इन सात मोर्चों पर मोदी सरकार और उपभोक्ताओं के लिए राहत लेकर आया अगस्त

August brought relief for Modi government and consumers on these seven fronts
August brought relief for Modi government and consumers on these seven fronts
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नई दिल्ली। अगस्त माह का पहला दिन वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में रिकॉर्ड कलेक्शन के साथ, बेरोजगारी में गिरावट, विमान ईंधन की कीमतों में कमी और कॉमर्शियल गैस सिलेंडर के दाम में नरमी समेत सात मोर्चे पर सरकार और उपभोक्ताओं के लिए राहत लेकर आया है। वर्ष 2017 में जीएसटी की शुरुआत के बाद यह छठा मौका है जब जीएसटी कलेक्शन 1.40 लाख करोड़ रुपये के पार रहा है। इसे देश की अर्थव्यवस्था को कोविड की चुनौतियों से पार पाकर तेजी रफ्तार पकड़ने के संकेत के रूप में देखा जा रहा है।

1. जीएसटी कलेक्शन बजट अनुमान के पार पहुंचेगा

आर्थिक सुधार और कर चोरी को रोकने के लिए किए गए उपायों के कारण जुलाई में जीएसटी कलेक्शन 28 फीसद बढ़कर 1.49 लाख करोड़ रुपये हो गया। सरकार ने सोमवार को यह जानकारी दी। माल एवं सेवा कर (जीएसटी) कलेक्शन जुलाई, 2021 में 1,16,393 करोड़ रुपये था।

वित्त मंत्रालय ने बयान में कहा कि जुलाई, 2017 में जीएसटी लागू होने के बाद से यह दूसरा सबसे बड़ा मासिक कलेक्शन है। इससे पहले अप्रैल, 2022 में कलेक्शन 1.68 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड उच्चस्तर पर पहुंच गया था। मंत्रालय ने कहा कि यह छठा मौका है और मार्च, 2022 से लगातार पांचवां महीना है, जब मासिक जीएसटी कलेक्शन 1.40 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा है। बयान के अनुसार, चालू वित्त वर्ष में जुलाई, 2022 तक जीएसटी राजस्व में पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 35 फीसद की वृद्धि हुई है। इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि जुलाई 2022 में जीएसटी कलेक्शन इस साल के मासिक औसत अनुमान 1.45 लाख करोड़ रुपये से अधिक है। हमें इसमें सीजीएसटी कलेक्शन के लिए वित्त वर्ष 2022-23 के बजट अनुमानों के मुकाबले बढ़ोतरी की उम्मीद है। जुलाई में वस्तुओं के आयात से राजस्व में 48 फीसद की बढ़ोतरी हुई।

2. विनिर्माण में तेजी से रोजगार बढ़ेंगे

भारत में विनिर्माण क्षेत्र की गतिविधियां जुलाई 2022 में आठ महीने के उच्च स्तर पर पहुंच गईं। एक मासिक सर्वेक्षण में सोमवार को कहा गया कि व्यापार आर्डर में उल्लेखनीय वृद्धि के कारण यह तेजी आई। इससे रोजगार के मौके बढ़ सकते हैं। मौसमी रूप से समायोजित एसएंडपी ग्लोबल इंडिया का विनिर्माण खरीद प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई) जून में 53.9 से बढ़कर जुलाई में 56.4 हो गया। यह आठ महीनों का उच्चतम स्तर है। जुलाई के पीएमआई आंकड़ों ने लगातार 13वें महीने के लिए समग्र परिचालन स्थितियों में सुधार की ओर इशारा किया। पीएमआई की भाषा में 50 से ऊपर अंक का मतलब विस्तार होता है, जबकि 50 से नीचे का अंक संकुचन को दर्शाता है। एसएंडपी ग्लोबल मार्केट इंटेलिजेंस की संयुक्त निदेशक पोलियाना डी लीमा ने कहा, भारतीय विनिर्माण उद्योग जुलाई के दौरान तेज आर्थिक वृद्धि और मुद्रास्फीति में नरमी के स्वागतयोग्य रुख से रूबरू हुआ।उन्होंने कहा कि पिछले नवंबर के बाद से उत्पादन में सबसे तेज गति से विस्तार हुआ है और यह नए आर्डर में तेजी को दर्शाता है।

