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नई दिल्ली: भगोड़े खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह की तलाशी में पंजाब पुलिस और दिल्ली पुलिस की टीमों ने शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी और इसकी सीमा में तलाशी अभियान शुरू किया। दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने शुक्रवार को कहा कि खालिस्तानी समर्थक संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ के प्रमुख के दिल्ली में होने की आशंका है।
सूत्रों के मुताबिक दिल्ली के आईएसबीटी बस टर्मिनल पर खालिस्तान समर्थक अमृतपाल के देखे जाने की खुफिया सूचना मिलने के बाद दोनों राज्यों की पुलिस ने दिल्ली और उसकी सीमाओं पर गहन तलाशी अभियान चलाया। खुफिया इनपुट्स ने सुझाव दिया कि वह एक साधु के रूप में प्रच्छन्न (छिपा होना) हो सकता है। सूत्रों ने बताया कि अमृतपाल सिंह के साथ पापलप्रीत सिंह भी हैं।
पंजाब पुलिस ने अमृतपाल के बस के अलावा किसी अन्य वाहन से दिल्ली की सीमा में प्रवेश करने पर संदेह व्यक्त किया। इनपुट के बाद दिल्ली पुलिस अलर्ट मोड पर आ गई है और अमृतपाल की गतिविधियों पर नजर रखने की कोशिश कर रही है। अमृतपाल सिंह के राज्य में प्रवेश की आशंका के मद्देनजर एहतियात के तौर पर उत्तराखंड के देहरादून, हरिद्वार और उधमसिंह नगर जिलों में भी अलर्ट जारी किया गया है।
उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने एएनआई को बताया, “खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह के राज्य में प्रवेश करने की संभावना के मद्देनजर एहतियात के तौर पर राज्य के देहरादून, हरिद्वार और उधम सिंह नगर जिलों में अलर्ट जारी किया गया है।” उन्होंने कहा कि पुलिस तीनों जिलों की सीमाओं और अन्य क्षेत्रों में सघन चेकिंग कर रही है। गौरतलब है कि राज्य के तीनों जिले 90 के दशक में आतंकवाद से प्रभावित रहे हैं।
उधर, पंजाब पुलिस ने शुक्रवार को खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह के खिलाफ कार्रवाई के दौरान हिरासत में लिए गए 44 लोगों को छोड़ दिया और उन्हें उनके परिवार को सौंप दिया। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) अर्पित शुक्ला ने कहा, “जनता के व्यापक हित में और यह ध्यान में रखते हुए कि युवाओं का उत्पीड़न नहीं होना चाहिए, पंजाब पुलिस ने उन लोगों को छोड़ने का फैसला किया है, जिनकी न्यूनतम भूमिका थी या केवल धार्मिक भावनाओं के आधार पर अमृतपाल सिंह का अनुसरण कर रहे थे।” कुल 207 लोगों को कथित रूप से शांति और सद्भाव भंग करने के आरोप में हिरासत में लिया गया था।