
हेल्थ डेस्क. शारीरिक संबंध को लेकर सोचना और बात करना जहां पहले की महिलाओं के लिए वर्जित था। वहीं, आज के दौर में वो इस पर खुलकर चर्चा करने लगी हैं। वो समझ गई हैं कि सेक्स उनका बुनियादी हक हैं। लेकिन इनकी संख्या आज भी कम है।
सेक्स से जुड़ी समस्याओं के इजहार करने में महिला अभी भी पीछे
सेक्स से जुड़ी समस्याओं को सुलझाने वाले हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि अभी भी सेक्स को लेकर पुरुष और महिलाओं की सोच में जमीन आसमान का अंतर हैं। 70 प्रतिशत पुरुष जहां अपनी समस्याओं को लेकर आते हैं, वहीं 30 प्रतिशत महिलाएं ही अस्पताल में पहुंचती हैं।
चरम सुख को लेकर औरत और पुरुष दोनों कंफ्यूज
हालांकि दोनों में जो सबसे ज्यादा कॉमन प्रॉब्लम होती है वो सेक्स में उत्तेजना को लेकर है। ज्यादातर पुरुष उत्तेजना संबंधित दिक्कतों का सामना करते हैं। वो वहीं औरते चरम सुख यानी प्लेजर प्वाइंट तक पहुंचने में दिक्कत महसूस करती हैं। लेकिन यह भी सच है कि आज सेक्स को लेकर प्रयोग बढ़ गए हैं।
बिस्तर पर महिलाएं भी हो गई हैं डिमांडिंग
इंटरनेट के युग में पुरुष के साथ-साथ महिलाएं भी एडल्ट मूवी देखने लगी हैं। वो बिस्तर पर अपने पार्टनर के साथ खुलने लगी हैं। कई महिलाएं तो पोजिनशन को डिमांडिंग भी हो गई हैं।
45 के बाद दर्द का अनुभव
सेक्स के दौरान महिलाएं दर्द का सामना करती हैं। 45 साल से ज्यादा उम्र की महिलाओं का सेक्स के प्रति रूचि कम होने लगता है। क्योंकि वो सेक्स के दौरान दर्द का अनुभव करने लगती हैं। इसके पीछे वजह ल्यूब्रिकेंट की कमी है। योनि में चिकनाई कम होने लगती है। हेल्थ एक्सपर्ट कहते हैं कि इसके लिए बाजार में कई ल्यूब्रिकेंट मिलते हैं जिसका इस्तेमाल शारीरिक संबंध बनाने के दौरान किया जा सकता है।
मैस्टर्बेशन को लेकर गलत सोच
सेक्सॉलजिस्ट की मानें तो भले ही हमारी सोच काफी आगे बढ़ रही है। लेकिन सेक्स वर्जित यानी टैबू सब्जेक्ट अभी भी है। हस्तमैथुन (मैस्टर्बेशन) को लेकर हमारी सोच अभी भी है कि इससे करने से कमजोरी आती है। इससे बीमारी जकड़ लेती हैं। ज्यादातर महिलाएं तो मैस्टर्बेशन करना जानती भी नहीं। जबकि सच तो यह है कि मैस्टर्बेशन नॉर्मल है, यह कोई बीमारी नहीं है। पुरुष और महिला दोनों के लिए यह एक नेचुरल प्रोसेस हैं।