48 घंटे में शुरू हो रहा है शारदीय नवरात्रि का शुभ मुहूर्त, यहां जानें कलश स्थापना का सही तरीका

Auspicious time of Sharadiya Navratri is starting in 48 hours, know here the right way to establish Kalash
Auspicious time of Sharadiya Navratri is starting in 48 hours, know here the right way to establish Kalash
इस खबर को शेयर करें

Shardiya Navratri 1st Day 2022: हिंदू धर्म में शारदीय नवरात्रि का बड़ा महत्व है. इस साल शारदीय नवरात्रि शुरू होने में कुछ ही दिन बचे हैं. नवरात्रि की मंदिरों में तैयारी पूरी हो चुकी हैं. नवरात्रि के पहले दिन यानी प्रतिपदा पर घरों में कलश स्थापना की जाती है. नवरात्रि के 9 दिन लोग बड़ी श्रृद्धा से मां दुर्गा की पूजा आराधना करते हैं. इस साल 26 सितंबर यानी सोमवार से शारदीय नवरात्रि शुरू हो रहे हैं. ये 4 अक्टूबर तक चलेंगे. आइए बताते हैं हैं शुभ मुहूर्त और पूजा विधि.

शुभ मुहूर्त
शारदीय नवरात्रि की प्रतिपदा 26 सितंबर 2022 को सुबह 03:23 बजे से प्रारंभ होगी, जो कि 27 सितबंर 2022 को सुबह 03:08 बजे समाप्त होगी.

आश्विन कलश स्थापना- 26 सितंबर सुबह 06:11 से 07:51 तक
अवधि – 01 घंटा 40 मिनट
घटस्थापना अभिजित मुहूर्त – सुबह 11:48 से दोपहर 12:36 तक
अवधि – 48 मिनट

कैसे करें कलश स्थापना?
शारदीय नवरात्रों में कलश स्थापना का काफी महत्व माना जाता है. नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना करके मां शैलीपुत्री की पूजा की जाती है, जो लोग 9 दिनों का व्रत रख रहे हैं, उन्हें कलश स्थापना के साथ ही मां दुर्गा की पूजा-अर्चना का सच्चे मन से संकल्प लेना चाहिए. सोमवार से शुरू होने वाले शारदीय नवरात्रि में कलश स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त का समय इस बार 1.40 घंटे का है.

पूजा में इस्तेमाल होने वाली सामग्री
सबसे पहले मां दुर्गा की प्रतिमा, दुर्गा चालीसा और आरती की किताब, दीपक, घी/ तेल, फूल, फूलों का हार, पान, सुपारी, लाल झंडा, इलायची, बताशे या मिसरी, असली कपूर, उपले, फल व मिठाई, कलावा, मेवे, हवन के लिए आम की लकड़ी, जौ, वस्त्र, दर्पण, कंघी, कंगन-चूड़ी, सिंदूर, केसर, कपूर, हल्दी की गांठ और पिसी हुई हल्दी, पटरा, सुगंधित तेल, चौकी चाहिए होगी.

ऐसे करें कलश स्थापना
कलश स्थापना करने के लिए माता की चौकी को उत्तर-पूर्व दिशा में स्थापित करना चाहिए. इस चौकी को गंगाजल छिड़ककर पवित्र कर लें. अब चौकी पर लाल रंग से स्वास्तिक बनाकर कलश स्थापित करें. इस कलश में आम के पत्ते लगाएं और गंगाजल भरें. कलश में आप एक सुपारी, कुछ सिक्के, दूर्वा, हल्दी की एक गांठ भी डाल सकते हैं. कलश के मुख पर एक लाल वस्त्र से नारियल लपेट कर रखें. कलश स्थापना के बाद मां दुर्गा के शैलपुत्री अवतार की पूजा करें. हाथ में फूल लेकर मां की आरती करें. आप पूजा में ‘ऊं ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै.’ इस मंत्र का जप करें.