निढाल होकर गिर पड़े, फिर नहीं उठे।

पानी की टंकी से बरामद हुआ शव
नतीजतन चायवाली समेत उसके चारों दीवाने इस हत्या में सहभागी हो गए। सबने मिलकर पहले शव का चेहरा ईंट से कूचकर बिगाड़ा, ताकि पहचान न हो, फिर अस्थावां के पालीटेक्निक कालेज के निकट बन रहे एक घर की पानी टंकी में शव डाल दिया। उधर, अस्थावां बाजार निवासी तृपित शर्मा के घर वालों ने दो दिन उन्हें ढूंढा, इसी बीच 21 अक्टूबर को पानी टंकी से उनका शव बरामद हो गया।

चायवाली पर पुलिस को हुआ शक
बेटे मिट्ठू कुमार ने उसी दिन पिता की हत्या की प्राथमिकी अस्थावां थाने में दर्ज करा दी, आरोपित अज्ञात थे। पुलिस के लिए यह ब्लाइंड केस था। उनका किसी से कोई झगड़ा नहीं था और न ही कभी किसी आपराधिक मामले में संलिप्तता थी। शक की सूई घूम-फिरकर पालीटेक्निक कालेज के निकट चाय बेचने वाली पर जा रही थी, जहां तृपित शर्मा के अक्सर आने-जाने की सूचना मिली। पुलिस अकेली विधवा पर बिना पुख्ता प्रमाण के हाथ डालने से हिचक रही थी। सुराग का एक ही जरिया तृपित शर्मा का गायब मोबाइल था। हत्या के बाद से उनका मोबाइल गायब था, नंबर भी बंद बता रहा था। फिर भी पुलिस ने उस नंबर को सर्विलांस पर डाल रखा था, नंबर के साथ मोबाइल का आइएमइआइ नंबर भी संलग्न था। जब कांड के एक माह से अधिक गुजर गए तो चायवाली समेत सभी आरोपित निश्चिंत हो गए कि अब वे पकड़े नहीं जाएंगे।

महिला की गलती से खुल गया राज
बेफिक्री के आलम में एक दिन चायवाली ने तृपित के मोबाइल को आन कर दिया, फिर क्या था पुलिस को पुख्ता लोकेशन मिल गई। पुलिस चायवाली के पास जा धमकी, उससे कड़ाई से पूछताछ की गई, तो वह टूट गई। उसके पास से मोबाइल बरामद कर लिया गया और बूढ़ापे में अनैतिक लालसा, उसको बढ़ावा और छल से किए गए कत्ल की पूरी कहानी सामने आ गई।

डीएसपी ने कहा-इस तरह का पहला मामला देखा
सदर डीएसपी डा. शिब्ली नोमानी ने बताया कि उनके सामने इस तरह का मामला पहला है। पुलिस टीम ने अच्छा काम किया है। मामले में महिला सहित पांच आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया गया है। पूछताछ के क्रम में सभी ने 19 अक्टूबर को तृपित शर्मा की हत्या की बात स्वीकार ली है। गिरफ्तार आरोपितों में 30 वर्षीय चायवाली पीनो देवी, बरबीघा थाना के कुतुबचक निवासी 75 वर्षीय कृष्णनंदन प्रसाद, अस्थावां थाना के अस्थावां गांव निवासी 60 वर्षीय सूर्यमणि कुमार, अकबरपुर गांव निवासी बनारस प्रसाद उर्फ लोहा सिंह तथा मानपुर थाना के छबीलापुर गांव निवासी वासुदेव पासवान शामिल हैं।