सुक्खू सरकार के सामने एक और मुसीबत? सोशल मीडिया पर वायरल हुई गुमनाम चिट्ठी

Another trouble before the Sukhu government? Anonymous letter went viral on social media
Another trouble before the Sukhu government? Anonymous letter went viral on social media
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शिमला | कांग्रेस को सत्ता में आए पांच महीने का वक्त ही बीता है. लेकिन, एक के बाद एक परेशानी मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के सामने खड़ी होती हुई नजर आ रही है. हाल ही में हिमाचल प्रदेश सरकार के दो वरिष्ठ अधिकारियों पर गंभीर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए हैं. यह आरोप एक गुमनाम पत्र के जरिए सोशल मीडिया पर वायरल हैं. इस पत्र में दो वरिष्ठ अधिकारियों पर काम करने की एवज में लाखों रुपए की रिश्वत लेने के आरोप लगाए गए हैं.

गुमनाम शख्स ने यह पत्र देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम लिखा है. पत्र में बड़ा प्रोजेक्ट देने की एवज में 25 लाख रुपए और फाइल पास कराने की एवज में 10 लाख रुपए की रिश्वत लेने की बात कही गई है. हालांकि यह पत्र किसने लिखा है इस बात की कोई पुष्टि नहीं है. गुमनाम पत्र में लिखा गया है कि यदि सरकार इसकी जांच करवाएगी, तो व्यक्ति जांच में सहयोग करने के लिए सामने आएगा. गुमनाम पत्र के मुताबिक मामला उठाने वाला शख्स मुख्यमंत्री कार्यालय में ही तैनात है.

नेता प्रतिपक्ष ने की जांच की मांग
दो दिन तक इस पत्र की चर्चा दबी आवाज में होती रही. लेकिन, अब हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से इस पत्र को लेकर जांच कराने की बात कही है. पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि पत्र में अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए गए हैं. ऐसे में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को इनकी गंभीरता से जांच करवानी चाहिए. उन्होंने कहा कि इस तरह के पत्र अधिकारियों पर गंभीर आरोप और सरकार के काम को प्रभावित करते हैं. ऐसे में जांच एजेंसियों से मामले की जांच करवाई जानी चाहिए.

सोशल मीडिया की नहीं विश्वसनीयता- चौहान
वहीं, इस मामले में हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के मीडिया सलाहकार नरेश चौहान का कहना है कि सोशल मीडिया पर आए दिन इस तरह के पत्र पायल होते रहते हैं. उन्होंने कहा कि इस पत्र की कोई विश्वसनीयता नहीं है. यदि इस पत्र में कोई नाम लिखा गया होता, तो सरकार इसे गंभीरता से लेती. लेकिन, इसमें कोई नाम ही नहीं लिखा गया है. उन्होंने कहा कि यह पत्र केवल सरकार की छवि धूमिल करने के लिए लिखा गया है. उन्होंने कहा कि प्रदेश भर में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की छवि एक आम आदमी के रूप में है और लोग उन्हें आम आदमी के तौर पर ही पसंद कर रहे हैं. ऐसे में सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस तरह के पत्र को गंभीरता से लेने की जरूरत नहीं है.

पहले भी वायरल होते रहे हैं इस तरह के पत्र
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है यह पत्र अब हिमाचल प्रदेश की राजनीति में नया मोड़ लेता हुआ नजर आ रहा है. इससे पहले तत्कालीन जयराम सरकार के दौरान भी इस तरह के गुमनाम पत्र वायरल होते रहे हैं. कोरोना काल के दौरान भी तत्कालीन भाजपा सरकार में भ्रष्टाचार को लेकर इस तरह का पत्र वायरल हो चुका है. अब ऐसा ही वायरल पत्र सुखविंदर सिंह सुक्खू की व्यवस्था परिवर्तन वाली सरकार को भी परेशान कर रहा है. सरकार की चिंता का विषय यह भी है कि यह आरोप और किसी पर नहीं बल्कि मुख्यमंत्री कार्यालय में तैनात मुख्यमंत्री के करीबी अधिकारी पर ही लगे हैं.