अनिल अग्रवाल की वेदांता पर 92 करोड़ का जुर्माना, हाल में सरकार पर साधा था निशाना

Anil Agarwal's Vedanta fined 92 crores, recently targeted the government
Anil Agarwal's Vedanta fined 92 crores, recently targeted the government
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नई दिल्‍ली: अनिल अग्रवाल की वेदांता लिमिटेड पर भारी पेनाल्‍टी लगी है। कंपनी पर 92.04 करोड़ रुपये का टैक्स जुर्माना और 10 करोड़ रुपये का अतिरिक्त जुर्माना लगाया गया है। साथ ही कस्टम ड्यूटी और उस पर लगने वाला ब्याज भी देना होगा। अनिल अग्रवाल की कंपनी ने बुधवार को शेयर बाजार को इसकी जानकारी दी। यह जुर्माना ऐसे समय लगा है जब हाल में अनिल अग्रवाल ने सरकार पर निशाना साधा था। दिग्‍गज कारोबारी ने आरोप लगाया था कि भारत की आयरन ओर इंडस्‍ट्री मर रही है। ऊंचे नीलामी प्रीमियम, ऑफर में सीमित ब्लॉक और खदानों के धीमे संचालन के कारण ऐसा है। सरकार ने इसे पूरी तरह भ्रामक और गलत बताया था।
वेदांता के ख‍िलाफ जुर्माने का ऐक्‍शन आयात से पहले की शर्तों के उल्लंघन के कारण हुआ है। ये शर्तें एडवांस ऑथराइजेशन के तहत किए गए आयात पर सीमित समय के लिए लागू थीं।

वेदांता ने शेयर बाजार को क्‍या दी जानकारी?
वेदांता ने शेयर बाजार को दी जानकारी में बताया, ‘कंपनी को तूतीकोरिन के कस्टम कमिश्नर के दफ्तर से एक आदेश मिला है। इसमें 92,03,85,745 रुपये का जुर्माना और 10,00,00,000 रुपये का अतिरिक्त जुर्माना लगाया गया है। साथ ही कस्टम ड्यूटी और उस पर लगने वाला ब्याज भी मांगा गया है। यह मांग एडवांस ऑथराइजेशन के तहत आयात पर लागू होने वाली पूर्व-आयात शर्त के उल्लंघन से संबंधित है जो एक सीमित अवधि के लिए लागू थी।’

इस ऐक्‍शन के ख‍िलाफ आगे क्‍या करेगी कंपनी?
वेदांता ने कहा है कि वह आदेश की समीक्षा कर रही है। उचित समय पर आगे की कार्रवाई तय की जाएगी। कंपनी ने बताया, ‘कंपनी का मानना है कि उसके पास मजबूत कानूनी आधार हैं, खासकर हाल ही के न्यायिक फैसलों के मद्देनजर। आगे की कार्रवाई उचित समय पर तय की जाएगी। कंपनी को नहीं लगता है कि इस आदेश का कंपनी के वित्तीय स्थिति, संचालन या अन्य गतिविधियों पर कोई खास असर पड़ेगा।’

यह घटनाक्रम वेदांता के सामने आने वाली नियामक चुनौतियों को और बढ़ा देता है। कंपनी हाल के वर्षों में विभिन्न कानूनी और परिचालन संबंधी बाधाओं का सामना कर रही है। वेदांता लिमिटेड ग्‍लोबल लेवल की प्राकृतिक संसाधन कंपनी है जो खनिजों और धातुओं की खोज, निकासी और प्रसंस्करण से जुड़ी है। भारत और कई अन्य देशों में अपनी मजबूत उपस्थिति के साथ कंपनी खनन और धातु उद्योग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।