सावधान! कहीं आप भी तो नहीं खा रहे ये ‘जहर’, कर सकता है दिल का काम तमाम, WHO ने किया अलर्ट

Attention Are you also eating this 'poison', it can do all the work of the heart, WHO alerted
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नई दिल्ली: आजकल हार्ट अटैक का खतरा तेजी से बढ़ता जा रहा है. एक्सपर्ट मानते हैं कि ज्यादा मसालेदार, तली हुई चीजें और फास्ट फूड खाने से शरीर में कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ जाता है. इससे हार्ट अटैक, स्ट्रोक, डायबिटीज, ब्लड प्रेशर का खतरा बना रहता है. एक रिपोर्ट के मुताबिक विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का कहना है कि आज भी दुनिया के 5 अरब लोग ट्रांस फैट का सेवन कर रहे हैं. इससे दिल की बीमारी के खतरा लगातार बढ़ रहा है. डब्ल्यूएचओ का कहना है कि कई देश इस जहरीले पदार्थ को लोगों की पहुंच से दूर करने में नाकाम हैं.

बता दें कि साल 2018 में WHO ने फ्रैक्ट्रियों में बनने वाली फैटी एसिड को 2023 तक दुनिया भर में खत्म करने की एक अपील की थी. डब्ल्यूएचओ का मानना था कि फैटी एसिड की वजह से पिछले कुछ सालों में करीब 5 लाख लोगों की मौत हुई है.

एक इंटरनेशनल स्वास्थ्य एजेंसी ने किया बड़ा दावा
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो एक इंटरनेशनल हेल्थ एजेंसी का कहना है कि 40 से ज्यादा देशों ने ट्रांस फैट को खत्म करने के लिए कई शानदार नीति लागू की हैं लेकिन अभी भी दुनिया में 5 अरब से ज्यादा लोग इस खतरनाक जहर का सेवन कर रहे हैं. एजेंसी का कहना है कि ट्रांस फैट की वजह से दिल की बीमारी का खतरा बढ़ सकता है. कई देशों में अभी भी ट्रांस फैट को लेकर कोई नीति नहीं बनाई गई है.

क्या होता है ट्रांस फैट
ट्रांस फैट एक टाइप का अनसैचुरेटेड फैटी एसिड है. एक्सपर्ट मानते हैं कि इससे शरीर को काफी नुकसान होता है. जब इसका उपयोग फैक्ट्रियों में तैयार किए जाने वाले फूड आइटम में होता है तो यह एक धीमा जहर बन जाता है. एक रिपोर्ट के मुताबिक वनस्पति तेल में खतरनाक लेवल का ट्रांस फैट होता है. यह अक्सर पैक्ड फूड जैसे चिप्स, कुकीज, केक और भी कई खाद्य पदार्थों में पाया जाता है. ट्रांस फैट वाला तेल हार्ट की आर्टरी को ब्लॉक कर सकता है. विशेषज्ञों का कहना है कि ट्रांस फैट एक जहरीला कैमिकल है. इस आपके भोजन में कोई स्थान नहीं होना चाहिए.

ट्रांस फैट को खत्म करने की अपील
माना जाता है कि प्रोडक्ट की शैल्फ लाइफ बढ़ाने के लिए ट्रांस फैट का इस्तेमाल किया जाता है. डब्लूएचओ का कहना है कि ट्रांस फैट की वजह से दिल की बीमारी का खतरा बढ़ सकता है. हाई रिस्क वाले 16 देशों में से 9 देशों ने अभी तक ट्रांस फैट को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाया है. डब्लूएचओ ने ऐसे देशों को फौरन कार्रवाई करने की अपील की है.