बुरी खबर: उत्तराखंड में जोशीमठ के बाद कर्णप्रयाग में भी भू धंसाव, लोग घर छोड़ने को मजबूर

Bad news: After Joshimath in Uttarakhand, landslide in Karnprayag, people forced to leave their homes
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कर्णप्रयाग: उत्तराखंड का चमोली जिला लगातार भू धंसाव की चपेट में आ रहा है. एक ओर जहां जोशीमठ (Joshimath Crisis) में लगातार भू धंसाव की स्थिति बरकरार है. वहीं वर्ष 2021 से कर्णप्रयाग क्षेत्र के बहुगुणा नगर की स्थिति भी खराब बनी हुई है. इन दिनों बहुगुणा नगर में मकानों की दरारें बेहद मोटी होने के साथ मकानों के दरकने का क्रम लगातार बढ़ता जा रहा है. इस वजह से स्थानीय लोग अपना आशियाना छोड़ने के लिए मजबूर हो रहे हैं. एक ओर स्थानीय लोग अपने घरों की स्थिति को देखकर परेशान हो रहे हैं, तो वह साफ तौर पर इसका जिम्मेदार एनएच (राष्ट्रीय राजमार्ग) को मान रहे हैं.

स्थानीय निवासी मुकेश खंडूरी का कहना है कि जब से एनएच ने रोड कटिंग का काम शुरू किया था और कटिंग के बाद एनएच द्वारा वॉल नहीं लगाई गई. बरसात के मौसम में जिसकी वजह से हमारे घरों में लगातार दरारें बढ़ती चली गईं और वर्तमान समय में हम अपने घर छोड़ने के लिए मजबूर हैं. अगर हल्की सी भी बरसात आती है तो हमारे घर गिरने की स्थिति में हैं. वहीं, बहुगुणा नगर की स्थानीय निवासी 55 वर्षीय गणेशी देवी कहती हैं कि हमें शासन प्रशासन द्वारा आश्वासन तो दिया जा रहा है, लेकिन हमें मुआवजे की और विस्थापित करने की कोई बात नहीं कर रहा है. हम मर भी जाएंगे, लेकिन जब तक हमारा मुआवजा नहीं मिलता है, हम अपना घर नहीं छोड़ेंगे.

कर्णप्रयाग के उपजिलाधिकारी ने कही ये बात
कर्णप्रयाग के उपजिलाधिकारी हिमांशु कफलटिया ने बताया कि कर्णप्रयाग के बहुगुणानगर में 39 भवन भू धंसाव की चपेट में आने से पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हैं, जिसमें से 38 निजी भवन और एक सरकारी भवन है. हमारे द्वारा अभी आठ परिवारों को शिफ्ट करवा दिया गया है और साथ ही प्रभावित परिवारों के लिए जिलाधिकारी को पत्र भेजा गया है, जिसमें प्रभावित परिवारों को मासिक किराया देकर दूसरे स्थान पर शिफ्ट करने के लिए लिखा गया है. उन्होंने आगे कहा कि इसके अतिरिक्त बहुगुणानगर क्षेत्र में जियोलॉजिकल सर्वे के लिए कहा गया है, जिससे भूमि का पता लगाया जा सके. वहीं, चमोली के जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने निर्देश दिया है कि यदि प्रभावित परिवारों में से किसी की आजीविका प्रभावित हुई है, तो मनरेगा की दर से क्षतिपूर्ति की जाएगी. उन्होंने बताया कि क्योंकि यह क्षेत्र काफी संवेदनशील है, इसलिए फिलहाल सुरक्षा को देखते हुए प्रभावितों को जल्द दूसरी जगह शिफ्ट किया जाएगा.