हिमाचल के चिंतपूर्णी मंदिर में नारियल ले जाने पर लगा बैन, आखिर क्यों लेना पड़ा यह फैसला?

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मंदिर जाते समय ईश्वर को अर्पित करने के लिए लोग प्रसाद ले जाते हैं। आमतौर पर मंदिरों में लोग नारियल चढ़ाते हैं। इसके साथ-साथ मिठाई, अनाज, कपूर, आदि भी मंदिरों में ईश्वर को चढ़ाया जाता है। ऐसे में हिमाचल प्रदेश के एक मंदिर में अब नारियल ले जाने पर बैन लगा दिया गया है। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि अगले हफ्ते से शुरू हो रहे नवरात्र मेले के दौरान माता चिंतपूर्णी मंदिर में श्रद्धालुओं को नारियल ले जाने की अनुमति नहीं होगी।

ऊना के पुलिस उपायुक्त राघव शर्मा ने शुक्रवार को बताया, श्रद्धालुओं की सुरक्षा को देखते हुए मेले के दौरान मंदिर में नारियल ले जाने पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। बता दें कि माता चिंतपूर्णी नवरात्र मेला 22 मार्च से शुरू हो रहा है। पुलिस अधिकारी ने बताया, मंदिर के मुख्य द्वार पर श्रद्धालुओं से नारियल एकत्र किए जाएंगे। यानी अगर मंदिर में कोई श्रद्धालु नारियल ले जा रहा होगा तो उससे मंदिर के मुख्य द्वार पर ही नारियल ले लिया जाएगा। प्रशासन ने यह फैसला श्रद्धालुओं की सुरक्षा को देखते हुए लिया है। साथ ही पुलिस अधिकारी ने बताया कि पुलिसकर्मी और होमगार्ड मंदिर में मौजूद भिखारियों पर भी कड़ी नजर रखेंगे।

पुलिस के अधिकारी ने बताया कि मेले के दौरान मंदिर में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए मेला क्षेत्र को चार सेक्टरों में बांटा जाएगा। मंदिर में लगभग 400 पुलिसकर्मियों और होमगार्ड को तैनात किया जाएगा। साथ ही मंदिर क्षेत्र में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे ताकि असामाजिक तत्वों द्वारा होने वाली अप्रिय घटनाओं को रोका जा सके।

पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, मंदिर में दर्शन करने जा रहे श्रद्धालुओं के लिए दर्शन पर्ची अनिवार्य होगी। यानी अगर कोई श्रद्धालु बिना दर्शन पर्ची के मंदिर में पहुंचेगा तो उसे मंदिर के अंदर एंट्री नहीं दी जाएगी। श्रद्धालु भक्त बाबा श्री मैदास सदन, नया बस अड्डा और शंभू बैरियर से पर्ची प्राप्त कर सकते हैं। साथ ही सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए मंदिर में नारियल ले जाने पर बैन लगा दिया गया है। अगर कोई श्रद्धालु नारियल लेकर जाएगा तो उससे मंदिर के मुख्य द्वार पर ही नारियल ले लिया जाएगा।