3. विमान ईंधन के दाम में सबसे बड़ी कटौती

देश में विमान ईंधन (एटीएफ) की कीमतों में सोमवार को 12 फीसदी की भारी कटौती हुई। यह एटीएफ में अब तक की सबसे बड़ी कटौती है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में कमी के संभावनाओं के बीच यह कमी हुई। राष्ट्रीय राजधानी में एटीएफ की कीमत में 16,232.36 रुपये प्रति किलोलीटर या 11.75 फीसद की कटौती हुई और इसका भाव 121,915.57 रुपये प्रति किलोलीटर हो गया है। यह दरों में अब तक की सबसे बड़ी कमी है। इससे पहले 16 जुलाई को 3,084.94 रुपये प्रति किलोलीटर (2.2 फीसद) की कमी हुई थी।

4. कॉमर्शियल एलपीजी हुई सस्ती

19 किलोग्राम के कॉमर्शियल एलपीजी सिलेंडर की कीमत 36 रुपये घटाकर 1,976.50 रुपये कर दी गई है। कॉमर्शियल एलपीजी का इस्तेमाल होटल, रेस्टोरेंट और अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठानों द्वारा किया जाता है। मई के बाद से कॉमर्शियल एलपीजी दरों में यह चौथी कटौती है। कुल मिलाकर कीमतों में प्रति सिलेंडर 377.50 रुपये की कमी हुई है। घरेलू रसोई में इस्तेमाल होने वाली एलपीजी गैस की कीमत में कोई बदलाव नहीं हुआ है। राष्ट्रीय राजधानी में 14.2 किलोग्राम के घरेलू एलपीजी सिलेंडर की कीमत 1,053 रुपये है।

5. बेरोजगारी दर छह माह ने निचले स्तर पर

इस साल जुलाई में देश में बेरोजगारी दर घटकर 6.80 फीसदी पर पहुंच गई। जबकि इस साल जून में यह 7.80 फीसदी के स्तर पर थी। बेरोजगारी दर का यह छह माह का सबसे निचला स्तर है। सीएमआईई के आंकड़ों में यह बात सामने आई है। इसमें कहा गया है कि अच्छे मानसून से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़े हैं।

6. वाहन बिक्री ने भरा फर्राटा

टाटा मोटर्स की कुल बिक्री जुलाई, 2022 में सालाना आधार पर 51.12 फीसद बढ़कर 81,790 इकाई हो गई। मारुति सुजुकी की कुल बिक्री जुलाई, 2022 में 8.28 फीसद बढ़कर 1,75,916 इकाई हो गई। हुंडई मोटर इंडिया की कुल बिक्री जुलाई, 2022 में छह फीसद बढ़कर 63,851 इकाई हो गई। महिंद्रा एंड महिंद्रा (एमएंडएम) की घरेलू यात्री वाहनों की कुल बिक्री सालाना आधार पर 33 फीसद बढ़कर 28,053 इकाई हो गई। किआ इंडिया की थोक बिक्री जुलाई, 2022 में 47 फीसद बढ़कर 22,022 इकाई हो गई।

7. बिजली की खपत 3.8 फीसद बढ़ी

देशभर में मानसून की बारिश के बीच बिजली की खपत जुलाई माह के दौरान सालाना आधार पर 3.8 फीसद बढ़कर 128.38 अरब यूनिट (बीयू) पर पहुंच गई। बिजली मंत्रालय की तरफ से जारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। बिजली की मांग में तेजी कारोबारी गतिविधियों में वृद्धि का संकेत मानी जाती है। इससे पिछले वर्ष जुलाई में बिजली की खपत 123.72 अरब यूनिट, जबकि वर्ष 2020 के इसी महीने में 112.14 अरब यूनिट रही थी।