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अमृतसर. पंजाब के किसान आज 3 घंटों के लिए रेलवे ट्रैक पर बैठ गए हैं. तकरीबन 3 बजे तक वे राज्य व केंद्र की सरकार के खिलाफ उनकी नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. उनका यह विरोध मुश्तरका मालकान जमीनों के लिए बने कॉमन विलेज लैंड एक्ट 1961 में किए गए संशोधन के खिलाफ है. अमृतसर में किसान वल्ला फाटक पर इकट्ठे हुए हैं.
किसानों का आरोप है कि सरकार एक्ट में संशोधन करके आने वाले समय में प्राइवेट बड़े घरानों को जमीन दे सकती है. किसान नेता गुरबचन सिंह चब्बा ने बताया कि पहले किसानों का गुस्सा सिर्फ केंद्र के खिलाफ था, लेकिन अब पंजाब सरकार भी उसी राह पर चल पड़ी है. सरकार ने कॉमन विलेज लैंड एक्ट 1961 में संशोधन कर दिया है. इसके अंतर्गत मुश्तरका मालकान जमीनों की मालिकी पंचायत को देने की तैयारी चल रही है.
किसानों का आरोप है कि गांवों में पंचायत उसी की बनती है, जिनकी सरकार प्रदेश में हो. ऐसे में अगर मुश्तरका मालकान जमीनों का हक पंचायतों को मिल जाएगा तो वे सीधे तौर पर अपनी मनमर्जी करने लगेंगे. स्पष्ट है कि सरकारें इन्हें गांव के किसानों से छीनकर बड़े घरानों को देंगी, लेकिन यह किसान कभी मंजूर नहीं करेगा.
बिजली आवंटन एक्ट में संशोधन के खिलाफ किसान
किसान बिजली आवंटन एक्ट में किए गए संशोधन के खिलाफ भी प्रदर्शन कर रहे हैं. किसानों का कहना है कि केंद्र सरकार बिजली आवंटन को प्राइवेट हाथों में देने जा रही है. धीरे-धीरे किसानों को मिलने वाली सुविधाएं भी छीन ली जाएंगी. बिजली आवंटन के अधिकार राज्य सरकार के हाथों में होते हैं, लेकिन केंद्र सरकार उनके इस अधिकार को छीनने का प्रयास कर रही है.
ट्रेनों के हुए चक्के जाम
किसानों के ट्रेनें रोके जाने से शान-ए-पंजाब, नई दिल्ली-अमृतसर शताब्दी, मुम्बई अमृतसर, जम्मू तवी, सच्चखंड साहिब आदि मुख्य ट्रेनें प्रभावित हो रही हैं. रेलवे विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, किसानों के ट्रैक पर बैठने के बाद ट्रेनों को ट्रैक पर विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर रोक दिया गया है.