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पटना। बिहार के मदरसों में दी जाने वाली शिक्षा के मामले पर एनडीए के घटक दल बीजेपी और जेडीयू आमने-सामने आ गए हैं। बीजेपी कोटे से बिहार सरकार में कैबिनेट मंत्री नीरज बबलू और श्रम संसाधन मंत्री जीवेश मिश्रा ने राज्य के मदरसों की शिक्षा शैली पर सवाल उठाया था। इसके बाद बचाव में जेडीयू कोटे के मंत्री विजय चौधरी सामने आ गए। विजय चौधरी ने गुरुवार को कि मदरसे अल्पसंख्यक समुदाय के बच्चों में राष्ट्रवादी भावना को जगाते हैं। अब जेडीयू नेता और बिहार के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री जमा खान ने भी मदरसों के पक्ष में बयान दिया है।
जमा खान ने कहा कि मदरसों के खिलाफ बोलने वाले पहले चलकर उसे देखें, वहां अगर आतंकी पाए गए तो हम राजनीति छोड़ देंगे। उन्होंने कहा कि जो लोग मदरसों को लेकर बयानबाजी करते हैं, उनको जानकारी नहीं है। उन्हें लगता है कि मदरसों में आतंकवाद की पढ़ाई होती है। जबकि मदरसों में नैतिकता, मानवता व देशप्रेम का पाठ पढ़ाया जाता है। जमा खान ने पटना में एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान बीजेपी नेताओं द्वारा पूर्व में मदरसों को लेकर दिए गए बयानों को लेकर ये बातें
बता दें कि बिहार सरकार में मंत्री और बीजेपी नेता नीरज कुमार बबलू ने कहा था कि मदरसों में सभी तरह की पढ़ाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा था कि मदरसों में पढ़ाई के लिए फंड तो राज्य सरकार की ओर से ही जाता है, लेकिन लगभग सभी मदरसों में अपने मन मुताबिक पढ़ाई कराई जाती है। वहां ना तो हिन्दुस्तान के हिसाब से पढ़ाया जाता है, ना पढ़ाई की तरह पढ़ाई कराई जाती है। वहीं बिहार सरकार में ही मंत्री जीवेश मिश्रा ने कहा था कि मदरसों में देश विरोधी और हिन्दू विरोधी शिक्षा दी जाती है।
जमा खान ने कहा कि जो हमारी धार्मिक किताबें हैं, उनमें मानवता का पाठ पढ़ाया जाता है। मदरसों से ही देश में कई उलेमा निकले हैं, जिन्होंने देश के लिए कुर्बानियां दी है। कहा कि लोग अफवाह उड़ाते हैं। लेकिन जब जांच की जाती है तो कुछ नहीं मिलता। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सभी धर्म के लोगों को साथ लेकर चलते हैं। कौन क्या बयान देता है, उन्हें सब जानकारी है। मैं अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हूं, इसलिए मेरी यह जिम्मेदारी है कि मैं अपना पक्ष रखूं। जो लोग जिम्मेदारी के पद पर हैं उन्हें बिना जानकारी के ऐसी बयानबाजी नहीं करनी चाहिए। इससे माहौल खराब होता है।