अयोध्‍या: राम मंदिर के गर्भगृह में बना कमल के फूल का आसन, उस पर रखा जाएगा सोने का सिंहासन

Ayodhya: Lotus flower seat made in the sanctum sanctorum of Ram temple, a gold throne will be placed on it.
Ayodhya: Lotus flower seat made in the sanctum sanctorum of Ram temple, a gold throne will be placed on it.
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अयोध्‍या: राम मंदिर का भव्‍य मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए तैयार हो गया है। मंदिर का गर्भगृह जहां रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा होनी है उसकी पूरी तरह से फिनिशिंग हो चुकी। मंदिर ट्रस्‍ट के ट्रस्‍टी डॉ. अनिल मिश्र ने संगमरमर पर बने कमल के फूल के जिस आसन पर रामलला का सिंहासन रखा जाएगा उसे गर्भगृह में स्थापित कर दिया गया है। जल्द ही खगोलीय वैज्ञानिक इसकी ऊंचाई सेट करेंगे। इससे रामनवमी पर दोपहर 12 बजे सूर्य किरणें रामलला के ललाट का स्पर्श कर गर्भगृह को रोशन करेंगी। सूत्रों के अनुसार प्राण-प्रतिष्‍ठा के समय मुख्‍य यजमान बने पीएम नरेंद्र मोदी अस्‍थाई मंदिर से रामलला को अपने हाथों में रखकर भव्‍य राम मंदिर के गर्भगृह में ले जाएंगे। ठीक उसी तरह से जैसे सीएम योगी आदित्‍यनाथ टाट के मंदिर से रामलला को अस्थाई मंदिर तक लेकर आए थे।

डॉ. अनिल मिश्र ने बताया 25 हजार लोगों के रहने खाने व सुलभ दर्शन करवाने की व्‍यवस्‍था की जा रही है। 25 हजार लोगों के ठहरने के लिए 4 टेंट सिटी, धर्मशालाओं व मठ-मंदिरों में व्‍यवस्‍था की गई है। उन्होंने बताया कि रामलला की प्रतिमा की फोटो तभी खींची जा सकेगी जब मूर्तिकार उनको वस्‍त्र पहना देंगे।

मूर्तियों की फिनिशिंग का काम चल रहा

रामलला की मूर्तियों का निर्माण देश के तीन मूर्तिकार कर रहे है। निर्माण कार्य पूरा हो गया है। अब फिनिशिंग का काम चल रहा है। इनमें दो मूर्तिया पांच साल के बाल रूप में रामलला की श्‍याम रंग की है जबकि एक संगमरमर की है। मंदिर ट्रस्‍ट इनमें से सबसे लुभावली प्रतिमा का चयन गर्भगृह में प्राण प्रतिष्‍ठा के लिए चयन करेगा। रामलला के दर्शन के लिए 45 दिनों तक 25 हजार श्रद्धालुओ को रोजाना बुलाया जाएगा।

जोधपुर से बैलगाड़ी से पहुंचा 600 KG गोघृत

जोधपुर के ओम महाऋषि संदीपनी रामराज आश्रम से बैलगाड़ी से 600 किलो गाय का घी 108 कलशों में भर कर अयोध्या भेजा गया है। रामलला की स्थापना के अवसर पर रामलला के सामने जलने वाली ज्योति व प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम के अनुष्ठान में इस गोघृत का प्रयोग किया जाएगा। स्‍वामी ओम महाऋषि ने मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय और कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरि को गोघृत सौंपा। स्‍वामी गोविंद देव गिरि ने कहा कि गाय का घी सबसे शुद्ध माना गया। इसका जिक्र आयुर्वेद की प्रमुख औषधियों में किया गया है।

थाइलैंड से आई मिट्टी, कंबोडिया से हल्‍दी

स्‍वामी गोविंद देव गिरि ने कहा कि राम मंदिर के लिए विदेश से भी अनेक दुर्लभ सामग्रियां भेजी जा रही हैं। थाईलैंड में भी अयोध्‍या नगरी है। उनके राजा का नाम भी राम ही है। उस नगरी की मिट्टी भी उपहार स्वरूप भेजी गई है। इसके अलावा कंबोडिया से हल्‍दी भेजी गई है जिसकी सुगंध केसर की तरह है। यह हल्दी मंदिर ट्रस्‍ट को मंगलवार को प्राप्‍त हुई है, जिसे प्राण प्रतिष्‍ठा कार्यक्रम में शामिल करने का अनुरोध किया गया है।