अगर इन तरीकों से भगाते हैं मच्छर तो हो जाएं सावधान! कैंसर तक का खतरा, रिसर्च में हुए चौंकाने वाले खुलासे

Be careful if you drive mosquitoes away with these methods! Risk of cancer, shocking revelations in research
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गर्मियों का मौसम शुरू हो गया है। गर्मी और बारिश के दिनों में मच्छर-मक्खी परेशान करते हैं। मच्छर घर के कोने कोने में छिपे रहते हैं। मच्छरों से मलेरिया, डेंगू, चिकुनगुनिया जैसी कई तरह की खतरनाक बीमारियां होती हैं। ऐसे में मच्छरों को घर से भगाने के लिए ज्यादातर लोग मच्छर भगाने वाली क्वॉइल, अगरबत्ती या इलेक्ट्रिक रीफिल मशीन का उपयोग करते हैं। इन उपायों से आपको कुछ समय के लिए तो मच्छरों से छुटकारा तो मिल जाता है, लेकिन इसके दुष्प्रभाव भी पड़ते हैं। एक शोध में पता चला है कि मच्छर भगाने वाली क्वॉइल या अगरबत्तियों का धुआं हमारे फेफड़ों को बहुत नुकसान पहुंचा सकता है। साथ ही यह कैंसर का कारण भी बन सकता है।

एक क्वॉइल 100 सिगरेट पीने के समान!
चेस्ट रिसर्च फाउंडेशन के शोध में पता चला है कि मच्छरों को भगाने वाली क्वॉइल में कैंसर पैदा करने वाले कई सारे गुण होते है। चीन और ताइवान में हुई एक स्टडी में भी यह बात सामने आई है की मच्छरों को भगाने वाली क्वॉइल के धुएं का सीधा कनेक्शन कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से है। शोध में पता चला है कि एक क्वॉइल का घर में जलाना 100 सिगरेट पीने के समान होता है। इससे निकलने वाली धुआं फेफड़ों को बहुत नुकसान पहुंचाती है।

कैंसर का खतरा
कई अध्ययन में वैज्ञानिकों ने पाया कि लगातार मॉस्किटो कॉइल के जलाने से घर का वातावरण प्रदूषित होता है। मॉस्किटो कॉइल के लगातार संपर्क में रहने के कारण फेफड़ों के कैंसर का जोखिम बढ़ जाता है।

नवजात के लिए जहर के समान
अगर घर में नवजात शिशु या कोई बच्चा है जिसकी उम्र 6 साल से कम है तो उसके आसपास मॉस्किटो कॉइल नहीं जलानी चाहिए। इससे निकलने वाला धुआं उनकी सेहत के लिए जहर के समान होता है और कई गंभीर बीमारियों का कारण है।

सांस लेने में दिक्कत
अक्सर आपने ये देखा होगा कुछ लोग मच्छरों से बचने के लिए अपने बेड के नीचे कॉइल को जला देते हैं। ऐसा करना खुद की जान लेने के बराबर है। दरअसल, कॉइल से निकलने वाला धुआं सीधे व्यक्ति के शरीर में जाता है जिससे उसे सांस लेने में तकलीफ हो सकती है और गंभीर परिस्थितियों में हार्टअटैक भी आ सकता है।

नो स्मोक क्वॉइल भी खतरनाक
बता दें कि आजकल बाजार में नो स्मोक क्वॉइल भी मिलती है। इस क्वॉइल में धुआं नहीं होता लेकिन यह भी हमारे शरीर के लिए हानिकारक होती है। इसमें एक ऐसा पदार्थ निकलता है जो शरीर के लिए बहुत नुकसानदायक होता है। दरअसल, नो स्मोक क्वॉइल से कार्बन मोनोऑक्साइड बहुत अधिक मात्रा में निकलता है। यह फेफड़ों को बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचाता है।

लिक्विड मशीन
कुछ लोग मच्छरों को भगाने के लिए लिक्विड मशीन का उपयोग भी करते हैं। लेकिन लिक्विड मशीन भी फेफड़ों को नुकसान पहुंचाती है। लिक्विड मशीन से भी फेफड़ों को बहुत अधिक नुकसान होता है। दरअसल, जब हम बंद कमरे में लगातार इसको इन्हेल करते है तो यह हमारे फेफड़ों को डैमेज कर सकती है।