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Anil Ambani Vs Mukesh Ambani: अनिल अंबानी के लिए बीते कुछ साल अच्छे नहीं रहे. कंपनियां कर्ज में डूबती चली गई, कई कंपनियां तो हाथ से भी निकल गई. कुछ दिवालिया हो गई. कर्ज में डूबे अनिल अंबानी की मालिकाना हक वाली कंपनी रिलायंस ग्रुप काफी मुश्किल दौर से गुजर रही है. हाल ही में उनके खिलाफ सेबी ने भी कुछ एक्शन लिया है, लेकिन लगता है कि अब अनिल अंबानी के भी अच्छे दिन आने वाले हैं. अनिल अंबानी ने कंपनी की दशा और दिशा सुधारने के लिए बड़ी प्लानिंग की है. दरअसल अनिल अंबानी ईवी सेक्टर में उतरने की तैयारी कर रहे हैं.
अनिल अंबानी की तैयारी, ईवी सेक्टर में मारेंगे एंट्री
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर ईवी सेक्टर में दस्तक देने वाले हैं. रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर हर साल लगभग 250,000 ईवी व्हीकल्स की कैपिसिटी के साथ ईवी प्लांट की शुरुआत करने वाली है. जिसकी कैपिसिटी बढ़ाकर 750000 व्हीकल्स करने वाली है. इसके साथ ही कंपनी 10 गीगावाट घंटे के बैटरी प्लांट की फिजिबिलिटी पर भी विचार कर रही है. समय के साथ इसकी कैपेसिटी बढ़ाने पर भी विचार किया जा रहा है. इसके लिए अनिल अंबानी ने चीन की कंपनी बीवाईडी के पूर्व इंडिया एग्जिक्यूटिव संजय गोपालकृष्णन को नियुक्त किया है. कंपनी ईवी व्हीकल प्लांट की कॉस्टिंग, फिजिबिलटी जैसे फैक्टर्स की स्टडी के लिए एक्सटर्नल कंसल्टेंट्स को हायर कर रही है. बीवाईडी एग्जीक्यूटिव संजय गोपालकृष्णन का कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है.
अनिल अंबानी की कंपनी के शेयरों में तेजी
रॉयटर्स के मुताबिक रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर ने जून में ऑटो से संबंधित दो नई पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनियों का गठन किया है, एक का नाम रिलायंस ईवी प्राइवेट लिमिटेड है. इस खबर के आने के बाद से रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर के शेयरों में तेजी देखने को मिल रही है. कंपनी के शेयर 1.55 फीसदी चढ़कर 213 .10 रुपये पर पहुंच गए. रिलायंस इंफ्रा के शेयर पिछले साढ़े 4 साल में 9 रुपये से बढ़कर 200 रुपये के पार हो चुकी है. यानी जिसने चार साल पहले अस कंपनी के शेयर में 1 लाख रुपये लगाया होगा, वो आज 23 लाख बन चुका होगा.
भाई से होगा आमना-सामना
बता दें कि इलेक्ट्रिक व्हीकल्स आने वाले दिनों में बहुत बड़ा सेक्टर होने जा रहा है. सरकार ईवी व्हीक्लस को प्रमोट कर रही है. ऐसे में कंपनियों की नजर इस सेक्टर पर है. रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरपर्सन मुकेश अंबानी ने भी इस सेक्टर में दांव लगा दिया है. मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज हाल ही में 10 गीगावाट घंटे बैटरी सेल प्रोडक्शन के लिए सरकारी इंसेंटिव के लिए बोली जाती है. कंपनी एडवांस्ड केमेस्ट्री सेल (एसीसी) बैटरी बनाएंगे. अब अनिल अंबानी के ईवी सेक्टर में उतने स प्रतिस्पर्धा बढ़ने वाली है. अगर अनिल अंबानी बैटरी बनाने की अपनी योजना को आगे बढ़ाते हैं तो उनका आमना-सामना मुकेश अंबानी से होगा.
टाटा-महिंद्रा को भी देंगे टक्कर
सिर्फ भाई मुकेश अंबानी से नहीं बल्कि इलेक्ट्रिक कार बनाने की अनिल अंबानी की योजना को टाटा, महिंद्रा जैसी कंपनियों से बड़ी चुनौती मिलेगी. ये कंपनियां पहले से इलेक्ट्रिक कार के मार्केट में हैं. ऐसे में अनिल अंबानी के इस सेक्टर में उतरने पर प्रतिस्पर्धा तो बढ़नी तय है.