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जोधपुर। जोधपुर-जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहा 80 वर्षीय आसाराम कोरोना संक्रमित होने के बाद से लगातार स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों से घिरा हुआ है। गुरुवार को जब उसे जिला न्यायालय में पेश किया गया तो वह कमजोर नजर आ रहा था।
साराम में अब इतनी भी ताकत नहीं रही कि वह अपने बल पर चल पाए। वह पुलिसवालों के सहारे चलता नजर आया। पुलिस की गाड़ी से उतर कर अदालत जाने तक पुलिसकर्मियों को आसाराम को सहारा देना पड़ा।
पुलिसकर्मियों को देना पड़ा सहारा
इस दौरान आसाराम अपने स्वास्थ्य को लेकर परेशान नजर आया। वह पुलिसवालों से कह रहा था कि डॉ. अरुण त्यागी जी से कब कहेंगे इलाज के लिए, तो एक पुलिसवाले ने कहा कि आप कोर्ट में कहो, कोर्ट ऑर्डर देगा तो डॉ. अरुण त्यागी जी आएंगे। आसाराम बेहद धीमी गति से चलता हुआ कोर्ट में गया। कुछ समय पहले जब आसाराम को जेल से बाहर लाया जाता था तो वह खुद पुलिस के वाहन से नीचे उतरता और आराम से चलकर कोर्ट तक पहुंचता था, लेकिन पांच मई को कोरोना की चपेट में आने के बाद से वह शारीरिक रूप से टूट चुका है।
आसाराम शुरू से ही आयुर्वेदिक उपचार लेता रहा है। जब उसे गिरफ्तार किया गया तो उसे आयुर्वेदिक दवाएं देने के लिए उसकी वैद्य नीता जोधपुर आई थी। यौन शोषण के मामले की सुनवाई के दौरान उसे एकबार आयुर्वेद विश्वविद्यालय में भर्ती करवाया गया था। सजा मिलने के बाद अब बीमार होने पर कोर्ट के निर्देश पर उसे जोधपुर में भी आयुर्वेद उपचार दिया जा रहा है। उसका उपचार डॉक्टर अरुण त्यागी कर रहे हैं।
हालांकि कोरोना के बाद से उसे एम्स में भी नियमित चेकअप के लिए ले जाया जाता है, जहां पर आसाराम ने कई बार अंग्रेजी दवा लेने से भी इनकार किया है। वर्तमान में उसे यूरिन इन्फेक्शन और पेट से जुड़ी परेशानियां हैं।